वर्ष 2024-2025 (वित्त वर्ष 2025-2026) के लिए आइटीआर की अंतिम तिथि 

वर्ष 2024-2025 (वित्त वर्ष 2025-2026) के लिए आइटीआर की अंतिम तिथि 

income tax return: वर्ष 2024-2025 आकलन वर्ष 2025-2026 के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि आयकर अधिनियम 1961 के तहत आईटीआई दाखिल करने की अंतिम तिथि अलग-अलग श्रेणियों के लिए अलग-अलग तिथि होती है। इस वर्ष आईटीआर विभाग ने कुछ श्रेणियां के लिए आयकर दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है। आयकर विभाग ने यह तिथि किसके लिए बढ़ाई है यह जानने के लिए अंत तक पढ़ें।

आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-2025 (आकलन वर्ष 2025-2026) के लिए आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 तक कर दी है। आयकर अधिनियम 1961 के तहत अलग-अलग श्रेणियां के करदाताओं के लिए अलग-अलग निर्धारित तिथियां है। 15 सितंबर 2025 की तिथि हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और अन्य करदाताओं पर लागू होगी जिनके खातों का ऑडिट आवश्यक नहीं है।

ईटी वेल्थ ऑनलाइन आपको आइटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथियों के बारे में जानकारी देता है यह भी बताती है कि यदि निर्धारित समय समाप्त होने से पहले आइटीआर दाखिल नहीं किया जाता है तो करदाताओं को जुर्माने की जानकारी भी देती है।

वेतनभोगी, पेंशनभोगी और अन्य करदाताओं के लिए आइटीआर की अंतिम तिथि 

ITR 2025: वेतनभोगी, पैंशनभोगी और एनआरआई करदाता जिनके खाते ऑडिट के आधीन नहीं है वह 15 सितंबर 2025 तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं इन करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की मूल्य नियत तारीख 31 जुलाई 2025 थी परंतु बजट 2024 में आयकर अधिनियम में किए गए बदलावों के कारण इस नियत तारीख को बढ़ा दिया है। प्रेस विज्ञापन जो कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी द्वारा जारी किया गया जिसके अनुसार वर्ष 2025-26 के लिए तिथि को बढ़ाने का  उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना और सटीक रिपोर्टिंग के समक्ष बनाना है।

बताया जा रहा है कि यह परिवर्तन सिस्टम के विकास का कारण बनेगा। एकीकरण और संबंधित उपयोगिताओं के परीक्षण के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता प्रदान करेगा इसके अलावा 31 मई 2025 तक दाखिल किए जाने वाले टीडीएस विवरणों से प्राप्त क्रेडिट जून की शुरुआत में दिखाई देने लगेगा। उम्मीद जताई जा रही है की 31 मई 2025 तक दाखिल किए जाने वाले टीडीएस से प्राप्त क्रेडिट जून की शुरुआत में दिखाई देने लगेंगे और बड़ी हुई तारीख से यह भी उम्मीद लगाई जा रही है कि हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं को कम करने और अनुपालन के लिए प्राप्त समय प्रदान करने में मद्द करेगी, जिसके परिणाम स्वरुप रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया की अखंडता और सटीकता सुनिश्चित होगी।

नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब और मध्य वर्ष में पूंजीगत लाभ नियमों में बदलाव ने वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया को जटिल बना दिया था इसलिए आयकर विभाग ने इन श्रेणी के करदाताओं को अतिरिक्त समय प्रदान करने के लिए तथा आइटीआर दाखिल करने की नियत तिथि 45 दिन बढ़ा दी है।

जिनके खातों का ऑडिट होना आवश्यक है के लिए आईटीआर की अंतिम तिथि

ITR 2025: 31 अक्टूबर, 2025 तक आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि उन करदाताओं पर लागू होती है जिनके खातों का ऑडिट होना आवश्यक है। आमतौर पर, इसमें शामिल होते हैं:

– कंपनियां

– बड़े व्यवसाय

– स्वामित्व वाली फर्में

– फर्म के कार्यकारी साझेदार

इन सभी को अपने खातों की जांच करवानी होती है और आईटीआर जमा करना होता है। इन श्रेणी के करदाताओं के लिए आयकर विभाग ने आरटीआई दाखिल करने की समय सीमा नहीं बढ़ाई है।

अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन वालों के लिए आइटीआर की अंतिम तिथि 

ITR 2025: 30 नवंबर 2025 तक आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि उन करदाताओं पर लागू होती है जिन्हें धारा 92ई के तहत करदाता ने संबंधित वित्तीय वर्ष के दौरान अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन किया हों।

इन करदाताओं को 30 नवंबर 2025 तक अपना कर रिटर्न दाखिल करने में सक्षम होने के लिए 31 अक्टूबर तक ऑडिट रिपोर्ट भी जमा करनी होगी और आपको बता दें कि इन करदाताओं के लिए आइटीआर विभाग ने समय सीमा नहीं बढ़ाई है।

विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 

ITR 2025: प्रत्येक श्रेणी के करदाताओं के लिए विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। आयकर कानून कारदातों के निर्धारित तिथि समाप्त होने के बाद भी आईटीआई दाखिल करने की अनुमति देता है इस आइटीआर को विलंबित आइटीआर कहा जाता है।

संशोधित आईटीआई दाखिल करने की अंतिम तिथि 

ITR 2025: संशोधित आइटीआर उसे कहते हैं जिसमें आईटीआर भरने में गलती हो गई हो। आयकर कानून कारदातों को आइटीआर में की गलती को सुधारने की अनुमति देता है। संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है।

अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 

अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की तिथि 1 अप्रैल 2025 से लेकर 31 मार्च 2030 तक जमा करने की सुविधा आयकर विभाग द्वारा दी गई है। बजट 2025 ने करदाताओं को अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने के लिए अधिक समय प्रदान किया है। 1 अप्रैल 2025 से प्रभावित करदाताओं के पास अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने के लिए 24 महीने की बजाय 48 महीने तक का समय दिया है हालांकि उन्हें लागू होने पर 60% और 70% का अतिरिक्त कर देना होगा। जुर्माना उसे वर्ष के अनुसार लागू होगा जिसमें आईटीआर दाखिल किया गया है। 

अंतिम तिथि चुकाने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना 

जुर्माना कब लगाया जाता है जब करदाता विलंबित आइटीआर दाखिल करता है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234एफ के तहत यह जुर्माना लगाया जाता है। जिन करदाताओं की सालाना आय 5 लाख से कम है उन्हें ₹1000 का जुर्माना देना होता है और यदि आयकर की सालाना आमदनी 5 लाख से ऊपर है उन्हें ₹5000 का विलंब शुल्क देना होगा। यह जुर्माना तब भी लगाया जाता है जब आइटीआर दाखिल करते समय कोई अतिरिक्त कर देय न हो।

धारा 234ए के तहत दंड के लिए ब्याज भी लगाया जा सकता है। यह तब लगाया जाता है जब 15 सितंबर 2025 के बाद अपना स्व-मूल्यांकन कर बकाया चुकता है। धारा 334बी और 334सी के तहत अगर करदाता अपना एडवांस टैक्स स्थगित कर देता है या भुगतान देरी से करता है तो उसे ब्याज भी लागू हो सकता है। धारा 334ए,बी,सी के तहत दंडात्मक ब्याज 1% प्रति माह है।

परमात्मा का विधान 

पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी ने अपनी वाणी में बताया है कि राजा को अपनी प्रजा को पुत्र के समान मानना चाहिए और कर लेते समय भी प्रेम और दया का भाव रखना चाहिए। साथ ही यदि राजा भगवान का नाम नहीं लेता तो उससे रंक (गरीब) ही समझना चाहिए। 

 कबीर साहेब के अवतार संत रामपाल जी महाराज ने भी अपने शिष्यों को सदैव न्याय की राह पर चलना सिखाया है तथा शासन व्यवस्था के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। जैसे व्यक्ति आय पर कर देता है उसी प्रकार हमारी भक्ति पर भी टैक्स लगता है। हमें इस लोक का ऋण अवश्य चुकाना होगा तभी हम मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। यह ऋण देवी देवताओं के सटीक मन्त्रजाप द्वारा संभव है जो मंत्र तत्वदर्शी संत द्वारा दिए जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज इस समय पूरी पृथ्वी पर पूर्ण तत्वदर्शी संत हैं अधिक जानकारी के लिए विज़िट  करें संत रामपाल जी महाराज यूट्यूब चैनल।

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