Garden of Five Senses: दिल्ली में संस्कृति, वेलनेस और एडवेंचर का होगा नया संगम

Garden of Five Senses

Garden of Five Senses को दिल्ली सरकार एक नए रूप में विकसित कर रही है। आयुर्वेदिक स्पा, रॉक क्लाइंबिंग, नाइट मार्केट और लोक कलाकारों के लिए मंच जैसी 7 प्रमुख परियोजनाएं इसमें शामिल हैं। यह जगह अब केवल हरियाली नहीं, बल्कि कला, रोमांच और स्वास्थ्य का नया केंद्र बनेगी। पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों के साथ तैयार यह प्रोजेक्ट दिल्ली की नई पहचान बन सकता है।

Garden of Five Senses: दिल्ली का नया सांस्कृतिक और वेलनेस हब

दक्षिण दिल्ली के साकेत क्षेत्र में स्थित ‘गार्डन ऑफ फाइव सेंसिज’ एक बार फिर सुर्खियों में है। कभी अपने शांत वातावरण, सुंदर बाग-बगिचों और कलात्मक सौंदर्य के लिए मशहूर यह गार्डन अब नए रंग-रूप में उभरने वाला है। दिल्ली सरकार के अधीन पर्यटन और परिवहन विकास निगम ने इसे एक नए अवतार में पेश करने की योजना बनाई है, जिसमें रोमांच, कला, वेलनेस और तकनीक का अनूठा संगम होगा। यह न केवल दिल्लीवासियों के लिए सुकून की जगह बनेगा, बल्कि पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।

क्या है इस परियोजना में खास?

दिल्ली पर्यटन विभाग इस पूरे गार्डन को पुनर्जीवित करने के लिए सात नई परियोजनाएं लेकर आया है, जो न केवल इसकी सुंदरता बढ़ाएंगी, बल्कि इसे एक जीवंत और अनुभवात्मक स्थल बनाएंगी। यह गार्डन अब केवल पेड़-पौधों और फूलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एक ऐसा स्थल बनेगा जहां लोग आयुर्वेदिक स्पा में आराम कर सकेंगे, रोमांच का अनुभव पेंटबॉल और रॉक क्लाइंबिंग के ज़रिए ले सकेंगे और साथ ही लोक कलाओं का आनंद ले पाएंगे।

7 नई सुविधाएं जो गार्डन को बनाएंगी खास:

  • आयुर्वेदिक वेलनेस स्पा – प्राकृतिक हर्बल उपचार, मसाज थेरेपी और योगाभ्यास जैसी सुविधाएं मिलेंगी जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देंगी।
  • पेंटबॉल और रॉक क्लाइंबिंग ज़ोन – युवाओं और खेल प्रेमियों के लिए रोमांच और मस्ती का नया ठिकाना होगा।
  • नाइट मार्केट और आर्ट इंस्टॉलेशन – शाम के समय सजने वाली यह मार्केट हस्तशिल्प, लोक कलाकारों की प्रस्तुति और कला के प्रदर्शन का नया मंच बनेगी।
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म – आगंतुकों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग और लोकल प्रोडक्ट्स की खरीदारी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • क्राफ्ट कैफे और लाइब्रेरी – स्थानीय कलाकारों, छात्रों और लेखकों के लिए यह एक ऐसा स्थान होगा जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे और रचनात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकेंगे।
  • हस्तशिल्प मेले – समय-समय पर यहां हस्तशिल्प मेले आयोजित किए जाएंगे, जिससे स्थानीय शिल्पकारों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • खुला मंच – विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कवि सम्मेलनों और नाटक प्रस्तुतियों के लिए खुला मंच भी बनाया जाएगा।

पर्यावरण संरक्षण रहेगा प्राथमिकता में

इस परियोजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसमें विशेष रूप से पर्यावरणीय संरचना को ध्यान में रखा गया है। मौजूदा हरियाली, स्टोन आर्ट, बॉटनिकल पौधों और सुगंधित फूलों को सुरक्षित रखते हुए ही निर्माण कार्य किया जाएगा।

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इसके अलावा रेनवाटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट और इको-फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन तकनीकों को भी लागू किया जाएगा।

क्या फायदा होगा दिल्लीवासियों को?

  • मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ: यह स्थल एक ऐसा अनुभव देगा जो आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में मानसिक विश्राम देगा।
  • पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: गार्डन को नया रूप मिलने से विदेशी और घरेलू पर्यटक आकर्षित होंगे, जिससे दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान भी मजबूत होगी।
  • स्थानीय कलाकारों को मंच: यह गार्डन दिल्ली के उभरते कलाकारों, शिल्पकारों और लेखकों के लिए एक ओपन प्लेटफॉर्म बन जाएगा।
  • रोज़गार के अवसर: नई सुविधाओं और कार्यक्रमों से स्थानीय लोगों को स्वरोजगार व अन्य काम के अवसर मिलेंगे।

निर्माण की दिशा में उठाए गए कदम

दिल्ली पर्यटन विभाग ने इस परियोजना के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना के अनुसार, कंसल्टेंट द्वारा पूरी गतिविधियों की रूपरेखा, पर्यावरण अनुकूल ढांचा, वित्तीय मॉडल और निर्माण कार्यों का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। इसके बाद ही निर्माण कार्य औपचारिक रूप से शुरू होगा।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण: असली सुख सतलोक में है

बेशक यह गार्डन मानसिक राहत, स्वास्थ्य और सौंदर्य का अनुभव देगा, लेकिन यह सुख केवल क्षणिक होगा। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अनुसार गीता अध्याय 18 के श्लोक 62 और 66 में वर्णित सनातन परमधाम यानी सतलोक ही वह स्थान है जहां वास्तविक और शाश्वत सुख है।

वहां न रोग है, न मृत्यु, न ही दुःख। केवल पूर्ण परमात्मा की भक्ति और तत्वदर्शी संत से नाम दीक्षा लेकर ही उस लोक की प्राप्ति संभव है। इस अस्थायी संसार में मिलने वाला कोई भी सुख स्थायी नहीं है, चाहे वह कितना ही आकर्षक क्यों न लगे। अधिक जानकारी के लिए आप Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

FAQs: Garden of Five Senses

Q1. इस परियोजना में कौन-सी तकनीकें उपयोग की जा रही हैं?

रेनवाटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट और इको-फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन।

Q2. निर्माण प्रक्रिया की क्या स्थिति है?

कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया जारी है, जो पूरी योजना और ढांचा तैयार करेगा।

Q3. पर्यावरण को कैसे सुरक्षित रखा जाएगा?

मौजूदा हरियाली, जैव विविधता और कलात्मक संरचनाओं को संरक्षित रखा जाएगा।

Q4. क्या यह गार्डन सभी आयु वर्ग के लिए होगा?

हां, बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और कलाकारों के लिए विशेष ज़ोन बनाए जाएंगे।

Q5. क्या यह स्थल टिकट आधारित होगा?

हां, ई-टिकटिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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