RTI से हुआ खुलासा, IIT से इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद भी नहीं मिल रही जॉब

RTI से हुआ खुलासा, IIT से इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद भी नहीं मिल रही जॉब

देश में पढ़ रहे लाखों बच्चों का सपना इंजीनियरिंग करने का होता है, वह चाहते हैं कि उनका सिलेक्शन देश के टॉप इंस्टीट्यूट ( IIT ) इंस्टीट्यूशन ऑफ टेक्नोलॉजी में हो जाए क्योंकि कहा जाता है कि आईआईटी एक ऐसा इंस्टीट्यूट है जहां पढ़ने वाले बच्चों को अधिक से अधिक सैलरी पैकेज का ऑफर मिलता है और लाइफ सिक्योर हो जाती है। सिक्योर जॉब मिलने से लाइफ भी टेंशन फ्री हो जाती है। लेकिन पिछले 5 साल में आईआईटी दिल्ली का जो रिकॉर्ड सामने आया है वह आश्चर्यचकित कर देने वाला है। आंकड़ों के मुताबिक़ 2019 से 2023 तक आईआईटी दिल्ली से 22 फीसदी छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हुआ है।

आईआईटी इंस्टीट्यूट दिल्ली ने,‌ RTl के पूछने पर क्या जवाब दिया 

राईट टू इनफॉर्मेशन एक्ट के द्वारा पूछने पर दिल्ली आईआईटी ने जवाब में अपने स्टूडेंट्स का डेटा साझा किया। आईआईटी दिल्ली ने कहा है कि साल 2019 से 2023 के अंतर्गत प्लेसमेंट चाहने वाले 22% छात्रों को जॉब नहीं मिल पाई है। इस शॉकिंग न्यूज़ के बाद आईआईटी दिल्ली जैसे बड़े इंस्टीट्यूशन के ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए एम्प्लॉयमेंट पर बहस छिड़ गई है।

इंस्टीट्यूट ने कहा है कि इस साल के जॉब के लिए नियुक्तियां जारी हैं। हालांकि इंस्टीट्यूट ने भर्ती के बारे में सही डिटेल देने से साफ-साफ इनकार कर दिया। लेकिन एक्सपर्ट ने 2024 के लिए अनुमानित 40 प्रतिशत एम्प्लॉयमेंट की दर की भविष्यवाणी की है। जो बीते सालों की प्रगति को प्रतिनिधित्व करते हुए यह भी दर्शाता है कि अब भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स जॉब ढूंढ़ने में प्रयासरत हैं।

इंजीनियरिंग जॉब से जुड़े मुख्य बिंदु 

RTI ने जो इनफॉर्मेशन कलेक्ट किया उसमें बताया है कि आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 से 2023 तक IIT दिल्ली के 22 फीसदी छात्रों का प्लेसमेंट ही नहीं हुआ है।

2023 में 16% (243) छात्रों को जॉब नहीं मिली। जबकि 2022 में 25% (366) को नौकरी नहीं मिली। तो वहीं 2021 में 20% (241) को जॉब नहीं मिली और 2020 में 14% (155) एवम् 2019 में 13% (139) स्टूडेंट्स बेरोजगार हो गए थे।

आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक और बिट्स पिलानी के वीसी वी रामगोपाल राव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनका मानना ​​है कि दुनिया भर में आर्थिक मंदी के कारण इस साल कुल प्लेसमेंट में 20-30 फीसदी की गिरावट आई है।

आईआईटी कानपुर, मद्रास और दिल्ली भी प्लेसमेंट को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।

टाइम्स (एचटी) की रिपोर्ट के अनुसार, आईआईटी बॉम्बे में 30 प्रतिशत से अधिक छात्रों को अभी भी नौकरी नहीं मिली है।

IIT दिल्ली के ऑफिस ऑफ करियर  सर्विसेज (OCS) के प्रोफेसर आर अयोतिरामन ने कहा कि पीएचडी के स्टूडेंट्स के लिए अलग से प्लेसमेंट आयोजित किए जाएंगे। स्टूडेंट्स को जॉब के लिए तैयार करने हेतु आईआईटी दिल्ली के द्वारा भिन्न भिन्न ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाते हैं।

अन्य आईआईटी स्टूडेंट्स की जॉब के बारे में जानकारी 

आईआईटी खड़गपुर में इस साल कुल 2,644 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 1,259 को नौकरी मिल गई है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल पंजीकृत 2,486 में से 1,600 से अधिक छात्रों को नौकरी पर रखा गया था।

भुवनेश्वर परिसर में, पंजीकृत 298 में से 212 छात्रों को इस वर्ष नौकरी मिली। टीओआई के अनुसार, 2023 में लगभग 263 छात्रों ने पंजीकरण कराया और 247 को नौकरी मिली।

आईआईटी दिल्ली ने दावा किया है कि दिसंबर में पहले प्लेसमेंट चरण में 1,050 छात्रों को नौकरी के प्रस्ताव मिले, जिनमें से 50 प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) थे। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह, जिन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) वेबसाइट के डेटा का भी अध्ययन किया, जिसमें पाया कि आईआईटी दिल्ली ने 2023 और 2022 में क्रमशः 60 प्रतिशत और 66 प्रतिशत प्लेसमेंट दर्ज किया था।

आईआईटी की पैकेजिंग सैलरी पिछले सालों की तुलना में घटी है 

ग्लोबल आईआईटी एलुमनी सपोर्ट ग्रुप के संस्थापक धीरज सिंह ने प्लेसमेंट पर चिंता जताते हुए बताया कि आईआईटी की पैकेजिंग सैलरी पहले के वर्षों की तुलना में घटी है। 

आरटीआई के रिपोर्ट के अनुसार “आईआईटी दिल्ली की पैकेजिंग सैलरी साल 2021- 2022 में  कंपनी की CTC (cost to company) 23.8 लाख रुपए और ग्रॉस अमाउंट 19.9 लाख रुपए थी। साल 2022-2023 में  सैलरी 21.9 लाख रूपये सीटीसी और 18.6 लाख रूपए ग्रॉस था और इस साल की बात करें तो यह घट कर 2024 में एवरेज इनकम की 19.5 लाख रुपए सीटीसी 17.4 लाख ग्रॉस है। आरटीआई अधिनियम की जानकारी से पता चलता है कि आईआईटी दिल्ली में सैलरी पिछले 4 सालों में औसत रही है।

धीरज सिंह ने पिछले 5 वर्षो में बड़ी संख्या में  IIT दिल्ली स्टूडेंट्स को जॉब नहीं मिलने और प्लेसमेंट पर अपनी चिंता व्यक्त की। आरटीआई आवेदन दायर करने वाले धीरज सिंह ने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी शहर में स्थित देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज, जहां शिक्षा मंत्रालय बैठता है लगभग 61 प्रतिशत ग्रेजुएट अभी भी बेरोजगार हैं। ये एक नौकरी संकट की स्थिति है जिसका सामना हमारे बेस्ट कॉलेज और हमारे युवा कर रहे हैं, जिस पर आईआईटी दिल्ली के अधिकारियों और मंत्रालय को ध्यान देने की ज़रूरत है।”

आईआईटी प्लेसमेंट ख़राब क्यों हैं?

विशेषज्ञों ने आईआईटी प्लेसमेंट में गिरावट के लिए वैश्विक आर्थिक मंदी को जिम्मेदार ठहराया है।

आईआईटी-बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के अधिकारी ने बताया कि “वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण पिछले साल की तुलना में कंपनियों को कैंपस में आमंत्रित करना कठिन था”।

ज्यादातर कंपनियां संस्थान द्वारा पूर्व-निर्धारित वेतन पैकेज स्वीकार करने में असमर्थ थीं। उनके आने पर सहमत होने से पहले कई दौर की बातचीत हुई थी।”

प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स को नियुक्त करने के लिए आईआईटी बॉम्बे में आने वाली 380 कंपनियों में से अधिकांश अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के बजाय घरेलू बाजार से थीं, जो पारंपरिक रूप से भारतीय कंपनियों से आगे थीं।

”आईआईटी-खड़गपुर के कैरियर डेवलपमेंट सेल के अध्यक्ष राजीव मैती ने जनवरी में एक वरिष्ठ अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि, “लगभग सभी आईआईटी में प्लेसमेंट के आँकड़े निचले स्तर पर हैं। हमारे छात्र वर्तमान वैश्विक आर्थिक स्थिति से अवगत हैं और इसलिए, पिछले वर्ष की तुलना में घरेलू प्रस्तावों की ओर झुकाव है। चरण II के लिए, हमारी नई कंपनियों और स्टार्ट-अप को आमंत्रित करने की योजना है।”RTI से हुआ खुुलासा, IIT से इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद भी नहीं मिल रही जॉब

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