भारत-पाकिस्तान तनाव: पहलगाम हमला, सिंधु जल संधि और परमाणु संकट

भारत-पाकिस्तान तनाव: पहलगाम हमला, सिंधु जल संधि और परमाणु संकट

विभाजन के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के मध्य संबंध तनावपूर्ण ही रहे हैं। यह संबंध एशिया के सबसे जटिल और संवेदनशील संबंधों में गिना जाता है। जहां 1947,1965,1971 के युद्धों से दोनों के मध्य दरारें गहरी हुईं और विभिन्न समझौतों के माध्यम से शांति स्थापना का प्रयत्न किया गया। वहीं 1999 के कारगिल युद्ध, 2008 के मुंबई आतंकी हमले और लगातार पुलवामा और अब पहलगाम हमले से ये रिश्ते फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। दुनिया के कई देश जंग से जूझ रहे हैं और यही हाल भारत पाकिस्तान के नज़र आ रहे हैं। 

मुख्य बिंदु

  • पाकिस्तान लगातार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाता आ रहा है।
  • पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पहलगाम के अंतरराष्ट्रीय जांच हो।
  • पाकिस्तान का दूतावास बंद, साथ ही सिंधु जल समझौता खत्म।
  • स्कूलों का संचालन बाधित हुआ, रोजकार के अवसर घटे और पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है।

कश्मीर ने समय-समय पर उथल-पुथल के काले बादलों को झेला है। बीते 22 अप्रैल 2025 को आतंकवाद की काली छाया ने पहलगाम सहित समूचे कश्मीर को प्रभावित किया है। इससे देश भर में आक्रोश है और दोनों सरहदों के मेहदी तनाव गहराया है। वर्ष 2016 के बाद घाटी में उपजे असंतोष और बढ़ती हिंसा ने न केवल स्थानीय जीवन और पर्यटन उद्योग को गहरी चोट पहुंचाई है।

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इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं क्योंकि आतंकियों ने धर्म पूछकर 27 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस क्रूर घटना के विपक्ष में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं दी गईं। पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का प्रयास किया, लेकिन भारत ने दृढ़ता से अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस विषय में किसी बाहरी हस्तक्षेप की कोई संभावना नहीं है।

Pahalgam Terror Attack: हमले के बाद का कश्मीर

पहलगाम आतंकी हमला: हमले के बाद घाटी का परिदृश्य तीव्रता से बदला। सेना की तैनाती बढ़ाई गई, अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई, और स्थानीय नागरिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ी। इसके अलावा, इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद किया गया, और घाटी में निगरानी बढ़ा दी गई। अलगाववादी संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाई गई। इन परिस्थितियों के बीच भारत सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए। 

भारत सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

  • भारत सरकार ने पाकिस्तानी अधिकारियों को 48 घंटे के अंदर वापस लौटने के आदेश दिए थे।
  • सिंधु जल समझौते को रद्द किया।
  • अन्य सभी राजनयिक संबंध खत्म किए गए।
  • पाकिस्तानी नागरिकों का वीज़ा रद्द किया गया। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्यवाही में भारतीयों का वीज़ा रद्द करते हुए भारतीय विमानों को अपने क्षेत्र से बंद कर दिया।

सिंधु जल संधि: Indus Waters Treaty

इन घटनाओं के बीच एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय विषय पुनः चर्चा में आया—सिंधु जल संधि।

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) पर हस्ताक्षर हुए थे। “सिंधु जल संधि” (Indus Waters Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण जल-बंटवारे की संधि है, जो 19 सितंबर 1960 को कराची में हस्ताक्षरित हुई थी। यह समझौता विश्व बैंक (उस समय “अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक”) की मध्यस्थता में हुआ था।

संधि के तहत, सिंधु नदी प्रणाली की 6 प्रमुख नदियों को भारत और पाकिस्तान के बीच बाँटा गया। ये नदियाँ हैं: सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, व्यास, सतलज। पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चेनाब का अधिकांश पानी पाकिस्तान को दिया गया। पूर्वी नदियों रावी, व्यास और सतलज का पानी भारत को दिया गया। हमले के बाद इस समझौते को रद्द करने से पाकिस्तान ने परमाणु हथियार प्रयोग करने की धमकी दी है।

सिंधु समझौता रद्द करने से भड़का पाकिस्तान

पाकिस्तान भारत संबंध: भारत द्वारा हाल के वर्षों में सिंधु जल समझौते की समीक्षा की बात उठाए जाने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं जताई गई हैं, विशेषकर विश्व बैंक और चीन ने इसे क्षेत्रीय स्थिरता से जोड़कर देखा है। पाकिस्तान ने इसे “आर्थिक आक्रमण” की संज्ञा दी है और परमाणु हथियार प्रयोग करने की धमकी दी है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक भारत दुनिया की चौथी शक्तिशाली मिलिट्री पावर ही और पाकिस्तान बारहवें नम्बर पर है।

 Pahalgam Terror Attack: तुर्की ने दिया पाकिस्तान को मजबूत समर्थन

तुर्की पाकिस्तान सैन्य संबंध: तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान ने अपने बयान में कहा है कि इस तनाव को कम किया जाए। इस अपील के साथ उन्होंने पाकिस्तान को अपना समर्थन देने की बात कही है। तुर्किए के छह C – 130 हरक्यूलस सैन्य विमान रविवार को पाकिस्तान पहुंचे थे जिसके बाद ये अटकलें तेज हो गईं कि तुर्किए पाकिस्तान की मदद करेगा।

हालांकि तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी प्रकार का गोला बारूद उन्होंने नहीं भेजा है। सैन्य विमान रूटीन सप्लाई मिशन पर थे। हालांकि बताएं कि तुर्की के एयरक्राफ्ट्स कराची और इस्लामाबाद में उतरे हैं। स्पष्ट है कि तुर्की और पाकिस्तान के मध्य सैन्य संबंध मजबूत हैं।

चीन भी पाकिस्तान के साथ Nuclear weapons Pakistan: चीन ने पाकिस्तान को पी एल 15 मिसाइलें भेजीं हैं। इन्हें पाकिस्तान ने अपने JF – 17 लड़ाकू विमानों में लगाया है। 

इज़रायल ने कहा भारत जानता है उसे क्या करना है

इज़रायल भारत समर्थन: इज़रायल के महावाणिज्य दूत (consulate general) कोब्बी शोशनी ने पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि भारत जानता है उसे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए। उन्हें कहा कि भारत पर हुए इस हमले ने इजराइल में हुए आतंकी हमले की याद दिला दी।

भारत है तैयार India Pakistan relations

भारत ने अपने फाइटर जेट्स विमान तैयार कर लिए हैं। बोर्डर और अलर्ट जारी है। भारत ने अपने राफेल विमान भी युद्धाभ्यास में उतार दिए हैं। 

पहलगाम हमले का आतंकी पाकिस्तानी सेना का कमांडर

भारतीय सेना या सरकार की ओर से इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एजेंसियों ने स्कैच जारी आकर दिए थे। लेकिन कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तार पाकिस्तानी सेना से जुड़े हुए भी हो सकते हैं। हादसे को अंजाम देने वाले आले आतंकियों में एक की पहचान हाशिम मूसा के रूप में हुई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आतंकी मूसा पाकिस्तानी फोर्सेज का पूर्व पैरा कमांडो है। अखबार को सूत्रों से पता चला कि मूसा लश्कर के साथ काम कर रहा है और आतंक फैलाने के लिए ही उसे भारत भेजा गया था। यह भी बताया जा रहा है कि मूसा अक्टूबर 2024 में गगनगीर हमले में भी शामिल रहा।

कब हो सकता है युद्ध आरंभ और क्या हैं परमाणु हथियारों के नियम

ICAN के मुताबिक विश्व के नौ देशों के पास कुल 12 हजार से अधिक परमाणु हथियार हैं। सबसे अधिक परमाणु हथियार रूस के पास है उसके बाद अमेरिका का नंबर आता है। अमेरिका ने अपने हथियार तुर्की,बेल्जियम, नीदरलैंड्स तथा जर्मनी में भी तैनात कर रखे हैं। जिन भी देशों के पास परमाणु हथियार हैं वे इनके इस्तेमाल को लेकर गंभीर और जिम्मेदार रहते हैं।  भारत ने 1999 में NFU यानी नो फर्स्ट यूज़ की नीति के तहत नियम बनाया था कि वह किसी भी देश पर पहला परमाणु हमला नहीं करेगा। पोखरण ll परमाणु परीक्षण के बाद यह सिद्धांत अपनाया गया था। भारत की नीति का संदेश है कि यह केवल आत्मरक्षा के लिए इन हथियारों का प्रयोग करेगा। 

पाकिस्तान का गैर जिम्मेदार व्यवहार

हालांकि पाकिस्तान के पास ऐसी कोई स्पष्ट और आधिकारिक नीति नहीं है। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अनुसार पाकिस्तान ने नो फर्स्ट यूज़ वाली नीति को अस्वीकार किया है। इसके मायने हैं कि आवश्यकता पढ़ने पर पाकिस्तान कभी भी हमला कर सकता है। पाकिस्तानी नेताओं के हालिया बयान जैसे हनीफ अब्बासी ने सीधी धमकी दी थी कि 130 मिसाइलें भारत के लिए ही तैनात रखी हैं।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह चिंता जताई है कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और यदि स्थिति बिगड़ती है तो मुश्किलें आ सकती हैं। 2022 में पाकिस्तान की मंत्री शाज़िया ने भी कहा था कि हमने एटम बम शो पीस के लिए नहीं बनाए हैं। इन बयानों से, घटना की जिम्मेदारी न लेने से और बार बार होते आतंकी हमलों से पाकिस्तान का गैर जिम्मेदार और अपरिपक्व रवैया स्पष्ट है जो वैश्विक सुरक्षा की दृष्टि से चिंताजनक है। पाकिस्तान के इसी गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते आवश्यकता पड़ने पर अमेरिका स्नैच एंड ग्रैब प्लान के मुताबिक काम करेगा। इसका अर्थ है हथियार छीन कर रख लेना।

जंग ख़ुद एक मसला है वो हल नहीं देगी

कोई भी जंग किसी भी बुनियाद पर हो परंतु वह अपने आप में एक समस्या है। मानवता, धर्म, दया और सौहार्द्र के साथ हिंसा, युद्ध, अराजकता नहीं चल सकते। निश्चित रूप से जवाबी कार्यवाही करना जरूरी हो जाता है। अमन चैन की स्थापना के लिए विश्व को एक सत्यज्ञान और शांतिदूत की आवश्यकता है। आखिर इतने समय से भारत के विश्वगुरु होने की भविष्यवाणी हम सुनते आ रहे हैं! कैसे बनेगा भारत विश्वगुरु? भारत पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की अध्यक्षता में विश्वगुरु बनेगा। केवल संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान ही विश्व में शांति की स्थापना कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज तत्वदर्शी संत हैं। संत रामपाल जी महाराज के विषय ने अनेकों भविष्यवाणियां की गईं हैं जो उनके शांतिदूत होने का परिचय देती हैं।

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संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान की इस विश्व को आवश्यकता है। किसी स्थान विशेष के लिए संघर्ष करना मूर्खता है जबकि अधिकार व्यक्ति की स्वयं की सांसों में भी नहीं है। संत रामपाल जी महाराज ने अनेकों समाज सुधार के कार्य किए हैं और समाज में भाईचारा, प्रेम और सौहार्द्र कायम किया है। संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान अवश्य सुनें प्रतिदिन साधना टीवी पर शाम 7.30 (IST) बजे.

यदा, यदा, हि, धर्मस्य, ग्लानिः, भवति, भारत,

अभ्युत्थानम्, अधर्मस्य, तदा, आत्मानम्, सृजामि, अहम् ।।

परित्राणाय, साधूनाम्, विनाशाय, च, दुष्कृृताम्,

धर्मसंस्थापनार्थाय, सम्भवामि, युगे, युगे || 

  • गीता अध्याय 4 श्लोक 7 एवं 8

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