संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध 18 अप्रैल, 2024 को एक नये उबाल पर पहुँच गए, क्योंकि अमेरिका ने इस्लामी गणराज्य को निशाना बनाते हुए प्रतिबंधों की एक नई लहर का अनावरण किया। यह कार्रवाई इजराइल पर हुए एक कथित ड्रोन हमले के बाद की गई है, जिसके लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्य बिंदु
- अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने ईरान की कई संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं
- इसमें IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स), ड्रोन और मिसाइल कार्यक्रमों से जुड़ी कंपनियां और इस्पात और ऑटोमोबाइल उद्योग शामिल हैं
- इन प्रतिबंधों का लक्ष्य ईरान पर दबाव डालना है ताकि वह आतंकवादी गुटों को समर्थन देना बंद कर दे और अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोके
- इस सप्ताह की शुरुआत में, इजराइल ने एक संवेदनशील सैन्य सुविधा पर ड्रोन हमले की सूचना दी, जिसका जवाब इजराइल ने सीरिया में ईरानी ठिकानों पर हवाई हमले करके दिया
- दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है, लेकिन ईरान के विरुद्ध अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं है
- विश्लेषकों को डर है कि ये प्रतिबंध उल्टा असर कर सकते हैं, ईरान रूस और चीन के करीब जा सकता है
- यह नाज़ुक घड़ी ईरान परमाणु समझौते को भी खतरे में डाल सकती है और क्षेत्र में सैन्य टकराव का खतरा बढ़ा सकता है।
अमेरिका ने लगाए ईरान पर नए प्रतिबंध
बाइडेन प्रशासन ने इजरायल पर ईरान द्वारा किए गए मिसाइल और ड्रोन हमले के बाद ताजा प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे तनाव बढ़ गया है और मध्य पूर्व में संभावित युद्ध वृद्धि की चिंता बढ़ गई है। राष्ट्रपति बाइडेन ने गुरुवार को जारी एक बयान में स्पष्ट किया कि प्रतिबंध “इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स, ईरान के रक्षा मंत्रालय और ईरानी सरकार के मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम से जुड़े शीर्षस्थ लोगों और संस्थाओं” को लक्षित करते हैं, जिन्होंने 13 अप्रैल को इजरायल पर हुए हमले को अंजाम दिया। बाइडेन ने आगे कहा, “जैसा कि मैंने हमले के अगले दिन अपने साथी G 7 (ग्रुप ऑफ सेवन) नेताओं के साथ चर्चा की, हम ईरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमारे सहयोगी और साझेदार ईरान के अस्थिर करने वाले सैन्य कार्यक्रमों को प्रतिबंधित करने के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध और उपाय जारी कर चुके हैं या जारी करेंगे।”
सीरिया में वाणिज्य दूतावास पर बमबारी के बाद ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमला किया
रविवार की तड़के, ईरान ने इस महीने के शुरू में दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर हुई बमबारी के जवाब में इजरायल को निशाना बनाते हुए मिसाइलों और ड्रोनों की बौछार कर दी। ये हमले इजरायल द्वारा गाजा पट्टी पर किए गए लंबे बमबारी से उत्पन्न तनाव के बीच हो रहे हैं। गाजा में चल रहे संघर्ष में 33,900 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है और घेराबंद वाले तटीय क्षेत्र में मानवीय संकट बढ़ गया है।
विश्व प्रतिक्रियाएं
- यूरोपीय सहयोगी: ड्रोन हमले के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, यूरोपीय सहयोगियों ने अमेरिका से सावधानी बरतने और ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए किए गए कूटनीतिक प्रयासों को बाधित करने वाली कार्रवाई से बचने का आग्रह किया है।
- रूस और चीन: दोनों ने अमेरिकी प्रतिबंधों की आलोचना की है, उन्हें अनुत्पादक और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है।
- मध्य पूर्वी राष्ट्र: प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही हैं। कुछ देश व्यापक संघर्ष की संभावना से चिंतित हैं, जबकि अन्य ईरानी गतिविधियों के खिलाफ अमेरिकी रुख का समर्थन करते हैं।
आगे क्या हो सकता है?
अमेरिका-ईरान गतिरोध अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में नए प्रतिबंधों की प्रभावशीलता बहस का विषय है, और आगे बढ़ने की संभावना वास्तविक है। कूटनीतिक प्रयास और तनाव कम करने की रणनीति पहले से ही अस्थिर क्षेत्र को व्यापक संघर्ष में फंसने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ईरान ने बढ़ते तनाव के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया
ईरान ने हालिया तनाव में बढ़ोतरी के लिए सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है, इस बात पर जोर देते हुए कि 1 अप्रैल को दमिश्क में उसके वाणिज्य दूतावास पर हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।
संत रामपाल जी के सतज्ञान से हो सकती है विश्व तनाव में कमी
संत रामपाल जी का दृष्टिकोण अध्यात्म के प्रोत्साहन की ओर है। ईरान और अमेरिका के बीच तनाव को शांति और समझौता से सुलझाने में अध्यात्म की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। संत रामपाल जी और उनके अनुयायी विश्व शांति के लिए लोगों को समझाने में मदद कर सकते हैं कि धार्मिक समझौता और सम्मान से ही सभी समस्याओं का समाधान संभव है। उनकी शिक्षाओं और संदेश से लोगों में समझ, धैर्य, और सम्मान की भावना विकसित हो सकती है, जो संघर्षों को समाधान की ओर ले जा सकती है।
अमेरिका द्वारा ईरान पर नए प्रतिबंधों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंध क्यों लगाए?
उत्तर: अमेरिका ने एक कथित ड्रोन हमले के जवाब में ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके लिए अमेरिका ईरान को जिम्मेदार ठहराता है।
प्रश्न: अमेरिकी प्रतिबंधों से कौन से प्रमुख व्यक्ति प्रभावित हुए हैं?
उत्तर: अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने ईरान की कई संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) का नेतृत्व, ड्रोन और मिसाइल कार्यक्रमों से जुड़ी कंपनियां और इस्पात और ऑटोमोबाइल उद्योग शामिल हैं।
प्रश्न: वैश्विक स्तर पर अमेरिका के ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों पर क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं?
उत्तर: प्रतिक्रियाएं मिली जुली रही हैं। यूरोपीय सहयोगियों ने चिंता व्यक्त की है और सावधानी बरतने का आग्रह किया है, जबकि रूस और चीन ने प्रतिबंधों की अनुत्पादक होने की आलोचना की है। कुछ मध्य पूर्वी देश अमेरिकी रुख का समर्थन करते हैं, जबकि अन्य संभावित संघर्ष बढ़ने की चिंता करते हैं।
प्रश्न: इन तनावों के बीच ईरान परमाणु समझौते की स्थिति क्या है?
उत्तर: 2015 का ईरान परमाणु समझौता, जो पहले से ही कमजोर है, पूरी तरह से ध्वस्त हो सकता है अगर ईरान प्रतिबंधों और बढ़ते तनावों के जवाब में अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू कर देता है।