“यह मुगलों का दौर नहीं” भाजपा प्रवक्ता के इस बयान से उत्तर प्रदेश के संभल में बड़ा बवाल मच गया। कोर्ट के आदेश के बाद जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम का मुस्लिम लोगों ने विरोध किया, जिसके बाद घटना और बेकाबू हो गई। पुलिसकर्मियों को बल प्रयोग करना पड़ा और घटना पर काबू पाया गया। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं।
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर बढ़ते विवाद
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बड़ा बवाल हो गया। अदालत के आदेश के बाद जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम का मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध किया और वे पुलिस से भिड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिससे हिंसा में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई तथा ADM और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत 20 लोग घायल हो गए।
पुलिस की कार्रवाई और हिंसा का विस्तार
पथराव के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। हिंसा में उपस्थित भीड़ ने अराजकता की सारी हदें पार कर दीं और उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। घटना को लेकर भाजपा सरकार कड़े एक्शन में है।
जामा मस्जिद विवाद: प्रशासन की कार्रवाई
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश के बाद रविवार को दूसरे दिन बैठक के दौरान बवाल हो गया। हिंसा को बढ़ता देख संभल तहसील और आसपास के क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं, साथ ही सभी सरकारी और निजी स्कूलों को सोमवार तक बंद रखने का आदेश दिया गया। प्रशासन के अनुसार हालात पर काबू पा लिया गया है, लेकिन पुलिस अभी भी घटनास्थल के आसपास मौजूद है और किसी भी अप्रिय घटना पर लगातार नजर बनाए हुए है।
योगी आदित्यनाथ की जनता से अपील
उत्तर प्रदेश की तत्काल भाजपा सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। उन्होंने जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति कानून को हाथ में ना लें। यदि कोई भी कानून हाथ में लेने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कानून व्यवस्था को बनाए रखें, न्यायालय के आदेश का पालन करें, जल्द ही हालातों पर काबू पा लिया जाएगा।
जामा मस्जिद विवाद: धार्मिक और कानूनी पहलुओं पर विश्लेषण
जामा मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठन के लोगों का दावा है कि शाही जामा मस्जिद की जगह पर पहले हिन्दू मंदिर था। इसे लेकर हिन्दू पक्ष की ओर से न्यायालय में मस्जिद के अंदर सर्वे के लिए एक अर्जी दाखिल की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में मस्जिद के मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर करने के बाद, 19 नवंबर को स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में यह सर्वेक्षण किया गया।
मुस्लिम समुदाय की नाराजगी और प्रशासन की तैयारी
इस सर्वेक्षण के बाद से ही संभल में मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हैं। तत्कालीन हालातों को बिगड़ता देख पहले ही संभल में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया था। फिलहाल घटना पर पुलिस प्रशासन द्वारा शांति बहाल करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
धर्म और समरसता पर संत रामपाल जी महाराज के विचार
संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, लगभग पांच हजार साल पहले कोई धर्म या सम्प्रदाय नहीं था, केवल मानव धर्म था। समय के साथ मतभेद बढ़ते गए, और धार्मिक नेताओं ने शास्त्रों की सच्चाई को दबा दिया। इस कारण एक मानव धर्म के कई धर्म और सम्प्रदाय बन गए, जिससे आपसी मतभेद बढ़े। संत रामपाल जी महाराज मानते हैं कि सबका भगवान एक है, चाहे नाम कुछ भी हो। उनके अनुसार, वास्तविक शांति और समरसता सच्ची भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान से ही प्राप्त हो सकती है।