Mohammed Zubair [Hindi] | Mohammed Zubair Arrest: एक शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर आज मोहम्मद जुबैर को पूछताछ के लिए बुलाया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने जुबेर को गिरफ्तार किया.
पुलिस के मुताबिक जुबैर के खिलाफ 27 तारीख को ट्विटर के जरिए एक शिकायत मिली थी, जिसमें जुबेर के एक ट्वीट का जिक्र किया गया था. पुलिस ने मामला दर्ज कर सोमवार को जुबैर को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने जुबेर को गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस ने जुबैर को कोर्ट में पेश कर उसकी पुलिस कस्टडी मांगी है.
कौन है मोहम्मद जुबैर?
मोहम्मद जुबैर डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म अल्ट न्यूज के सह-संस्थापक हैं. आल्ट न्यूज में उनके प्रोफाइल में प्रवदा मीडिया फाउनडेंशन का उन्हें निदेशक और आल्ट न्यूज का मैनेजर बताया गया है. अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर जुबैर ने खुद को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक के अलावा न्यूज एनालिस्ट और फैक्ट चेकर बताया है. उनका दावा है कि वह गलत, फेक और प्रोपगैंडा फैलाने वाली खबरों का फैक्ट चेककर उसकी असलीयत बताते हैं.
क्या है Mohammed Zubair आरोप?
मोहम्मद जुबैर, दक्षिणपंथी समूहों, भाजपा और मीडिया चैनलों के खिलाफ लगातार लिखते हैं बोलते रहते हैं. मीडिया चैनलों की खबरों की आलोचना करते हैं. पिछले माह 26 मई को ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर एक निजी समाचार चैनल की एक बहस की आलोचना करते हुए उन्होंने ट्वीट किया था कि हमें एक समुदाय और धर्म के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद के आयोजकों यति नरसिंहानंद सरस्वती, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने वाले लोगों की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे पास पहले से ही ऐसे न्यूज एंकर्स मौजूद हैं जो यह काम स्टूडियो से बैठकर कर रहे हैं.
Mohammed Zubair Alt News | क्या कहा दिल्ली पुलिस ने?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि एक विशेष धार्मिक समुदाय के खिलाफ तस्वीरों और शब्दों वाली जुबैर की पोस्ट बेहद उकसाने वाली और जानबूझकर की गई थी। पुलिस के अनुसार, यह लोगों के बीच घृणा को भड़काने के लिए पर्याप्त से अधिक था जो सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक हो सकता है।
पुलिस ने पहले पूछताछ के लिए बुलाया, फिर किया अरेस्ट
अधिकारी ने कहा कि जुबैर को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और रिकॉर्ड में पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उसकी गिरफ्तारी दर्ज की गई थी। पुलिस रिमांड के लिए जुबैर को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
जुबैर के पक्ष में उठीं आवाजें
मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के खिलाफ विपक्ष के बड़े-बड़े नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ‘भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उनके लिए खतरा है। सत्य की एक आवाज को गिरफ्तार करने से केवल एक हजार लोगों को जन्म मिलेगा। सत्य हमेशा अत्याचार पर विजय प्राप्त करता है।’
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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि जुबैर को बिना किसी नोटिस के और किसी अज्ञात प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘दिल्ली पुलिस मुस्लिम विरोधी नरसंहार के नारों के बारे में कुछ नहीं करती है, लेकिन अभद्र भाषा की रिपोर्ट करने और गलत सूचना का मुकाबला करने के अपराध के खिलाफ तेजी से कार्य करती है।’
Mohammed Zubair Alt News | इस धारा के तहत गिरफ्तारी
गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) स्पेशल सेल स्टेशन द्वारा दर्ज की गई है, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों से निपटती है. TNM को पता चला है कि उसे धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और धारा 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के इरादे से ठेस पहुंचाना) के तहत गिरफ्तार किया गया है.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक
मोहम्मद जुबैर फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक हैं और पिछले कई सालों से लगातार फर्जी खबरों को संचालित करते रहे हैं. मई में, जुबैर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ट्वीट के लिए बुक किया था, जिसमें उन्होंने तीन विवादास्पद हिंदू नेताओं – यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा करने वाले’ कहा था. जुबैर पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67 के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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NCPCR ने 2020 में दर्ज कराई शिकायत
इससे पहले साल 2020 में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जुबैर ने 6 अगस्त 2020 को एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने एक नाबालिग की पहचान उजागर की थी. ट्विटर द्वारा जुबैर का ट्वीट हटाए जाने से इनकार करने पर एनसीपीसीआर, हाईकोर्ट गया और वहां आरोप लगाया कि संबंधित ट्वीट से कानूनों का उल्लंघन हो रहा है.
इसी साल फरवरी में इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. मई में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया था कि जुबैर द्वारा किए गए ट्वीट से ‘कोई संज्ञेय अपराध’ का मामला नहीं बनता है.