आज हम संक्षेप में बात करते हैं मुगल साम्राज्य की जो 1526 से 1700 तक भारत के कुछ हिस्सों और ज्यादातर उपमहाद्वीप पर शासक के रूप में फैला रहा।
मध्यकाल के अनुसार कोई भी शासक रहा हो, उसके लिए भारतीय उपमहाद्वीप जैसे बड़े क्षेत्र पर शासन कर पाना बहुत ही जठिल/दुर्लभ कार्य था क्योंकि लोगों और संस्कृतियों में बहुत ज्यादा विविधताएं थीं। अपने से पिछले शासकों के विपरीत मुगलों ने एक नए साम्राज्य की स्थापना कर वह कार्य पूर्ण किया जो अब तक के छोटी अवधियों के लिए असंभव माना जाता था । 16वी सदी के उत्तरार्ध से इन्होंने दिल्ली और आगरा से अपने साम्राज्य का विस्तार शुरू किया और अंततः 17वी शताब्दी में लगभग संपूर्ण महाद्वीप पर अपना अधिकार प्राप्त कर लिया था ।
उन्होंने प्रशासन के ढांचे एवं शासन संबंधी जो विचार/नियम लागू किए वे उनके राज्य के पतन के उपरांत भी टिके रहे । ऐसा भी कह सकते हैं कि यह एक ऐसी राजनैतिक धरोहर थी जिसके प्रभाव से उपमहाद्वीप में उनके बाद आने वाले शासक भी अपने को अछूता न रख सके ।
उदाहरण में कह सकते हैं कि प्रत्येक वर्ष भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में मुगल शासकों के निवास स्थान दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं ।
मुगल किन्हें कहा जाता है ?
मुगल दो शासकों के वंशज रहे हैं । माता की ओर से मंगोल शासक चंगेज खान से संबंध रखते थे जो चीन और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों पर राज्य किया करता था । पिता की ओर से वे ईरान, इराक़ व वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर के वंशज थे जिसकी मृत्यु 1404 में हुई थी । यह बहुत रोचक बात है कि मुगल अपने आप को मुगल या मंगोल कहलवाना स्वीकार नहीं करते थे क्योंकि चंगेज खान से जुड़ी स्मृतियां सैकड़ों व्यक्तियों के नरसंहार से संबंधित थी । दूसरी ओर मुगल अपने आप को तैमूर के वंशज होने का गर्व करते थे कारण यह रहा कि इस पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया था ।
मुगलों ने 1700 तक ज्यादातर उपमहाद्वीप और भारत के कुछ हिस्सों में शासन किया परंतु मुगल शासकों की राज – शक्ति में तेजी से गिरावट आने लगी, लेकिन 1850 के दशक तक मुख्य रूप से वे एक शासित – प्रदेश थे, जो मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और साथ ही बांग्लादेश के आधुनिक देशों के अनुरूप रहा है ।
मुगलों की पीढ़ी
(1) बाबर (1526-1530) :
मुगल साम्राज्य के सबसे पहले बादशाह थे, जिन्हें मुगल साम्राज्य के संस्थापक रूप में जाना जाता है।
(2) हुमायूं (1530-1540 और 1555 -1556) :
हुमायूं ने बाबर के बाद मुगल साम्राज्य को संभाला था। ये कम अनुभव के अभाव में सबसे कमजोर मुगल बादशाह के रूप में जाने गए ।
(3) अकबर (1556-1605):
अकबर को बहुत बुद्धिमान मुगल शासक के रूप में जाना जाता है ।
(4) जहाँगीर (1605-1627):
जहांगीर मुगल वंश का चौथा बादशाह रहा है ।
(5) शाहजहाँ (1627-1658):
शाहजहाँ ने मुगल वंश के पांचवे बादशाह के रूप में राजगद्दी संभाली थी ।
(6) औरंगज़ेब (1658-1707):
औरंगज़ेब, मुगल वंश का सबसे क्रूर, हृदयहीन ओर ताकतवर बादशाह था, जिसने छठवें शासक के रूप में राजगद्दी संभाली थी ।
(7) बहादुर शाह ज़फ़र (1837-1857):
अंततः बहादुर शाह ज़फ़र आखिरी मुगल बादशाह रहे हैं।मुख्य तौर पर देखा जाए तो मुगल साम्राज्य के चरम पर इस शासन का विस्तार 32 लाख वर्ग किलोमीटर तक फैला था । इसमें भारत सहित अन्य देशों के हिस्से शामिल थे ।
मुगलों द्वारा बनवाए गए स्मारक और कई राजमहल हैं अद्भुत
मुगलों द्वारा कई स्मारक ओर राजमहल बनवाए गए। उनमें मुख्य रूप से दिल्ली का लाल किला, बाबरी मस्जिद, काबुली बाग मस्जिद, जामा मस्जिद और पानीपत मस्जिद, आगरा का ताजमहल और किला, सफदरजंग मकबरा, फतेहपुर सीकरी, बीबी का मकबरा औरंगाबाद, हुमायूं का मकबरा, वज़ीर खान मस्जिद शामिल है। मुगलों ने अन्य कई इमारतों का भी जीर्णोद्धार कराया जिनमें लाहौर का शालीमार गार्डन और लाहौर किला शामिल है। मुगल शासकों द्वारा ऐसे ही कई सुंदर महलों, कब्रों, बड़ी-बड़ी मीनारों और किलों को निर्माण करवाया गया। वर्तमान में दिल्ली, आगरा, ढाका, जयपुर, लाहौर, शेखपुरा, एवं भारत सहित पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे कई अन्य देशों में भी मुगल शासकों द्वारा बनवाए गए बहुत ही रोचक और सुंदर स्मारक खड़े हैं।
ईश्वर के आशीर्वाद से ही प्राप्त होता है राज्य
तैमूर लंक को परमेश्वर कबीर जी ने सात पीढ़ी के राज्य का आशीर्वाद दिया था। क्योंकि तैमूर लंक तो पहले भेड़ और बकरियां चराया करता था। केवल ईश्वर ही मनुष्य को सभी प्रकार के लाभ दे सकता है। इसी लिए हमारे पवित्र शास्त्रों में भी कहा गया है कि केवल पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से ही लाभ संभव हैं। अधिक जानकारी के लिए आप विजिट करें जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज वेबसाइट पर।
FAQs
तैमूर लंक को किसके आशीर्वाद से राज्य की प्राप्ति हुई थी?
तैमूर लंक को परमेश्वर कबीर जी के आशीर्वाद से राज्य की प्राप्ति हुई थी।
मुगल वंशजों ने कितनी पीढ़ी तक राज्य किया था?
मुगल वंशजों ने सात पीढ़ी तक राज्य किया था।
औरंगज़ेब ने कब से कब तक राज्य किया था?
औरंगज़ेब ने 1658 से 1707 तक राज्य किया था।