National Education Day 2024 [Hindi]: जानिए क्यों मनाया जाता है नेशनल एजुकेशन डे

National Education Day जानिए क्यों मनाया जाता है नेशनल एजुकेशन डे

Last Updated on 19 October 2024 IST | [Hindi] : आज हम आप को National Education Day 2024 के उपलक्ष्य में National Education Day Essay, Quotes, History, Abul Kalam Azad के बारे में [Hindi] में विस्तार से जानकारी देंगे.

National Education Day जानिए क्यों मनाया जाता है नेशनल एजुकेशन डे

National Education Day कब मनाया जाता है?

नेशनल एजुकेशन डे हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन स्वतंत्रता सैनानी और विद्वान मौलाना अबुल कलाम आजाद की जंयती होती है। मौलाना अबुल कलाम आजाद पंडित जवाहर लाल नेहरु सरकार में पहले शिक्षा मंत्री थे। आधुनिक शिक्षा पद्धति देश के पहले शिक्षा मंत्री की ही देन है। उन्होंने 1947 से 1958 तक शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। समाज सुधारक, स्वतंत्रता सैनानी और विद्वान का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था। 

11 सितंबर 2008 में केन्द्र सरकार ने कैबिनेट से मंजूरी प्रदान कर अधिसूचना जारी की थी कि स्वतंत्रता सेनानी व देश के प्रथम केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। तभी से देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व (Importance of National Education Day 2024 in Hindi)

देश में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में मौलाना आजाद का बहुमूल्य योगदान है। मौलाना आजाद का मानना था कि एक शिक्षित समाज से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। उनके शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के कारण यह घोषणा की गई। 

इस दिन का अवकाश नहीं रखा गया है। इस दिन स्कूलों में सेमिनार, निबंध प्रतियोगिता, रैली आदि होती हैं।  उन्होंने शिक्षा के लिए आईआईटी, यूजीसी आदि शिक्षा की महत्वपूर्ण संस्थानों का निर्माण किया। मौलाना आजाद द्वारा पूर्व में बनाई गई शिक्षा नीति और सिद्धांत वर्तमान समय में प्रासंगिक है। 

National Education Day 2024: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की नींव में उनका योगदान उल्लेखनीय था – देश भर में उच्च शिक्षा की देखरेख और उन्नति के लिए एक संस्थान। उनका दृढ़ विश्वास था कि प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में व्यक्त किया जाना चाहिए। 1949 में, उन्होंने आधुनिक विज्ञान में जानकारी प्रदान करने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया। वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे और ब्रिटिश सरकार की आलोचना करने के लिए अल-हिलाल नामक उर्दू में एक साप्ताहिक पत्रिका शुरू की।

भारत रत्न से किया गया सम्मानित

मौलाना अबुल कलाम आजाद को भारत सरकार ने साल 1992 में देश के सबसे उच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था. ये सम्मान उन्हें मरणोपरांत के बाद दिया गया था. मौलाना अबुल कलाम आजाद का निधन 22 फरवरी 1958 दिल्ली में हुआ था.

National Education Day 2024 Essay in Hindi

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने 11 सितंबर, 2008 को हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। एक कवि, एक विद्वान, एक पत्रकार और एक स्वतंत्रता सेनानी, उन्होंने कई नेताओं के साथ भारत के निर्माण में योगदान दिया। लेकिन भारत के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का उपहार है।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास (National Education Day History in Hindi)

National Education Day 2024: मौलाना सैय्यद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल-हुसैनी आज़ाद एक विद्वान और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे और लोकप्रिय रूप से मौलाना आज़ाद के रूप में जाने जाते थे। अपने कार्यकाल के दौरान, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे जिन्होंने एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की स्थापना की। इसलिए, उनका प्राथमिक ध्यान मुफ्त प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने पर था। एक शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उनके योगदान के लिए 1992 में, उन्हें भारत रत्न – देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया।

■ यह भी पढ़ें: Purushottam Laxman Deshpande in Hindi: Google ने Doodle बना कर On Pu La Deshpande को किया याद जानिए कौन थे पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे?

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की नींव में उनका योगदान उल्लेखनीय था – देश भर में उच्च शिक्षा की देखरेख और उन्नति के लिए एक संस्थान। उनका दृढ़ विश्वास था कि प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में व्यक्त किया जाना चाहिए।

मौलाना अबुल कलाम आजाद का विस्तृत जीवन परिचय

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद अफग़ान उलेमाओं के ख़ानदान से संबंध रखते थे जो बाबर के समय हेरात से भारत आए थे। उनकी माँ अरबी मूल की थीं और उनका नाम का शेख आलिया बिन्त मोहम्मद था। और उनके पिता मौलाना सैय्यद मुहम्मद खैरुद्दीन बिन अहमद अल हुसैनी था, जो एक फारसी व्यक्ति थे। मोहम्मद खैरुद्दीन और उनके परिवार ने भारतीय स्वतंत्रता के पहले आन्दोलन के समय 1857 में कलकत्ता छोड़ कर मक्का चले गए थे।

जब मोहम्मद खैरूद्दीन 1890 में भारत लौट आए तब मौहम्मद खैरूद्दीन को कलकत्ता में एक मुस्लिम विद्वान के रूप में ख्याति मिली। जब आज़ाद केवल 11 साल के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया। उनकी आरंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीकों से हुई। घर पर या मस्ज़िद में उन्हें उनके पिता तथा बाद में अन्य विद्वानों ने पढ़ाया। इस्लामी शिक्षा के अलावा उन्हें दर्शनशास्त्र, इतिहास तथा गणित की शिक्षा भी अन्य गुरुओं से मिली।

■ यह भी पढ़ें: फाइजर कोरोनावायरस वैक्सीन (Pfizer Corona Vaccine News): सतभक्ति से उत्तम कोई वैक्सीन नहीं 

आज़ाद ने उर्दू, फ़ारसी, हिन्दी, अरबी तथा अंग्रेजी़ भाषाओं में महारथ हासिल की। सोलह साल उन्हें वो सभी शिक्षा मिल गई थीं जो आमतौर पर 25 साल में मिला करती थी।तेरह साल की उम्र में, उनकी शादी एक युवा मुस्लिम लड़की, जुलीखा बेगम से हुई थी। वे देवबन्दी विचारधारा के करीब थे और उन्होंने क़ुरान के अन्य भावरूपों पर लेख भी लिखे।

Credit: MyNation

आज़ाद ने अंग्रेज़ी समर्पित स्वाध्याय से सीखी और पाश्चात्य दर्शन को बहुत पढ़ा। उन्हें मुस्लिम पारम्परिक शिक्षा को रास नहीं आई और परंतु वे आधुनिक शिक्षावादी सर सैय्यद अहमद खाँ के विचारों से सहमत थे।

मौलाना अबुल कलाम आजाद से संबंधित महत्वपूर्ण रोचक तथ्य (Facts)

  • मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवम्बर 1888 को मक्का, उस्मानी साम्राज्य (अब सऊदी अरब) में हुआ था।
  • अबुल कलाम के बचपन का नाम सैय्यद गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल हुसैनी था
  • उनके पिता का नाम मौलाना सैय्यद मुहम्मद खैरुद्दीन बिन अहमद अल हुसैनी तथा उनकी माता शेख आलिया बिन्त मोहम्मद का नाम था।
  • सन् 1923 में मौलाना आजाद भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे युवा अध्यक्ष बने।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति (15 अगस्त 2017) के बाद अबुल कलाम आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा सन् 1950 से पहले ‘भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद’ की स्थापना की गई।
  • उन्होंने सन् 1953 में संगीत नाटक अकादमी, सन् 1954 में साहित्य अकादमी और सन् 1954 में ललित कला अकादमी की स्थापना की थी।
  • ग़ुबार-ए-ख़ातिर मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में से एक है, जो मुख्य रूप से 1942 से 1946 के दौरान लिखी गई थी।
  • वर्ष 1992 में मरणोपरान्त मौलाना अबुल कलाम आजाद को देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद की मृत्यु के समय उनके पास कोई संपत्ति नहीं थी और न ही कोई बैंक खाता था।
  • देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का 22 फरवरी 1958 को निधन हो गया।
  • अबुल कलाम आजाद का मकबरा दिल्ली में जामा मस्जिद के बगल में स्थित है। हाल के वर्षों में मकबरे के खराब रखरखाव को लेकर भारत में कई लोगों द्वारा बड़ी चिंता व्यक्त की गई है। 16 नवंबर 2005 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि नई दिल्ली में मौलाना आज़ाद की कब्र को पुनर्निर्मित किया जाए और एक प्रमुख राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित किया जाए।
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना उनके उल्लेखनीय कार्यों में से एक है।
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अहयोग आंदोलन व खिलाफत आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी थी।

National Education Day Quotes in Hindi

“आपको अपने सपने सच होने से पहले सपने देखने होंगे।”

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

दिल से निकली शिक्षा समाज में क्रांति ला सकती है।

National Education Day Quotes in Hindi

अपने मिशन में सफल होने के लिए आपका लक्ष्य के प्रति पूरा समर्पित होना जरूरी है।

हमें इस बात का एहसास होना चाहिए कि आत्मविश्वास के साथ आत्म सम्मान आता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *