National Handloom Day 2024: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस हर साल 7 अगस्त के दिन मनाया जाता है. यह दिन देश में हथकरघा बुनकरों को सम्मानित करने और लघु व मध्यम वर्ग के हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.
इसकी शुरुआत साल 2015 में हुई थी, जिसके बाद इस साल 7वां नेशनल हैंडलूम डे मनाया जा रहा है. इस मौके पर राजधानी दिल्ली के दिल्ली हाट, आईएनए में ‘माई हैंडलूम माई प्राइड’ नाम से एक एक्जीबिशन का आयोजन किया गया है.
National Handloom Day History in Hindi
7 अगस्त को देश में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है, इसके पीछे विशेष महत्व है। इसी दिन 1905 में स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था और इसी दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई थी। भारत सरकार इसी की याद में हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाता है। 7 अगस्त 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में कॉलेज ऑफ मद्रास के शताब्दी कॉरिडोर पर राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन किया था, जिसके बाद से यह प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 7 अगस्त 2024 को 10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस महत्व
भारत में हथकरघा क्षेत्र समय के साथ सबसे महत्वपूर्ण कुटीर व्यापार के रूप में उभरा है। हथकरघा बुनकर कपास, रेशम और ऊन के समान शुद्ध रेशों का उपयोग कर माल तैयार करते रहे हैं। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस आयोजित करने का प्राथमिक लक्ष्य भारत के सामाजिक आर्थिक सुधार में हथकरघा के योगदान को स्पष्ट करना है। प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर बुनकरों को काम के विकल्प के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, हालांकि कोरोन के कारण पिछले साल यह प्रभावित हुआ था, हालांकि इस बार कई जगहों पर इस तरह की कार्यशाल का आयोजन हो रहा है।
कितना प्राचीन है हथकरघा उद्योग?
हथकरघा उद्योग प्राचीनकाल से ही हाथ के कारीगरों की आजीविका प्रदान करता आया है। हथकरघा उद्योग से निर्मित सामानों का विदेशों में भी खूब निर्यात किया जाता है। माना जाता है कि इस उद्योग के विभिन्न कार्यों में लगभग 7 लाख व्यक्ति लगे हुए हैं। लेकिन अगर उनकी आर्थिक स्थिति की बात की जाये तो कहा जा सकता है कि तमाम सरकारी दावों के बावजूद उनकी स्थिति दयनीय ही बनी हुई है। हालांकि 2017 में सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए कहा था कि देश में जगह जगह स्थापित बुनकर सेवा केंद्रों पर बुनकरों को आधार व पैन कार्ड जैसी अनेक सरकारी सेवाओं की पेशकश की जाएगी।
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7 अगस्त को ही क्यों चुना गया National Handloom Day के लिए?
ब्रिटिश सरकार द्वारा किये गये बंगाल विभाजन के विरोध में वर्ष 1905 में कलकत्ता टाउन हॉल में शुरू किये गये स्वदेशी आंदोलन की स्मृति में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में चुना गया था। इस साल 7वां नेशनल हैंडलूम डे मनाया जा रहा है। इस बार राजधानी दिल्ली के दिल्ली हाट, आईएनए में ‘माई हैंडलूम माई प्राइड’ नाम से एक एक्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है।
सामने हैं कई चुनौतियां
सरकार द्वारा लगातार हथकरघा, पावरलूम, ऊन, जूट और रेशम बोर्ड को समाप्त किया जा रहा है। जिससे इस क्षेत्र में कार्य करने वाले बुनकरों की स्थित दयनीय हो रही हैं, सरकार को चाहिए कि इन संस्थानों की समाप्ति की जगह हथकरघा-बुनकर से जुड़े लोगों को निज़ी एवं सार्वजनिक शिल्प संस्थानों द्वारा बड़े मार्केट के साथ ऐसे ई-मार्केट प्लेटफॉर्म प्रदान करे, जहां वे अपनी कला दिखा सके।
National Handloom Day 2024 Theme in Hindi
कोविड के चलते पूरे विश्व में प्रदर्शनी को आभासी रुप से चलाया गया। हथकरघा निर्यात संवर्द्धन परिषद ने एक आभासी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया। जिसमें 150 से अधिक प्रदर्शनकारी ने भाग लिया था। साल 2024 में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की थीम हथकरघा के महत्व और भारत की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विरासत में इसके योगदान के बारे में होगी. यह दिन 7 अगस्त को मनाया जाता है.
कच्चा माल की कमी
कच्चे माल की पहुंच न होने के कारण रेशम, ऊन, कपास और हथकरघा कच्चे माल की कमी है। इसकी पहुंच अधिक सुलभ करनी चाहिए, जिससे हथकरघा द्वारा सामानों की पहुंच आसान हो। इन्हीं सब चुनौतियों के कारण आज हथकरघा उद्योग खत्म होने की कगार पर है। अगर इतिहास की बात करें तो 1905 से ही भारत आत्मनिर्भर की ओर काम करना शुरु कर दिया किन्तु देश गुलाम होने कारण विदेशी माल भारत में सस्ते दरों पर बिकने लगा जिससे भारत के लघु उद्योग तथा हथकरघा उद्योग ठप पड़ गये।
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FAQ about National Handloom Day
- Q. राष्ट्रीय हथकरघा दिवस कब मनाया जाता है?
Ans: 7 अगस्त को मनाया जाता है।
- Q. FDCI का फुल फार्म क्या है?
Ans: Fashion Design Council of India
- Q. राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?
Ans: 7 अगस्त 2015 से हुई।
- Q. राष्ट्रीय हथकरघा किस मंत्रालय के अन्तर्गत आता है?
Ans: वस्त्र मंत्रालय के अन्तर्गत आता है।
स्मृति ईरानी जी ने किया हथकरघा का समर्थन
इतना ही नहीं साल 2015 में जब राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की शुरुआत हुई। उस वक्त कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी थी। उन्होंने हथकरघा पर बने परिधानों को लोकप्रिय बनाने और बुनकर समुदाय को मदद पहुंचाने के लक्ष्य के साथ सोशल मीडिया पर ‘आई वियर हैंडलूम’ अभियान की शुरुआत की थी। जिसका असर यह हुआ कि कई मशहूर हस्तियों ने जमकर हथकरघा का समर्थन किया था। इस अभियान के तहत मशहूर हस्तियों ने ‘आई वियर हैंडलूम’ हैशटैग के साथ हैंडलूम वस्त्र पहने और तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की।
National Handloom Day: युवाओं का हैडलूम में महत्वपूर्ण योगदान
युवाओं के बीच हैडलूम प्रॉडक्ट यानी हथकरघा उत्पादों को प्रचलित करने के लिए , युवाओं की पसंद को ध्यान में रखते हुए डिजाइनिंग पर ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कुछ कदम उठाने होगें ताकी इसे फैशनेबल बनाया जा सके। हमें हथकरघा उत्पादों को भारत और दुनिया में फैशन का केंद्र बनाना होगा। कपड़े, पर्दे, बैडशीट, टेबल कवर और अन्य घरेलू जरुरत के सामान में हैडलूम प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है तो इसका फायदा हैडलूम कारीगरों को मिलेगा। फिल्मों के जरिए हैंडलूम प्रोडक्ट का प्रचार सबसे ज्यादा हो सकता है।
National Handloom Day Quotes
- आइए अपने बुनकरों और हैंडलूम क्षेत्रों से जुड़े सभी लोगों को सलाम करें, जो हमारी समृद्ध स्वदेशी विरासत संस्कृति में योगदान दे रहे हैं।
- हैंडलूम का प्रयोग करें और बुनकरों के हाथों की गर्मी और दिलों को महसूस करें।
- भारत की समृद्ध संस्कृति का जश्न मनाएं, नेशनल हैंडलूम डे मनाएं !!!
- जितना आप अच्छे कपड़े पहनने की सराहना करते हैं, हमारे बुनकरों की सराहना करने के लिए कुछ समय निकालें, जिनकी कड़ी मेहनत आपके अच्छे दिखने के सपने को सच करती है।
- नेशनल हैंडलूम डे के पीछे मुख्य सार सिर्फ कारीगरों के आत्मविश्वास या आय को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि हैंडलूम उत्पादों को अधिक से अधिक मान्यता प्रदान करना है।
- आइए समाज में हैंडलूम उत्पादों के प्रति जागरूकता लाने का संकल्प लें और हैंडलूम सामानों का उपयोग करें।