National Mathematics Day 2024: जानिए राष्ट्रीय गणित दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है इसका महत्व?

National Mathematics Day 2022 [Hindi] श्रीनिवास रामानुजन से जुड़ी बातें

Last Updated on 9 December 2024 IST: भारत के महान गणितज्ञ रामानुजन के जन्मदिन के अवसर पर गणित दिवस (National Mathematics Day 2024) मनाया जाता है. हर साल 22 दिसंबर को देश विदेश के गणितज्ञ ख़ास तौर पर रामानुजन को याद करते हैं. इस दिन मैथ्स के टीचर्स और जानकार छात्रों को मैथ्स की बारीकियां बताते हैं.

National Mathematics Day Importance (Hindi)

यह दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों में मानवता के विकास के लिए गणित के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। देश की युवा पीढ़ी के बीच गणित सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रेरित करने, उत्साहित करने और विकसित करने के लिए कई पहल की जाती हैं। इस दिन, गणित शिक्षकों और छात्रों को शिविरों के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है और संबंधित क्षेत्रों में गणित और अनुसंधान के लिए शिक्षण और सीखने की सामग्री (टीएलएम) के विकास, उत्पादन और प्रसार पर प्रकाश डाला जाता है।

जानिए क्यों मनाया जाता है National Mathematics Day?

इस दिन को मैथ्स के प्रति लोगों के इंटरेस्ट को बढ़ने के लिए मनाया जाता है. आज के समय में जहां युवा पीढ़ी कुछ नया जानना-समझना चाहती है, ऐसे में मैथ्स के प्रति छात्रों में इंटरेस्ट जगाना भी ज़रूरी समझा जाता है. इस दिन मैथ्स के टीचर्स और जानकार छात्रों को मैथ्स की बारीकियां बताते हैं. साथ ही साथ उन्हें मैथ्स से संबंधित ख़ास बातें बताते हैं. टीचर्स और जानकारों का मानना है कि छात्रों में सीखने की इच्छा ज्यादा होती है. ऐसे में उन्हें मैथ्स के प्रति इंटरेस्ट जगाना ज़रूरी होता है.

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ऐसे मनाया जाता है गणित दिवस

देश में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय गणित दिवस पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। यहां तक कि इंटरनेशनल सोसायटी यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) और भारत ने गणित सीखने और समझने के लिए एक साथ काम करने पर सहमति भी व्यक्त की थी। इसके साथ ही, छात्रों को गणित में शिक्षित करने और दुनिया भर में छात्रों और शिक्षार्थियों के लिए ज्ञान फैलाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए।

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Credit: OneIndia

जानें श्रीनिवास रामानुजन से जुड़ी कुछ खास बातें

  • गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म के इरोड में हुआ था, रामानुजन तमिल ब्रह्मण परिवार से संबंध रखते थे। 1903 में उन्होंने Kumbakonam में सरकारी कॉलेज ज्वाइन किया। 
  • बिना मैथ्य के विषयों और लापरवाही के कारण वो रामानुजन 12वीं में दो बार फेल हुए थे। जिस गवर्नमेंट कॉलेज में पढ़ते हुए वे दो बार फेल हुए, बाद में उसका नाम बदलकर उनके नाम पर ही रखा गया।  लेकिन प्रतिभा किसी भी तरह पीछे नहीं रहती।1912 में उन्होने मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क के पद पर काम करना शुरू कर दिया। 
  • यहां उनकी गणित की प्रतिभा और नॉलेज को उनके साथियों ने पहचाना और उन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, ट्रिनिटी कॉलेज में रैफर कर दिया। 
  • दूसरा विश्व युद्ध शुरू होने से कुछ महीने पहले रामानुजन ने ट्रिनिटी कॉलेज ज्वाइन कर लिया। 
  • 1916 में उन्होंने बैचलर इन साइंस की डिग्री ली।  लंदन की मैथमैटिकल सोसायटी में 1917 में उनका चुनाव कर लिया गया।  
  • 1919 में भारत लौटने के बाद 32 साल की उम्र में  26 अप्रैल 1920 को यह महान गणितज्ञ इस दुनिया से विदा ले गए।
  • कहा जाता है कि रामानुजन ने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और बिना किसी की सहायता के खुद से कई प्रमेय (Theorems) भी विकसित किए।
  • सन् 1918 में रामानुजन को कैम्ब्रिज फिलोसॉफिकल सोसायटी, रॉयल सोसायटी तथा ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज तीनों का फेलो चुन गया।

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