करियर का अर्थ होता है कि जब कोई व्यक्ति (स्त्री/पुरुष) उसके जीवन में उसके रोजगार (नौकरी) से जुड़ी श्रृंखला करता है। दूसरे शब्दों में इसे हम एक मजबूत प्रयास भी कह सकते हैं। इसको पूर्ण करने के लिए व्यक्ति दिन – प्रतिदिन प्रयास करता है। जैसे कि व्यक्ति कलाकार , शिक्षक , इंजिनियर, वकील, श्रमिक, डॉक्टर आदि बनने के लिए लगन से तैयारी में जुड़ कर इसको पाने का एक लक्ष्य बना लेता है। करियर की शुरुआत यदि स्वयं की रुचि किस क्षेत्र में है उसके अनुसार कि जाए तो सफलता अवश्य मिलती है ।
करियर विकास क्या है?
करियर विकास मजबूत व्यावसायिक उद्देश्यों की दिशा में बढ़ने हेतु क्षणस्थायी कौशल में निपुणता प्राप्त करना और उनका प्रयोग करने की एक प्रकिया है ।व्यक्ति इस प्रक्रिया को आजीवन चला सकता है । अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ,उसमें और बेहतर विकास करने लिए हमें हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए । करियर विकास का ज्यादातर हिस्सा व्यक्ति के कार्य में लक्ष्य के अक्स एवं विवेचन की मांग करता है ।इसको हम एक बेहतर करियर विकास प्राप्त करने की नींव कहते हैं।
करियर पथ को एक सीढ़ी के रूप में देखा जा सकता है ,जिसपर चढ़कर व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति प्राप्त करता है। नौकरी प्राप्त करना व्यक्ति का मुख्य और प्रथम लक्ष्य होता है लेकिन कोई भी हमेशा प्रवेश स्तर पर रुखना नहीं चाहता है। उसको यदि अपने जीवन में उन्नति करना है तो वह निरंतर प्रयासरत रहता है। हालांकि करियर में सफल होकर आगे बढ़ना कहना आसान है,परंतु उतना ही कठिन भी है। इस मार्ग में ज्यादातर कठिनाइयों (जैसे कि लाभ/हानि) का सामना करना पड़ता है। यदि करियर विकास में सफलता प्राप्त करना है,तो सावधानीपूर्वक योजना बनाने और जानबूझकर कदम उठाने की आवश्यकता रहती है।
करियर विकास महत्वपूर्ण क्यों है?
करियर विकास व्यक्ति के जीवन में बहुत ज्यादा महत्व रखता है। यह केवल व्यक्तियों में ही नहीं बल्कि संगठनों के लिए भी अहम भूमिका निभाता है। करियर विकास द्वारा सर्व प्रथम करियर में उन्नति प्राप्त होती है।उसके बाद अन्य लाभ होते हैं जैसे कि स्वयं का व्यक्तिगत विकास, कौशल विकास, आत्मविश्वास, उन्नति में बेहतर प्रदर्शन आदि। इसके माध्यम से व्यक्ति का सबसे बड़ा डर नौकरी प्राप्त न होना भी समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति में सुरक्षा की भावना भी बढ़ती है।
संगठनों को भी करियर विकास द्वारा लाभ प्राप्त होते हैं । यदि वह चाहें तो इसमें निवेश कर कर्मचारी जुड़ाव, उत्पादकता साथ ही प्रतिधारण में सुधार प्राप्त कर सकते हैं। जिससे नेतृत्व कौशल एवं समग्र आर्थिक विकास में वृद्धि की प्राप्ति होती है। कैरियर विकास के माध्यम से व्यक्ति के अंदर रुचि भी बढ़ती है,जिससे वह अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त करने में सफल हो जाता है।
करियर विकास योजनाओं को तैयार करने की आवश्यकता
प्रत्येक कार्य चाहे वह किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हो ,बिना योजना के विफल ही रहता है। हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास की शुरुवात एक मजबूत योजना के साथ करनी चाहिए । करियर विकास में उद्देश्यों हेतु आधार तैयार करना जठिल हो सकता है ,लेकिन हमें मजबूत संकल्प के साथ करियर विकास की सीढ़ी पर सीढ़ी चढ़ते जाना है । व्यक्ति को अपने प्रथम करियर विकास योजना को आखिरी योजना या एक निरीक्षण लिस्ट नहीं मानना चाहिए,बल्कि ठीक से उसका अनुसरण करना चाहिए । हमें इसको अपने कैरियर मार्ग में संदर्भ हेतु एकल नींव मात्र समझना चाहिए और योजना के अनुसार निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।
योजना के अनुसार चलने से करियर के क्षेत्र में एक सटीक जानकारी प्राप्त होती है । इसके माध्यम से हम एक बेहतर निर्णय/संकल्प भी ले सकते हैं कि हमें यहां सफलता प्राप्त होगी ,यहां प्रयास विफल नहीं होगा । योजना द्वारा हमारी सोच में भी वृद्धि होती है, जिससे अपने लक्ष्य को पाने तथा नया कार्य करने के क्षेत्र में विश्वास मजबूत होता है।
क्या हैं करियर विकास के दौरान योजनाओं में पांच तत्व
व्यक्ति योजना बिना ज्यादातर विफल ही रहता है ,क्योंकि योजना रहित कार्य हमारा आत्मविश्वास नष्ट कर देता है। ऐसे में अगर आत्मबल खो दिया तो व्यक्ति ने उसी क्षण हार मान ली।
व्यावसायिक विकास योजना के दौरान व्यापारियों को हमेशा 5 तत्व करने चाहिए। इन 5 तत्वों को हम एक ढांचा समझ सकते है । जिस प्रकार हमारा शरीर एक ढांचे के बल पर बना हुआ है, ठीक उसी प्रकार – मूल्यांकन, लक्ष्य, संसाधन, रणनीति और मूल्यांकन यह 5 तत्वों द्वारा करियर विकास में वृद्धि की प्राप्ति होती है।
करियर विकास योजना बनाते समय कुछ सावधानियां :
करियर हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। अगर करियर विकास में बनाई गई योजना सही नहीं होगी, तो करियर का विकास होना असंभव है।
- ▪️स्वयं की बनाई योजना एक – एक कदम या सीढ़ी पर ले जाना ही लाभदायक है ।
- ▪️स्वयं निर्मित योजना जिसको पहली बार अपने करियर विकास में प्रयोग करने जा रहे हो ,उसको अंतिम योजना या निरीक्षण लिस्ट मात्र न समझें ।
- ▪️अपनी योजना में वर्तमान पद की ज़िम्मेदारियों दौरान स्वयं के समग्र करियर पथ को भी मिलाएं ।
- ▪️स्वयं की योजना में सही ढंग से शिक्षा या प्रशिक्षण को शामिल करना उचित है ।
कुछ और महत्वपूर्ण बातें
करियर और नौकरी को कुछ लोग एक मानते हैं,क्योंकि उन्हें इनका मुख्य अंतर ज्ञात ही नहीं होता है ।लोग नौकरी केवल और केवल रुपए कमाने के लिए करना पसंद करते हैं। जबकि करियर एक विस्तारित प्रयास कह सकते हैं, जिसको पूर्ण करने के लिए आप प्रतिदिन प्रयासरत रहते हैं । नौकरी द्वारा व्यक्तिगत विकास, कौशल विकास, आत्मविश्वास आदि कुछ भी संभव नहीं है । करियर द्वारा व्यक्तिगत विकास तो होता है और नौकरी के अनेकों अवसर भी बढ़ जाते हैं ।
नौकरी हम ऐसे कह सकते हैं कि अन्य लोगों या संस्थाओं के लिए कार्य करना और बदले में वेतन या पारिश्रमिक लेना। इसका मतलब तो साफ है कि हम किसी के अंतर्गत काम करते हैं। नौकरी मुख्यता एक गतिविधि या सेवा भी कह सकते हैं, जिसे कोई भी महीने के हिसाब से प्रतिदिन करता है । नौकरी दो प्रकार की होती हैं प्राइवेट नौकरी एवं सरकारी नौकरी।
नौकरी के संबंध में कुछ बिंदु :
नौकरी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। जानिए कुछ बातें:–
- नौकरी प्राप्त तब होती है जब हम अपनी रुचियों, शिक्षा, और अनुभव के अनुकूल नौकरियों पाने का प्रयास करते हैं, जिस क्षेत्र में आपकी रुचि है उसके विपरीत प्रयास न के बराबर सफल होता है ।
- नौकरी प्राप्ति प्रयास की शुरुवात आपको अपना रिज्यूम और कवर लेटर द्वारा करनी हितकारी होगी ।
- सरकारी नौकरी करने का केवल एक फायदा है,जिसमें नौकरी सुरक्षा बहुत ज्यादा रहती है।
- सरकारी नौकरियों को करने का मकसद केवल एक ही होता है लोगों का जिसमें अक्सर रिटायरमेंट के उपरांत पेंशन का लाभ मिलता रहता है और साथ ही अनेकों प्रकार की सामाजिक सुरक्षा भी प्राप्त होती है । यह सब निर्भर करता है कि आप किस क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं।
- सरकारी नौकरी करने वालों को समय पर पगार/सैलरी प्रदान की जाती है ।यह बात जानना जरूरी है कि जितने भी सरकारी कर्मचारियों होते है उनका बीमा सरकार द्वारा ही करवाया जाता है । वस इन लाभों को समय पर प्राप्त करने के कारण ही लोग ज्यादातर सरकारी नौकरी प्राप्त करने का प्रयास करते रहते हैं ।
आध्यत्मिक दृष्टि के अनुसार मानव जन्म का क्या है मुख्य उद्देश्य
देखा जाए तो ज्यादातर शिक्षा ने व्यवसायिक रूप ले लिया गया है।वर्तमान में लोग अपने बच्चों को केवल इसलिए शिक्षित करवाते हैं,ताकि उन्हें बड़ी से बड़ी नौकरी, जिसमें खूब पैसे मिले। फिर उनके बच्चे एक धनवान व्यक्ति की तरह जीवन आनंद ले सकें।केवल करियर विकास द्वारा अच्छा व्यवसाय प्राप्त हो जाने मात्र से या एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने मात्र से हमारा जीवन सफल नहीं होता है।
जीवन सफल तो केवल पूर्ण परमात्मा की पहचान कर, उनकी भक्ति करने से सफल होता है । मन में यह बात जरूर आएगी कि पूर्ण परमात्मा की पहचान कैसे करें ? कैसे भक्ति करें जिससे जीवन का मुख्य लक्ष्य प्राप्त हो सके?
आध्यत्मिक ज्ञान जिसे गीता जी में तत्वज्ञान कहा गया है। इस ज्ञान को यदि मानव नहीं समझता है तो उसका मानव जीवन पशुओं और पक्षियों की तरह ही समाप्त हो जाता है । इसके समझे बिना हमें परमात्मा प्राप्ति का ज्ञान नहीं होगा। इसलिए हमें आध्यात्मिक शिक्षक की खोज कर यह शिक्षा प्राप्त कर मानव जीवन का कल्याण करवाना चाहिए।जिसके संकेत श्रीमद्भागवत गीता जी के अध्याय – 15 के श्लोक न. 1 से 4 व 16 और 17 में है।इस ज्ञान को केवल तत्वदर्शी संत ही बता सकते हैं। वर्तमान में केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं, जो मानव समाज को वेदों – पुराणों के अनुसार भक्ति विधि प्रदान कर उनको मोक्ष प्राप्ति की राह दिखाते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें साधना चैनल शाम 7:30 से 8:30 तक।
FAQs:
करियर क्या है?
करियर का अर्थ होता है कि जब कोई व्यक्ति (स्त्री/पुरुष) उसके जीवन में उसके रोजगार (नौकरी) से जुड़ी श्रृंखला करता है।
करियर विकास क्या महत्त्व है?
करियर विकास का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। इससे स्वयं का व्यक्तिगत विकास, कौशल विकास, आत्मविश्वास, उन्नति में बेहतर प्रदर्शन आदि होता है।
अध्यात्मिक मार्ग में शिक्षा का क्या महत्त्व है?
अध्यात्मिक मार्ग में शिक्षा का महत्त्व यह है कि इससे अपने पवित्र शास्त्रों में वर्णित भक्ति मार्ग प्राप्त किया जा सकता है।
मनुष्य के जीवन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
मनुष्य के जीवन का मुख्य उद्देश्य पूर्ण मोक्ष प्राप्त करना है।