अक्टूबर स्तन कैंसर जागरूकता माह
अक्टूबर का महीना हर साल “स्तन कैंसर जागरूकता माह” के रूप में मनाया जाता है। यह माह 1985 में अमेरिकन कैंसर सोसाइटी और टैमोक्सीफेन बनाने वाली कंपनी के सहयोग से शुरू हुआ था। इसका उद्देश्य स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना, लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित करना और इसके प्रभावों को कम करने में मदद करना है। स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, लेकिन यह पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है। इस माह का प्रतीक गुलाबी रिबन है, जो वैश्विक रूप से जागरूकता का संकेत है। इस अभियान के तहत, महिलाओं को 40 वर्ष की आयु से पहले नियमित जांच कराने और लक्षणों की पहचान के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।
स्तन कैंसर जागरूकता का महत्व
पहले, यह रोग मुख्यतः 40 से अधिक आयु की महिलाओं में देखा जाता था, लेकिन अब 25 साल की युवतियां भी इससे पीड़ित हो रही हैं। ऐसे में जागरूकता का मुख्य उद्देश्य बीमारी के लक्षणों को जल्दी पहचानकर रोकथाम करना है।
कैंसर के लक्षणों की पहचान
स्तन कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:
1.स्तन या कांख में गांठ
2.निप्पल या स्तन की त्वचा में सूजन, जलन या लालिमा
3. निप्पल से असामान्य स्राव
4. स्तन के आकार और आकृति में बदलाव
5. निप्पल का अंदर की ओर खींचना
कैंसर का बढ़ता खतरा
कैंसर के खतरे को कई कारकों से जोड़ा गया है जैसे मोटापा, तंबाकू का सेवन, अनुवांशिक कारण और गर्भनिरोधक हार्मोन के लंबे समय तक उपयोग। इसके अलावा, एक्स-रे या सीटी स्कैन के विकिरणों के संपर्क में आना भी एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।
रोकथाम के उपाय
हालांकि सभी मामलों को रोका नहीं जा सकता, लेकिन जीवनशैली में बदलाव कर जोखिम को कम किया जा सकता है:
1. संतुलित आहार और स्वस्थ वजन बनाए रखना
2. नियमित शारीरिक गतिविधि
3. अल्कोहल और तंबाकू का सेवन न करना
4. परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास हो तो नियमित रूप से जांच कराना
प्रारंभिक जांच और स्क्रीनिंग का महत्व
महिलाओं को नियमित रूप से स्तन कैंसर की जांच कराने की सलाह दी जाती है, खासकर 40 वर्ष की आयु के बाद। मेमोग्राम और अन्य स्क्रीनिंग विधियों से शुरुआती चरण में ही कैंसर का पता लगाकर उपचार शुरू किया जा सकता है, जिससे मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अभियान
WHO ने 2021 में “वैश्विक स्तन कैंसर पहल” की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य 2040 तक स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को 2.5% प्रति वर्ष कम करना है। जागरूकता बढ़ाने और जांच के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस अभियान को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है।
अक्टूबर में विशिष्ट तिथियों पर होगी जागरूकता
1. 13 अक्टूबर: मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता दिवस
2. 17-23 अक्टूबर: पुरुष स्तन कैंसर जागरूकता सप्ताह
समाज में जागरूकता की कमी और समाधान
स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि का एक कारण महिला चिकित्सकों की कमी है। कई महिलाएं पुरुष डॉक्टरों से असहज महसूस करती हैं, जिसके कारण वे समय पर जांच नहीं करा पातीं। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने महिला ऑन्कोलॉजिस्ट की नियुक्ति का निर्णय लिया है, ताकि महिलाओं को उचित जांच और उपचार की सुविधा मिल सके। महिलाओं में स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शुरुआती पहचान को प्रोत्साहित करने से इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
सतभक्ति कीजिए कैंसर कभी होगा ही नहीं
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी अपने प्रवचनों में बताते हैं कि सच्ची भक्ति के माध्यम से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार संभव है। उनके अनुसार, जब भक्त ईश्वर की सच्ची भक्ति करते हैं, तो ईश्वर उनके स्वास्थ्य की भी देखभाल करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी कहते हैं, “जो सतभक्ति करता है, उसका कैंसर तो क्या, कैंसर का बाप भी ठीक हो जाता है।” वे शास्त्रों अनुसार भक्ति करने पर ज़ोर देते हैं जिससे कैंसर का जोखिम कम किया जा सकता है। संत रामपाल जी की शिक्षाएँ और उनके भक्तों के अनुभव इस विश्वास को जन्म देते हैं कि भक्ति और सत्य मंत्रों के जाप से स्वास्थ्य में सुधार संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी की भक्ति विधि और आध्यात्मिक ज्ञान को जानने के लिए Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj YouTube channel को फॉलो करें।
स्तन कैंसर जागरूकता माह से संबंधित FAQS
1. स्तन कैंसर जागरूकता माह क्या है?
अक्टूबर का महीना स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना, समय पर जांच को प्रोत्साहित करना और इसके लक्षणों की पहचान करना है।
2. स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं?
स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन या कांख में गांठ, निप्पल से स्राव, स्तन के आकार या आकृति में परिवर्तन, निप्पल का अंदर की ओर खींचना और स्तन की त्वचा में सूजन या लालिमा शामिल हैं।
3. स्तन कैंसर का जोखिम कौन-कौन से कारकों से बढ़ता है?
जोखिम कारकों में आनुवांशिकी, मोटापा, शराब और तंबाकू का सेवन, लंबे समय तक हार्मोनल चिकित्सा और 30 वर्ष की आयु के बाद बच्चे न होना शामिल हैं।
4. स्तन कैंसर की जांच कब करानी चाहिए?
महिलाओं को 40 वर्ष की आयु से पहले या परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास होने पर नियमित रूप से स्तन कैंसर की जांच करानी चाहिए। मेमोग्राम एक सामान्य जांच विधि है।
5. स्तन कैंसर की रोकथाम कैसे की जा सकती है?
स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, संतुलित आहार लेने, नियमित व्यायाम करने, समय पर जांच कराने और सतभक्ति करने से स्तन कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।