Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | शराब अंग्रेजी और देसी दोनों हैं खराब। ऐसे छोड़े शराब की लत

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] ऐसे छोड़े शराब की लत

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | नमस्कार दर्शकों! खबरों की खबर का सच कार्यक्रम में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज के कार्यक्रम में हम शराब के नशे में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी के बारे में चर्चा करेंगे और साथ ही ज़हरीली शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानेंगे।

दोस्तों! वर्तमान में दुनियाभर के अधिकतर देशों में युवा वर्ग नशे की लत में डूबता चला जा रहा है। युवा वर्ग से लेकर बुजुर्ग हर कोई नशे की दलदल में फंसा हुआ है। नशा मनुष्य के लिए हानिकारक है, लेकिन फिर भी मनुष्य नशे के पीछे भाग रहा है। लोगों को ऐसा लगता है कि नशा करने से उनकी चिंताएं, थकान , गरीबी, बेबसी , बेरोजगारी , अकेलापन , तनाव सब दूर हो जाता है और मनुष्य कुछ देर तक चिंता मुक्त होकर जी सकता है। लेकिन नशे की लत व्यक्ति और उसके परिवार को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। आजकल की युवा पीढ़ी स्कूल- कॉलेज में ही शराब, गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट ,ड्रग्स आदि के नशे करने की आदी हो जाति है और जो गरीब बच्चे दस साल से भी छोटे होते हैं, मज़दूर वर्ग, रिक्शा चालक, कचरा बीनने वाले सड़क किनारे रह कर अपना गुज़र बसर कर रहे होते हैं उन्हें आसपास के ड्रग्स बेचने वाले ड्रग पैडलरस नशा करने की बुरी लत में इस कदर फंसा देते हैं कि वे रोटी कम खाते हैं और नशा अधिक से अधिक करने लगते हैं।

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | इस तरह से नशे का शिकार हो रहे लोगों का डेटा न तो सरकार के पास है न ही इन्हें बचाने की सुध पुलिस लेती है और न ही सरकार। कोरोना काल में घर घर में शराब की डीलीवरी की सुविधा भी सरकार द्वारा शुरू की गई। अब तो शराब की बिक्री घर के बिल्कुल पास बने बाज़ारों में खुले आम होने लगी है। सैकड़ों नई शराब की दुकानें खुलवाकर सरकार ने अपनी इनकम बढ़ाई है और आम आदमी की घटाई है। शराब और नशे का काला कारोबार सरकार की शय पर और पुलिस की देख रेख में धड़ल्ले से हो रहा है। शराब की दुकानों के अंदर और बाहर की भीड़ देखकर आप को उतनी ही चिंता होगी जितनी सरकारी अस्पतालों में किडनी फैल और कैंसर के मरीजों की संख्या को देखकर होती है।

शराब क्यों नहीं पीते? एक घूंट पी लो कुछ नहीं होता…

समाज में आज चाहे कोई भी अवसर हो, उस्तव या जन्मदिन हो! चाहे शादी-ब्याह हो या अन्य कोई समारोह! किसी भी प्रकार का सामाजिक और निजी कार्यक्रम शराब और हुक्के के बिना अधूरा समझा जाता है। हैरत की बात तो ये है कि अगर आप नशा करने वालों की श्रेणी में शामिल नहीं हैं, तो फिर भी आपको बार बार नशा करने के लिए कहा जाएगा।

सरकार को इनकम आती है जब आप पीते हो शराब

  • देखा जाता है नशा मुक्ति के लिए सरकार के द्वारा कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद भी लोगों की नशे की आदत न तो छूट रही है न कम हो रही है क्योंकि नशे को बढ़ावा भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार ही देती है। जब तक सरकार नशे की पूर्णतया बंदी नहीं करेगी तब तक नशा बनता रहेगा, बिक्री होती रहेगी और समाज और देश यूं ही नशे की लत में फंसा रहेगा।
  • शराब के दुष्प्रभाव को समझने के लिए एक छोटी सी कहानी है जो हम यहाँ आपके साथ शेयर कर रहे हैं। एक दिन एक शैतान एक मनुष्य के पास आया और बोला, ‘तुम सब मरने ही वाले हो मैं तुम्हें मौत से बचा सकता हूं। बशर्ते, तुम अपने नौकर को मार डालो, अपनी पत्नी की पिटाई करो या यह शराब पी लो।
  • मनुष्य ने कहा, ‘मुझे जरा सोचने दो। अपने विश्वसनीय नौकर की हत्या करना मेरे लिए संभव नहीं और पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करना बेतुकी बात होगी हां, मैं यह शराब पी लूंगा।’ उस के बाद उस ने शराब पी ली और नशे में धुत हो कर पत्नी को खूब पीटा तथा जब नौकर ने उसकी पत्नी का बचाव करने की कोशिश की तो उसने नौकर को मार डाला।
  • इस कहानी से शराब के मनुष्य जीवन पर पड़ने वाले कुप्रभाव को भलीभांति समझा जा सकता है। निसंहेद मद्यपान का हमारे जीवन पर घातक प्रभाव पड़ता है। किंतु इस के बावजूद आज जिधर देखो उधर युवा लड़के और लड़कियां, बूढ़े, स्त्रीपुरुष, अमीरगरीब सभी इस ज़हर की चपेट में नजर आ रहे हैं।

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | युवा बन रहे हैं नशे का शिकार

शराब पीना आजकल फैशन सा बन गया है। फैशनपरस्त लोगों ने साजसिंगार तथा वेशभूषा तक ही सीमित न रह कर शराब को भी उस के दायरे में समेट लिया है। शराब पीने से इनकार करने वालों को अब पुराने विचारों का तथा रूढिवादी कह कर चिढ़ाया जाता है और अपने को आधुनिक व प्रभावशाली साबित करने का इच्छुक हर व्यक्ति उस के खतरों को नजरअंदाज करते हुए या जानेअनजाने में इस के जानलेवा जाल में फंसता जा रहा है। आधुनिकता की आड़ में युवक और युवतियां सुट्टा ,शराब और रैव पार्टीस करके अंधाधुंध नशा करने लगे हैं। पश्चिमी देशों में तो नशा और भी विनाशकारी साबित हो रहा है जहां 13 वर्ष के होते ही बालक से युवा हो रही जनरेशन नशे का सबसे बड़ा टारगेट बन चुकी है।

नशा करने वालों का शरीर नशे से ही चार्ज होकर चलने लगता है

नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है। फिर वह धीरे धीरे शरीर का भी नाश कर देता है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंगों फेफड़े, लीवर, गुर्दे और हृदय हैं। शराब सर्वप्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है। नशा मनुष्य के मन और दीमाग को अपने काबू में कर लेता है। कोई नशा छोटा ,बड़ा या सस्ता नहीं होता नशा केवल नशा होता है। जो किडनी और लिवर डैमेज का कारण बन जाता है।
जिस भी नशे को करने का आदमी या औरत आदी हो जाता है फिर उसे छोड़ पाना उनके बस की बात नहीं रहती।

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आपको बता दें की शराब बनाने की प्रक्रिया में कई बार जहरीली शराब बन जाती है जो सैकड़ों लोगों के लिए जानलेवा साबित होती है। गुजरात में हाल ही में हुई शराब त्रासदी में अहमदाबाद और बोटाद के गांवों में जहरीली शराब पीने से तकरीबन 50 लोगों की जान चली गई। इस मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बड़ी बात तो ये है कि जहां एक तरफ गुजरात में शराब बैन है और दूसरी ओर राज्य में इतने लोग जहरीली शराब पीने से मर रहे हैं।

एक और मामले में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 12 साल के लड़के ने यूट्यूब पर वीडियो को देखकर अंगूर से शराब बनाई, जिसे उसने अपने दोस्त को पिला दी। इसको पीकर उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। रिपोर्ट के मुताबिक, शराब पीने के बाद उसने उल्टी करनी शुरू कर दी। बिगड़ती तबीयत देख उसे चिरायिनकीझू में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | अब बात ड्रग्स से संबधित नशे की

अगर पूरे भारत की बात करें, तो 3-4 सालों में ड्रग्स का बाजार 455 प्रतिशत बढ़ गया है। आजतक ने पिछले साल एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी इसमें बताया गया कि देश के 2.1 प्रतिशत लोग गैरकानूनी नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। इसमें मिजोरम पहले, पंजाब दूसरे और दिल्ली तीसरे नंबर पर हैं। इनमें से 44 प्रतिशत ड्रग एडिक्ट्स नशा छोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन 25 प्रतिशत ही सफल हो पाते हैं।

दुनिया में शराब पीने वालों का औसतन कितना है?

यदि हम शराब का सेवन करने वाले लोगों की बात करें तो इसके आंकड़े यह स्पष्ट करते है की भारत में शराब पीना अब बहुत आम बात नहो गया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण द्वारा 2019-21 के बीच करवाए गए एक सर्वे के मुताबिक सदी के पहले दशक में भारतीय जितनी शराब पीते थे, उसके मुकाबले अब उनकी संख्या में इजाफा हुआ है।

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दुनिया में औसतन एक आदमी रोजाना 33 ग्राम शराब पीता है। इसका मतलब रोजाना करीब 2 ग्लास यानी की 150 ml ( एम एल) वाइन या 750 ml बीयर की बोतल के बराबर शराब पीते है। दुनिया में एक क्वार्टर यानि 27% से ज्यादा लोग शराब पीते हैं। इस वर्ग के सबसे ज्यादा 44% यूरोपीय, 38% अमेरिकी और 38% पश्चिमी पैसेफिक के युवा शराब पीते हैं। स्कूल के सर्वे से फैक्ट सामने आया कि कई देशों में 15 साल से कम उम्र के बच्चे शराब पीने लग जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 2.3 अरब लोग शराब पीते हैं और इसमें आगे भी इज़ाफ़ा होने की उम्मीद है।

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | कितने लोगों की शराब पीने से हो जाती है मौत?

विश्व स्वास्थ संगठन के मुताबिक दुनियाभर में हर 20 शराब पीने वाले व्यक्तियों में से कम से कम 1 व्यक्ति की मौत हो जाति है। WHO के मुताबिक पूरे विश्व में शराब के सेवन से प्रति वर्ष 30 लाख लोगों की जान चली जाती है। शराब के कारण दुन‍ियाभर में हर द‍िन 6 हजार लोगों की मौत होती है। बता दें की यह एड्स, हिंसा और सड़क हादसों में होने वाली मौतों को जोड़कर प्राप्त आंकड़ों से भी अधिक है। वहीं अकेले भारत में ही हर साल 2.6 लाख भारतीयों की मौत हो रही है। भारत में हर साल सड़क हादसे में होने वाली करीब 1 लाख मौतें अप्रत्यक्ष रूप से शराब से संबंधित हैं। करीब 500 पन्नों वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब की वजह से होने वाली मौतों में से तीन चौथाई से ज्यादा के शिकार पुरुष होते हैं।

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक अशांति के साथ साथ शराब आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी मनुष्य शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है। शराब अनमोल मानव जीवन को बर्बाद कर देती है। इस बारे में परमात्मा कबीर साहेब जी कहते हैं-

भांग तम्बाकू छोतरा, आफू और शराब।
गरीबदास कौन करे बंदगी, ये तो करें खराब।।

सुरापान मद्य मांसाहारी, गमन करै भोगैं पर नारी।
सत्तर जन्म कटत हैं शीशं, साक्षी साहिब है जगदीशं।।

पर द्वारा स्त्री का खोलै, सत्तर जन्म अंधा हो डोलै।
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।।

गरीब, सो नारी जारी करै, सुरा पान सौ बार।
एक चिलम हुक्का भरै, डुबै काली धार।।

शराब भक्ति का नाश करती है। इसे त्यागने में ही भलाई है। शराब गृह क्लेश को जन्म देती है व आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक बदहाली अपने साथ लेकर आती है। इससे दूरी रखना ही समझदारी है। नशे की बढ़ती लत से समाज को छुटकारा दिलाने के लिए सन्त रामपाल जी महाराज सम्पूर्ण विश्व के लिए एक आशा की किरण के रूप में उभरे हैं।

Sharab ki Lat Kaise Chode [Hindi] | सन्त रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में आज कई परिवारों को पुनः जीवनदान मिला है और उजड़े हुए परिवार पुनः एकसाथ व खुशहाल जीवन जी रहे हैं। सन्त रामपाल जी महाराज अपने अनमोल ज्ञान तथा अद्वितीय विचारधारा से सर्व प्रकार के नशे को इस संसार से कोसों दूर भगा रहे हैं और पुनः शांतिपूर्ण वातावरण स्थापित कर रहे हैं। निश्चितरूप से सन्त रामपाल जी महाराज एक सच्चे समाजसुधारक व विश्व हितैषी सन्त हैं जो अपनी अनमोल कल्याणकारी विचारधारा से सर्व दुर्व्यसनों से मुक्त मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।

सतगुरु अर्थात पूर्ण सन्त के द्वारा दी हुई सतभक्ति को करने से ही सर्व व्यसन अपने आप छूट जाते हैं, जिसका वर्णन पवित्र शास्त्रों में भी मिलता है। यजुर्वेद अध्याय 19 मन्त्र 30 में वेद ज्ञान दाता ने स्वयं कहा है कि पूर्ण सन्त उसी व्यक्ति को शिष्य बनाता है जो सदाचारी रहे। अभक्ष्य पदार्थों का सेवन व नशीली वस्तुओं का सेवन न करने का आश्वासन देता है अर्थात सर्व प्रकार के नशे का जीवन पर्यन्त त्याग कर दे। वर्तमान समय में सन्त रामपाल जी महाराज जी ने सभ्य मानव समाज से नशा नामक ज़हर को हमेशा के लिए निकाल फेंकने की जो मुहिम छेड़ी है, यह मुहिम समाज के लिए एक वरदान सिद्ध हो रही है और आज लाखों परिवार सन्त रामपाल जी के आभारी हैं क्योंकि सन्त रामपाल जी महाराज जी के कारण ही उनका नशा छूटा तथा मनुष्य जीवन को एक उचित मार्ग मिला।

संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों शिष्य नशा करना तो दूर किसी को इसे लाकर देने में भी सहयोग नहीं करते। इस विडियो को देखने वाले सभी दर्शकों से निवेदन है की सन्त रामपाल जी महाराज जी ही इस पृथ्वी लोक में पूर्ण सन्त रूप में आये हुए हैं जिनके द्वारा दी हुई सद्भक्ति से ही सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष सम्भव है। आप आज ही सन्त रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करें। उनसे नाम दीक्षा लेने से शराब, हुक्के, ड्रग्स,सिगरेट, बीड़ी आदि का नशा ज़हर की तरह प्रतीत होने लगता है और कोई मूर्ख ही ज़हर का सेवन करेगा। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि

जैसे किरका जहर का रंग होरी हो,
कहो कौन तिस खावे राम रंग होरी हो।।

आप संत रामपाल जी महाराज जी को फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी फालो कर सकते हैं।

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