अमेरिका ने Tiktok को देश की सुरक्षा की दृष्टि से खतरा महसूस करते हुए इस पर लगाम कसना शुरू कर दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने उस कानून को मंजूरी दे दी है, जिसमें यह प्रावधान है कि टिकटॉक अपने 100 फीसदी स्वामित्व वाले चाइनीज़ कंपनी बाइटडांस से अलग नहीं होता तो उसे अमेरिका में बैन कर दिया जाएगा। बतां दें कि लगभग 17 करोड़ अमेरिकी नागरिकों द्वारा Tiktok का उपयोग किया जाता है।
अमेरिका ने लिया Tiktok बैन करने का निर्णय, मुख्य बिंदु:
- देश की गोपनीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने टिकटॉक को बैन करने का लिया निर्णय।
- बाइटडांस की मुश्किलें बड़ी, टिकटॉक को अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने दिया निर्देश।
- संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने बाइटडांस को दी एक वर्ष की अवधि, समयावधि के पश्चात गूगल प्ले स्टोर तथा एप्पल स्टोर से हटा दिए जायेंगे टिकटॉक जैसे ऐप।
- अमेरिका से पहले भी कई देशों ने टिकटॉक को बैन करने का लिया था निर्णय, टिकटॉक बैन करने वाला भारत पहला देश था।
- सन्त रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कर रहे हैं इलेक्ट्रानिक मीडिया का सदुपयोग।
अमेरिका में टिकटॉक को लेकर किए गए हैं कुछ अहम निर्णय
13 मार्च, 2024 को अमेरिका के निचले सदन की प्रतिनिधि सभा ने देश की सुरक्षा के लिए Tiktok को खतरा महसूस करते हुए प्रतिबंध लगाने के लिए 352 मतों से प्रस्ताव पारित किया था। जिसके पश्चात 23 अप्रैल को सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद, बीते बुधवार 24 अप्रैल 2024 को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
क्या कारण है टिकटॉक को बैन करने का?
अमेरिकी सांसदों ने चिंता व्यक्त की है कि बाइटडांस पर चीनी सरकार का नियंत्रण है, Tiktok नागरिकों की निजी जानकारी चुराकर चीन भेज रहा है। जिसके चलते टिकटॉक को बाइटडांस से अलग करने वाले बिल की मंजूरी दी गई है। इस बिल का नाम विदेशी शत्रु नियंत्रित एप्लीकेशन से बचाव अधिनियम रखा गया है।
इस बिल को 13 मार्च, 2024 को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से प्रस्तुत किया गया था, बिल प्रस्तुत करते हुए सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि;
“ये बिल कोई प्रतिबंध नहीं है, और हमारा इरादा टिकटॉक बंद करना नहीं है। इसका लेना-देना बाइटडांस से है, जो टिकटॉक का 100% मालिक है। बाइटडांस पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का पूरा नियंत्रण है। यहां तक कि बाइटडांस के प्रधान संपादक कम्युनिस्ट पार्टी सेल के सचिव हैं। हम चाहते हैं कि टिकटॉक रहे, लेकिन CCP के नियंत्रण में नहीं।”
इस बिल पर पूर्व उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि –
“इस क़ानून के पारित होने से पता चलता है कि चीन के लिए जो तुष्टीकरण था, वह अब खत्म हो गया है। CCP के नियंत्रण में रहते हुए टिकटॉक को अमेरिका में चलने देने की अनुमति देना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।”
इसके अलावा पूर्व सदन अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने इस बिल में कहा कि –
“सदन का भारी बहुमत चीन के खिलाफ़ और डेटा की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक मज़बूत बयान है। ये कानून टिकटॉक पर प्रतिबंध नहीं है। हम वाक़िफ हैं कि युवाओं के बीच टिकटॉक मनोरंजन, शिक्षा और उद्यमशील मूल्यों को बढ़ाता है। इसीलिए ये कानून असल में टिकटॉक को मज़बूत करेगा, साथ ही अमेरिकियों के डेटा और एल्गॉरिदम को विदेशियों से दूर रखेगा।”
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की चेतावनी बाइटडांस को चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने कहा कि बिल लागू होने के छः महीने के भीतर टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस अपना स्वामित्व छोड़ दे। इसके अलावा संशोधित बिल इसे नौ महीने की अवधि प्रदान करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समय सीमा को व्हाइट हाउस अतिरिक्त 90 दिनों तक बढ़ा सकता है। कानून की अवहेलना करने पर Tiktok को Google Play Store और Apple Store से हटा दिया जाएगा।
विधेयक आने के बाद चीनी कम्पनी बाइटडांस केवल दो विकल्प का चुनाव कर सकते हैं या तो वे Tiktok को अमरीका की निजी कंपनी को बेच दे अथवा उन्हें अमेरिका से हाथ धोना पड़ेगा।
आपको बता दें कि Tiktok ऐप को बैन करने वाला अमेरिका पहला देश नही हैं। इसके पूर्व भी 20 से अधिक देशों ने राष्ट्रीय गोपनीयता, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई चीनी ऐप को बैन किया है।
किन किन देशों ने किया टिकटॉक जैसे ऐप को बैन
भारत – 29 जून 2020 को टिकटॉक सहित 58 चीनी ऐप को गोपनीय सुरक्षा की दृष्टि से ध्यान में रखते हुए, बैन करने पर निर्णय लेने वाला पहला देश था। जिसे जनवरी 2021 में स्थाई रूप से बैन कर दिया गया।
चीन – आश्चर्य की बात यह है कि चीन में टिकटॉक के उपयोग की अनुमति नहीं है। इसके बजाय चीनी यूजर्स “Douyin” का उपयोग करते है।
अफगानिस्तान – 2022 में युवाओं को गुमराह होने से बचाने के लिए PUBG सहित Tiktok को बैन किया था।
इसके अलावा इंडोनेशिया, उत्तर कोरिया, उज़्बेकिस्तान, ईरान, कनाडा, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, यूरोपीय संघ संस्थान, ऑस्ट्रेलिया, रूस, किर्गिस्तान, ताइवान, फ्रांस, नॉर्वे जैसे विभिन्न देशों ने Tiktok पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया है।
किन देशों ने लगाया Tiktok (टिकटॉक) पर आंशिक प्रतिबंध
अज़रबैजान, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देशों ने समय समय पर Tiktok के खिलाफ कड़े नियम लागू कर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाए हैं।
आधुनिक युग विज्ञान का युग है, जहां मनोरंजन के अंतहीन संसाधन उपलब्ध होने के कारण इनके अंधाधुंध उपयोग से मानसिक सुरक्षा, राष्ट्र की गोपनीयता पर कई विकट परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं। समय-समय पर सरकार के द्वारा इन्हें नियंत्रित करने के लिए कई अधिनियम पारित किए जाते हैं। इस प्रकार कई ऐप मौजूद हैं जिनमें मनोरंजन के नाम पर बकवाद भरी रहती हैं। जिनका बैन होना अति आवश्यक है और Tiktok उनमें से एक है।
आज मानव समाज Tiktok जैसे अधिकांश ऐप का उपयोग कर रील वीडियो (शॉट वीडियो) बनाने एवं देखने में समय व्यर्थ कर रहा है। जिसके चलते उनके स्वभाव में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। इसका कारण है पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान का अभाव।
पूर्ण अध्यात्मिक ज्ञान क्या है?
मनुष्य जीवन में मिले प्रत्येक श्वास को भक्ति में लगाना चाहिए। पूर्ण भक्ति सदगुरु प्रदान करता है, सदगुरु हमारे मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य से परिचित करवाकर हमें पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कराता है। प्रत्येक श्वास का मूल्य समझाता है।
कबीर साहेब जी कहते हैं;
मानुष जन्म दुर्लभ है, यह मिले ना बारंबार। जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे, फिर बहुरी ना लगता डार।।
सन्त रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को आधुनिक युग में मिले इस तकनीकी वरदान का सही इस्तेमाल करना सिखाते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों के लिए सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल किया जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आज एक ऐसा प्लेटफार्म बन चुका है जहां आध्यात्मिक ज्ञान का डंका बज रहा है। बच्चे, बूढ़े, युवा, अधेड़ सभी फोन पर उपलब्ध ऐप्स का सदुपयोग कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि सत्संग सुनने से अंतरात्मा में उत्तम विचार जागृत होते हैं। वर्तमान में सर्व मानव समाज को इलेक्ट्रानिक मीडिया का सदुपयोग करते हुए सन्त रामपाल जी महाराज जी के सत्संग यूट्यूब चैनल पर सुनने की आवश्यकता है। ताकि आप अपना जीवन केवल मनोरंजन करने में नहीं बल्कि अपना आत्म कल्याण करवाने के लिए कर सकें।