Satelite man Prof. Udupi Ramachandra Rao: देश के जाने-माने वैज्ञानिक और प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव (Udupi Ramachandra Rao) का आज 89वां जन्मदिवस है. ऐसे में गूगल ने उनके सम्मान में डूडल (Google-Doodle) बनाया है. प्रोफेसर उडुपी राव को भारत का सैटेलाइट मैन भी कहा जाता है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत विक्रम साराभाई के संरक्षण में कॉस्मिक-रे भौतिकशास्त्री के रूप में की थी. हालांकि बाद में ये नासा चले गए और वहां अंतरिक्ष प्रोग्राम की अगुआई की.
कौन हैं Udupi Ramachandra Rao?
प्रोफेसर राम चंद्र राव का जन्म कर्नाटक के एक गांव में आज ही के दिन सन 1932 में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत विक्रम साराभाई के नेतृत्व में की थी. इसके बाद राव डॉक्ट्रेट करने के लिए अमेरिका चले गए और उन्होंने वहां प्रोपेसर के रूप में और नासा के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रोग्राम के अगुआ के रूप में कई प्रयोग किए. हालांकि 1966 में वापस अपने देश भारत लौटे. इसके बाद उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के प्रमुख भारतीय संस्थान भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में एक व्यापक उच्च उर्जा खगोल विज्ञान कार्यक्रम की शुरुआत की.
साल 1975 में पहले उपग्रह प्रक्षेपण की निगरानी भी प्रोफेसर राव ने की ही. उन्होंने भारत के लिए 20 से अधिक उपग्रहों का विकास किया. इन उपग्रहों ने ग्रामीण इलाकों में संचार, विकास और मौसम संबंधित समस्याओं को हल करने में बेहद अहम भूमिका निभाई है. साल 1984 से 1994 तक प्रोफेसर राव भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष रहे.
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इस दौरान उन्होंने स्पेस कार्यक्रम को काफी आगे तक बढ़ाया. उन्होंने भारत के लिए पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) विकसित की. बता दें कि इस PSLV के माध्य्म से हम अबतक 250 से अधिक सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर चुके हैं. प्रोफेसर राव पहले ऐसे भारतीय रहें जिन्हें साल 2013 में सैटेलाइट हाल आफ फेम में शामिल किया गया था.
पद्म भूषण और पद्म विभूषण से लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मान
- प्रोफ़ेसर राव की अगुआई में ही भारत ने साल 1975 में पहले भारतीय उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ से लेकर 20 से अधिक सैटेलाइट डिज़ाइन और तैयार किए साथ ही उन्हें अंतरिक्ष में प्रक्षेपित भी किया है.
- साल 2013 में सोसायटी ऑफ़ सैटेलाइट प्रोफ़ेशनल्स इंटरनेशनल्स ने प्रोफ़ेसर राव को ‘सैटेलाइट हॉल ऑफ़ फ़ेम, वॉशिंगटन’ का हिस्सा बनाया था.
- इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फ़ेडरेशन ने भी प्रतिष्ठित ‘आईएएफ़ हॉल ऑफ़ फ़ेम’ में शामिल किया था.
- अंतरिक्ष विज्ञान में प्रोफ़ेसर राव के योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें साल 1976 में देश के तीसरे सर्वोचच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इसके बाद साल 2017 में उन्हें भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी दिया गया.
Udupi Ramachandra Rao Death
24 जुलाई, 2017 को 85 वर्ष की उम्र में प्रोफ़ेसर राव का निधन हो गया था. वो अगर जीवित होते तो आज अपना 89वाँ जन्मदिन मनाते. अंतरिक्ष विज्ञान के अलावा सूचना प्रोद्योगिक के क्षेत्र में भी प्रोफ़ेसर राव ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है.
प्रोफ़ेसर यूडी राव का जन्म 10 मार्च 1932 को कर्नाटक राज्य के उडुपी ज़िले के अडामारू इलाके में हुआ था. एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले उडुपी रामचंद्र राव अपनी प्रतिभा और लगन के दम पर सर्वश्रेष्ठ भारतीय वैज्ञानिकों की कतार में सबसे आगे तक पहुँचे. प्रोफ़ेसर राव ने भारतीय अनुसंधान संस्थान (इसरो) के अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष सचिव भी रहे.
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