World Glaucoma Day 2024 [Hindi] | जानिए ग्लूकोमा क्या है, इस दिवस का उद्देश्य, इतिहास, थीम और इलाज

World Glaucoma Day in Hindi ग्लूकोमा Speech, Theme, Facts

World Glaucoma Day in Hindi [2024]: ग्लूकोमा आंखों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसमें आंखों की रोशनी तक चली जाती है। क्योंकि ग्लूकोमा एक ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता है जो आंखों से मस्तिष्क तक सूचना पहुंचाता है। वहीं इसे काला मोतियाबिंद और दृष्टि चोर भी कहा जाता है। आइए विश्व ग्लूकोमा दिवस पर ग्लूकोमा बीमारी तथा इस दिवस के बारे में विस्तार से जानते हैं।

World Glaucoma Day के मुख्य बिंद

  • आंखों की गंभीर बीमारी ग्लूकोमा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 मार्च को मनाया जाता है विश्व ग्लूकोमा दिवस।
  • साल 2008 में पहली बार मनाया गया था ग्लूकोमा दिवस।
  • ग्लूकोमा को दृष्टि चोर या दृष्टि का मूक चोर भी कहा जाता है।
  • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनियाभर में ग्लूकोमा की वजह से 45 लाख लोग अंधे हो चुके हैं।
  • भारत में 1 करोड़ 20 लाख लोग जहां ग्लूकोमा से प्रभावित हैं तो वहीं 12 लाख लोग इस बीमारी के कारण अंधे हो चुके हैं।
  • प्रत्येक बीमारी का पूर्णतः इलाज अध्यात्म के पास है।
  • कबीर परमेश्वर अपने विधिवत् साधक को निरोगी काया प्रदान करने के साथ-साथ मृत्यु भी हो जाये तो उसकी आयु भी बढ़ा सकते हैं।

ग्लूकोमा क्या है? | What is World Glaucoma Day in Hindi

हमारी आंखे अति संवेदनशील अंगों में से एक हैं। ग्लूकोमा आंखों को नुकसान पहुंचाने वाली एक गंभीर बीमारी है जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाती है। ऑप्टिक नर्व्स (तंत्रिका) एक नस है जो आपकी आंखों से आपके मस्तिष्क तक छवियों को भेजता है। यदि ऑप्टिक तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो यह स्थिति ग्लूकोमा की बनती है जिससे मानव दृष्टि खो सकता है। 

ग्लूकोमा (Glaucoma in Hindi) या यूं कहें काला मोतियाबिंद आमतौर पर तब होता है जब आंख के अंदर दबाव बहुत अधिक होता है। इस दबाव को इंट्राओकुलर प्रेशर (IOP) कहा जाता है। यदि इंट्राओकुलर प्रेशर बहुत अधिक है, तो यह ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं इंट्राओकुलर प्रेशर बहुत अधिक होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आंख में तरल पदार्थ का निकास ठीक से नहीं होना, आंख में बहुत अधिक तरल पदार्थ का बनना, आंख को चोट लगना, कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जैसे मधुमेह या उच्च रक्तचाप होना, शामिल हैं।

ग्लूकोमा को दृष्टि चोर क्यों कहा जाता है?

World Glaucoma Day in Hindi | ग्लूकोमा अक्सर कोई लक्षण उत्पन्न नहीं करता है। यही वजह है कि ग्लूकोमा (काला मोतियाबिंद) को “दृष्टि चोर” भी कहा जाता है। आँखों की इस बीमारी में जब तक यह बीमारी बहुत आगे नहीं बढ़ जाती, तब तक लोगों को कोई समस्या नहीं होती।

विश्व ग्लूकोमा दिवस कब मनाया जाता है? | When is World Glaucoma Day Celebrated?

ग्लूकोमा अर्थात काला मोतियाबिंद का जोखिम विश्व स्तर पर बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। यहीं कारण है कि आंखों की इस गंभीर बीमारी के विषय में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 12 मार्च को विश्व ग्लूकोमा दिवस (World Glaucoma Day) मनाया जाता है। वहीं इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व ग्लूकोमा सप्ताह (World Glaucoma Week) भी मनाया जाता है जो इस साल 10-16 मार्च तक मनाया जा रहा है। 

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यदि विश्व ग्लूकोमा दिवस के इतिहास की बात करें तो विश्व ग्लूकोमा दिवस पहली बार साल 2008 में मनाया गया था और तब से ही इसे विश्व ग्लूकोमा एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित विभिन्न संगठनों द्वारा मान्यता दी गई है।

ग्लूकोमा (काला मोतियाबिंद) के कारण | Causes for World Glaucoma Day

वैसे तो ग्लूकोमा (काला मोतियाबिंद) कोई लक्षण नहीं दिखाता लेकिन इस बीमारी से संबंधित कुछ संभावित लक्षणों में धुंधली दृष्टि, आंखों में दर्द, सिरदर्द, रोशनी के चारों ओर इंद्रधनुष के रंग के छल्ले दिखना, आंखों में सूजन, आंखों में रासायनिक गंभीर संकर्मण, आंख के अंदर रक्त वाहिकाओं का अवरुद्ध होना शामिल हैं।

विश्व ग्लूकोमा दिवस (World Glaucoma Day) 2024 की थीम

विश्व ग्लूकोमा सप्ताह ‘ग्लूकोमा-मुक्त विश्व के लिए एकजुटता (Uniting for a Glaucoma-Free World)’ की थीम के तहत मनाया जा रहा है। अर्थात इस वर्ष की थीम ग्लूकोमा से होने वाले अंधापन के खिलाफ लड़ने के लिए दुनिया भर के समुदायों को एक साथ लाने पर केंद्रित है। जबकि बीते साल 2023 में विश्व ग्लूकोमा दिवस ‘दुनिया उज्ज्वल है, अपनी दृष्टि बचाएं (The world is bright, save your sight)’ थीम के साथ मनाया गया था।

ग्लूकोमा के प्रकार | Types of Glaucoma

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ग्लूकोमा के कई प्रकार होते हैं, हालांकि, दो सबसे आम हैं, प्राइमरी ओपन-एंगल ग्लूकोमा (पीओएजी), जिसकी शुरुआत धीमी और घातक होती है तथा एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा (एसीजी), जो कम और अधिक तीव्र होता है।

ग्लूकोमा जुड़े तथ्य | Facts about Glaucoma in Hindi

ग्लूकोमा दुनिया भर में अंधेपन का दूसरा सबसे आम कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ग्लूकोमा के कारण पूरे विश्व में 45 लाख लोग अंधे हैं। वहीं 2022 के आंकड़ों के अनुसार भारत में ग्लूकोमा अंधेपन का प्रमुख कारण है, जिससे कम से कम 12 मिलियन (1.2 करोड़) लोग प्रभावित हैं और लगभग 12 लाख लोग इस बीमारी से अंधे हैं।

World Glaucoma Day 2024 | ग्लुकोमा (काला मोतियाबिंद) का उपचार क्या है? 

वैसे तो ग्लूकोमा (काला मोतियाबिंद) का साइंस के पास पूर्णतः कोई इलाज नहीं है। वहीं यदि कोई ओपन-एंगल ग्लूकोमा से पीड़ित हो जाता है, तो उसे जीवन भर इसकी देखरेख करना पड़ता है। हालांकि, दवा और लेजर सर्जरी का उपयोग करके अतिरिक्त दृष्टि हानि को कम किया जा सकता है। लेकिन ग्लूकोमा (काला मोतियाबिंद) का पूर्ण उपचार अध्यात्म के पास है, क्योंकि हमारे पवित्र धर्मग्रंथ प्रमाण देते हैं कि परमेश्वर कबीर (कविर्देव) जी समर्थ परमेश्वर है। ये अपने सच्चे साधक के प्रारब्ध कर्म को भी बदल सकते हैं। जिसका प्रमाण संत गरीबदास जी ने भी दिया है:

गरीब, मासा घटै ना तिल बढ़े, विधना लिखे जो लेख।

साचा सतगुरू मेट कर, ऊपर मारै मेख।। 

गरीब, जम जौरा जा से डरें, मिटें कर्म के लेख। 

अदली असल कबीर हैं, कुल के सतगुरू एक।।

अर्थात् जीव के कर्मों के अनुसार जो प्रारब्ध बनाया गया है। उसमें जरा-सा भी फेरबदल पूर्ण परमात्मा के बिना कोई नहीं कर सकता। पूर्ण परमात्मा जी संत व सतगुरु रूप में संत गरीबदास जी को मिले थे जो कबीर जी थे। इसलिए कहा है कि साचा सतगुरू यानि कबीर परमेश्वर जी प्रारब्ध (भाग्य) के लेख को (ऊपर मारै मेख) सदा के लिए समाप्त कर देता है। वहीं वह परमात्मा अपने भक्त/भक्तमति की आयु भी बढ़ा सकता है। मुर्दे को भी जीवित कर देता है। वेदों में भी यही प्रमाण है।

कबीर परमेश्वर सर्व रोगों को समाप्त कर आयु भी बढ़ा सकता है

सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव (कबीर साहेब) अपने विधिवत् साधक के असाध्य रोग को भी समाप्त करके स्वस्थ कर देता है। यदि साधक मृत्यु को प्राप्त होकर परलोक चला गया है तो उसको मृत्यु देवता अर्थात धर्मराज से छुड़वाकर जीवित करके (शत) सौ वर्ष की आयु प्रदान कर देता है। 

वहीं ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5, सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि परमात्मा आंख, कान, नाक, मस्तिष्क, हृदय आदि सर्व अंगों के रोग को समाप्त कर अपने विधिवत् साधक अर्थात सत्य साधक को निरोगी काया प्रदान करता है।

वहीं वर्तमान समय से जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा ही पूर्ण परमेश्वर कविर्देव (कबीर परमेश्वर) की सच्ची भक्ति बताई जा रही है। जिससे जानने के लिए एप्प स्टोर से Sant Rampal Ji Maharaj App डाऊनलोड करें या प्रतिदिन Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर सत्संग देखें।

FAQ about World Glaucoma Day in Hindi

विश्व ग्लूकोमा दिवस कब मनाया जाता है?

वर्ल्ड ग्लूकोमा डे 12 मार्च को मनाया जाता है।

ग्लूकोमा के अन्य नाम क्या हैं?

ग्लूकोमा के अन्य नाम काला मोतियाबिंद (काला मोतिया), दृष्टि चोर, दृष्टि का मौन चोर हैं।

विश्व ग्लूकोमा दिवस 2024 का विषय (थीम) क्या है?

विश्व ग्लूकोमा दिवस 2024 ‘ग्लूकोमा-मुक्त विश्व के लिए एकजुटता (Uniting for a Glaucoma-Free World)’ का विषय (थीम) है।

विश्व ग्लूकोमा दिवस पहली बार कब मनाया गया था?

साल 2008 में

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