Surya Grahan 2023 [Hindi]: ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा। भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी और यहां यह सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
Surya Grahan 2023 [Hindi] | सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक महत्व
सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना गया है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी की बीच आ जाती है तब ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश धरती पर नहीं पहुंच पाता और चंद्रमा सूर्य को ढक लेता तो इस घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं।
भारत में कितने बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण की तिथि: 45 अक्टूबर 2023
सूर्य ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) : 16:22 से 17:42 तक
सूर्य ग्रहण की समय अवधि:1 घंटे 19 मिनट
ग्रहण देखते समय इन बातों का रखें ध्यान
Surya Grahan 2023 [Hindi] | सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। परंतु इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। इसे देखने के लिए उच्च कोटि के फिल्टर ग्लास के चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। कई लोग एक्सरे शीट के चश्मे का प्रयोग करते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए और छोटे बच्चों को सूर्य ग्रहण से दूर रखना चाहिए।
Surya Grahan 2023 [Hindi]: सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा?
14 अक्टूबर को लगने जा रहा साल का पहला सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तर पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के विभिन्न हिस्सों में नजर आएगा. कुछ जगहों पर इसे भारत में भी इसे देखा जा सकेगा. भारत में साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण दिल्ली, बेंगलुरू, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा में नजर आयेगा.
कब लगेगा सूतक काल
ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण शुरू होने से लगभग 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है और इस दौरान मंदिर के कपाट बंद होने के साथ पूजा पाठ जैसे कोई भी कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन यदि इस सूर्य ग्रहण की बात की जाए तो यह भारत में आंशिक ही रहेगा। इसी वजह से सूतक काल नहीं लगेगा। क्योंकि सूतक काल उसी स्थान पर मान्य होता है जहां पर पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है।
क्या होता है सूतक काल (Sutak Kaal)
ग्रहण के दौरान और ग्रहण के पहले कुछ घंटों का समय सूतक काल कहलाता है। धार्मिक नजरिए से सूतक काल का बहुत ही अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य या पूजा-पाठ वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण होने पर ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है वहीं चंद्र ग्रहण में ग्रहण शुरू होने से 5 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। जिन स्थानों पर सूर्य ग्रहण होगा वहां पर सूतक काल प्रभावी माना जाएगा।
Surya Grahan 2023 [Hindi] | आज आंशिक सूर्य ग्रहण होगा
साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा। आइए जानते हैं क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण। जब भी कभी सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा नहीं होते तब ऐसी स्थिति में चंद्रमा सूर्य के कुछ ही हिस्सें को ढंक पाता है। इसे ही आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।
देश दुनिया में आज कहां-कहां दिखाई देखा सूर्य ग्रहण
साल 2023 का यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा भारत में इस आंशिक सूर्य ग्रहण का नहीं देखा जा सकेगा जिस कारण से सूतककाल मान्य नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर,अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिक महासागर के भागो में दिखाई देगा।
Surya Grahan 2023 [Hindi] | आज कितने बजे से शुरू होगा सूर्य ग्रहण ?
जब-जब ग्रहण की घटना घटित होती है तब-तब इसको देखने और जानने की इच्छा हर एक व्यक्ति को होती है। साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण आज होगा। यह आंशिक सूर्यग्रहण है। भारतीय समय के अनुसार आज रात 12 बजकर 15 मिनट से ग्रहण आरंभ हो जाएगा। जो 01 मई की सुबह 04 बजकर 07 मिनट तक चलेगा। भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।
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साल का दूसरा सूर्यग्रहण कब लगेगा
साल का दूसरा व अंतिम सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा। 14 अक्टूबर को सूर्यग्रहण शाम 04 बजकर 29 मिनट से लेकर 05 बजकर 42 मिनट तक लगेगा। यह सूर्यग्रहण अफ्रीका महाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग, एशिया के दक्षिण-पश्चिमी भाग और अटलांटिक में देखा जा सकेगा। यह सूर्यग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में नजर आएगा, जिसके कारण देश में सूतक काल मान्य होगा।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव
भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण होने के कारण इसका भौतिक प्रभाव नहीं होगा. हालांकि यह वृष राशि में सूर्य ग्रहण लग रहा है, तो इसका राशियों पर प्रभाव देखने को मिलेगा. यह सूर्य ग्रहण कुछ राशियों के लिए अच्छा होगा, तो कुछ राशि के जातकों पर इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है.
Surya Grahan 2023: यहां रहेगा सूर्य ग्रहण का असर
आंशिक सूर्य ग्रहण चिली, अर्जेंटीना, उरुग्वे के अधिकांश हिस्सों, पश्चिमी पराग्वे, दक्षिण-पश्चिमी बोलीविया, दक्षिण-पूर्वी पेरू और दक्षिण-पश्चिमी ब्राजील के एक छोटे-से क्षेत्र सहित दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। साथ ही सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों तथा अटलांटिक महासागर में फाकलैंड द्वीप समूह सहित दक्षिण अमेरिका के दक्षिणपूर्वी तट के साथ-साथ दक्षिण प्रशांत और दक्षिणी महासागर में भी ग्रहण दिखाई देगा।
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सूर्य का केवल 64 प्रतिशत हिस्सा ही कवर होगा
नासा ने कहा है कि 30 अप्रैल को लगने वाला आंशिक सूर्यग्रहण में सूर्य के केवल 64 प्रतिशत हिस्सा ही चंद्रमा कवर करेगा । मालूम हो कि सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को लगता है। साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा।
दिवाली पर रहेगा सूर्य ग्रहण का साया
इस साल दिवाली की तिथि 24 अक्टूबर शाम 05:29 से शुरू होकर 25 अक्टूबर शाम 04:20 तक है। उदया तिथि की मानें तो दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। लेकिन सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर की शाम को होगा इसलिए दिवाली पूजन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस सूर्यग्रहण का कोई प्रभाव भारत में नहीं देखने को नहीं मिलेगा इसलिए पूजा पर भी कोई प्रभाव न पड़ने के संकेत हैं।
सूर्यग्रहण की पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुआ है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। जिसमें 14 रत्न निकले और समुद्र मंथन में जब अमृत निकला तो इसके लिए देवताओं और दानवों के बीच युद्ध होने लगा। तब श्री हरि ने मोहिनी अवतार धारण किया और और देवताओं को अमृत पान करवाने लगे। उस समय राहु नाम के असुर ने भी देवताओं का वेश धारण करके अमृत पान कर लिया।
चंद्र और सूर्य ने राहु को पहचान लिया और भगवान विष्णु को बता दिया। तब विष्णु जी ने क्रोधित होकर राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। क्योंकि राहु ने भी अमृत पान किया था इसलिए वह अमर हो गया। तभी से राहु चंद्र और सूर्य को अपना शत्रु मानता है और सूर्य और चंद्र ग्रहण के दिन उन्हें प्रभावित करता है।