RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों का एलान कर दिया है और इसमें रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है.
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है और बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं. रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI से उन्हें ब्याज मिलता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे.
RBI Repo Rate Hike | GDP ग्रोथ, महंगाई को लेकर क्या है अनुमान
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकररार रहने का अनुमान है. वहीं वित्त वर्ष 2023 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
रुपये की गिरावट पर आरबीआई ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रुपये में आ रही गिरावट के पीछे का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर में लगातार आ रही मजबूती है. हालांकि अन्य ग्लोबल करेंसी के मुकाबले रुपये में तुलनात्मक रूप से गिरावट कम है. आरबीआई की नीतियों के कारण रुपये में गिरावट पर लगाम लगी है. भारत में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है और पहली तिमाही में देश में 1360 करोड़ डॉलर का एफडीआई निवेश आया है.
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RBI Repo Rate Hike | ईएमआई में हो जाएगा इतना इजाफा
रेपो रेट में इस बढ़ोतरी का बोझ बैंक अपने ग्राहकों पर डालेंगे। इससे आपकी लोन की किस्त बढ़ जाएगी। होम लोन (Home Loan) के साथ-साथ ऑटो लोन (Auto Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) की किस्त में भी इजाफा होगा। अगर आपका होम लोन 30 लाख रुपये का है और इसकी अवधि 20 साल की है तो आपकी किस्त 24,168 रुपये से बढ़कर 25,093 रुपये पर पहुंच जाएगी। आइए जानते हैं कि लोन पर ब्याज दर 7.5 फीसद से बढ़कर 8 फीसदी हो जाने पर ईएमआई पर क्या फर्क पड़ेगा।
अमाउंट | अवधि | ब्याज दर | किस्त (रुपये में) | संंशोधित दर | किस्त (रुपये में) | बढ़ोतरी (रुपये में) |
30 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 24,168 | 8% | 25,093 | 925 |
20 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 16,112 | 8% | 16,729 | 617 |
10 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 8,056 | 8% | 8,364 | 3 |
जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को रखा बरकरार
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश के सकल घरेल उत्पाद (GDP) के ग्रोथ अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी किया गया है।
महंगाई के 6 फीसदी से ऊपर रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई असहज रूप से उच्च बनी हुई है और इसके 6% से ऊपर रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर के अनुमान को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है। वहीं, आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए सीपीआई बेस्ड महंगाई के 5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है।
RBI Repo Rate Hike | रुपये पर क्या बोले आरबीआई गवर्नर
रिकॉर्ड निचला लेवल छू चुके भारतीय रुपये को लेकर गवर्नर ने कहा कि रुपया व्यवस्थित तरीके से कारोबार कर रहा है. चार अगस्त तक यह 4.7 प्रतिशत टूटा है. रिजर्व बैंक की रुपये के उतार-चढ़ाव पर नजर है. दास ने कहा कि रुपये में गिरावट की बड़ी वजह डॉलर का मजबूत होना है, न कि इसमें घरेलू अर्थव्यवस्था में आई किसी कमजोरी का हाथ है. उन्होंने कहा कि हालांकि, आरबीआई की नीतियों की वजह से रुपया कई अन्य मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के आगे कहीं बेहतर स्थिति में है.
क्या है एमपीसी
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली मीटिंग में ही रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर फैसला लिया जाता है. रिजर्व बैंक की एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं जिनमें से 3 सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं. बाकी 3 सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें आरबीआई गवर्नर भी शामिल हैं.
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30 लाख के लोन के लिए देने होंगे कुल 58,44,375 रुपये
यहां एक बात और है, जिस पर गौर करना चाहिए. आप अगर 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन ले रहे हैं तो 7.60 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से आपको 28,44,375 रुपये का तो सिर्फ ब्याज देना होगा. यानी आप बैंक से 30 लाख रुपये लेंगे और 20 साल आपको कुल 58,44,375 रुपये चुकाने होंगे. एक बात और, ये 7.60 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से है. अगर आगे वाले समय में होम लोन की ब्याज दरें महंगी होती हैं तो ये टोटल अमाउंट और भी ज्यादा हो सकता है.