आत्महत्या: एक गंभीर मुद्दा

आत्महत्या एक गंभीर मुद्दा

वर्तमान समय में आत्महत्या मानो एक ट्रेंड जैसा बन गया है । आत्महत्या के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।क्या बच्चों से लेकर बुजुर्ग लोगों तनाव/चिंता ज्यादा बढ़ रहा है?ऐसा पहले बहुत कम सुनने को मिलता था कि आत्महत्या कर लोग अपनी जान गवा रहे हैं। लेकिन वर्तमान में यह बहुत गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। इसका कारण केवल तनाव/चिंता सामने आ रहा है ।आत्महत्या को हम व्यक्तिगत गरीबी/अमीरी से संबंध नहीं मानेंगे क्योंकि आत्महत्या का प्रयास केवल बच्चा या जवान ही नहीं बल्कि बुजुर्ग लोग भी कर रहे हैं । 

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हम सभी आए दिन सुनते/पढ़ते हैं कि तनाव या अन्य परेशानियों के कारण एक ही परिवार के पूरे सदस्यों ने आत्महत्या करली या फिर किसी व्यक्ति ने आत्महत्या का प्रयास किया । कुछ प्रथाएं भी आत्महत्या का कारण बनी हैं जैसे कि “दहेज प्रथा” आदि।आइए जानते हैं आत्महत्या करने के कारण क्या हैं ? इस भयानक समस्या से निजात कैसे पा सकते हैं ? कैसे जाने की कोई आत्महत्या का प्रयास कर रहा है ? क्या सच में आत्महत्या महापाप होता है ? क्या भक्ति मार्ग ही मानव जीवन में जीने के कला प्रदान करता है? 

आत्महत्या क्या है 

आत्महत्या महापाप होता है और इस प्रकार की नकारात्मक सोच/प्रयास व्यक्ति का सब कुछ खत्म कर देते हैं । कुछ व्यक्तियों द्वारा अपने जीवन को खत्म करने के प्रयास से स्वयं को हानि पहुंचाना  और उसके बदले उनकी मौत हो जाना ही आत्महत्या की श्रेणी में आता है।

आत्महत्या: एक जटिल समस्या

सभी आयु वर्ग के व्यक्ति आत्महत्या जैसी जटिल समस्या के अंतर्गत आ सकते हैं ।इस भयानक जठिल समस्या के संबंध में कुछ कारक :

  •  व्यवहार पर भी निर्भर करती है, ये जटिल समस्या। जैसे कि परिवार के सदस्यों, साथियों या रिश्तेदारों का व्यवहार भी कारण बन जाता है ।
  • घर किसी भी प्रकार के आग्नेयास्त्रों/बंदूक/ तलवार आदि की मौजूदगी भी मुख्य कारण हो सकता है।
  •  मानसिक विकार/ नशीले पदार्थों का प्रयोग या इस प्रकार के व्यक्तियों की संगत भी एक कारण है।
  • शारीरिक /यौन गतिविधियों से पीड़ित होकर भी व्यक्ति आत्महत्या का प्रयास कर सकता है ।
  • हिंसा का सामना करना भी  इस जठिल समस्या के कारणों में से एक कारण के रूप में पाया है ।
  • देखने में आया है कि शारीरिक बीमारियां/ दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोग भी आत्महत्या का प्रयास करते हैं। परंतु यह कोई समस्या का समाधान थोड़ी होता है।
  • कुछ लोग आत्मघाती भी प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से इस समस्या के कारण होते हैं ।

आत्महत्या के संबंध में कुछ चेतावनी संकेत 

निम्न संकेतों के माध्यम से समझ सकते हैं कि किसी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या का प्रयास एक जोखिम हो सकता है, उनमें कुछ ऐसे लक्षण भी मिलते हैं जैसे कि :

  • कुछ लोग स्वयं को मरने या  मारने की बात करते हैं कि मुझे तो मर जाना चाहिए या में तो मर जाऊंगा आदि ।
  • यह कहना कि मुझे अच्छा महसूस नहीं हो रहा ,खालीपन या बहुत ज्यादा निराशा हो रही है और जीने का अब तो कोई कारण ही नहीं दिखाई नहीं दे रहा, तो किसके लिए जीना इस संसार में आदि ।
  • कुछ लोग ऐसी बातें भी करते हैं कि मैं तो सभी पर बोझ हूं या फिर परिवार /दोस्तों से दूरी बना लेना ।
  • जो लोग आत्महत्या के बारे में सोचते हैं, वे जैसे कि वसीयत बनाना या अधूरे कार्यों को पूर्ण करना आदि कार्यों में भी लग जाते हैं।
  • कुछ लोग अपने आप को फंसा हुआ महसूस करते हैं या फिर महसूस करते हैं कि मेरी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा, इसी बीच परिवार को अलविदा जैसे शब्दों का प्रयोग भी करते हैं।

आपको यह भी बता दें कि कुछ लोग आत्महत्या के प्रयास में और किस तरह का व्यवहार दर्शाते हैं। जैसे कि बहुत ज्याद दुखी/ खुशी हो जाना, आत्महत्या करने के तरीके खोजना / ढूंढना, कभी – कभी ऑनलाइन भी आत्महत्या के संबंध में हानिकारक तरीकों को ढूंढना, बहुत ज्यादा शर्म महसूस करना, अधिक मात्रा में नशीली वस्तुओं (शराब,ड्रग्स आदि) का सेवन/प्रयोग करना, बहुत चिंतित होना या तेजी से गुस्सा दर्शाना या फिर बदले की भावना रखना आदि ।

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आध्यात्मिकता के अनुसार आत्महत्या है महापाप

आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार जीवन किसी का भी हो , लेकिन कार्य लगभग सभी एक जैसे ही करते हैं। जैसे पशु – पक्षियों को देखा है कि उनके भी माता – पिता होते हैं। वह भी बच्चों को जन्म देते है ,अपना घर बनाते है- किसी कारण वस उन पर भी आपदा आती है उसका भी सामना करते हैं।अंत में उनकी भी मौत होती है। इसी तरह मनुष्य करता आ रहा है। वह भी अंत में संसार को छोड़ जाता है अर्थात उसकी भी मृत्यु हो जाती है। क्या आपने कभी सोचा कि हम भी पशुओं की तरह ही जीवन जी रहे है और अंत हो जाता है । 

यदि दूसरी ओर देखा जाए तो जीवन में समस्याओं का समाधान नहीं होने पर मनुष्य आत्महत्या का प्रयास करता है और जीवन को समाप्त कर सुखी होना चाहता है। जबकि इससे तो और ज्यादा समस्या पैदा हो जाती है। हमारे वेदों – पुराणों में कहा गया है कि आत्महत्या करने वाला व्यक्ति नर्क में जाता है और फिर बाद में लाखों जन्म दुःख उठाता है।क्योंकि मानव जन्म परमात्मा की दया से प्राप्त होता है,जिसका मूल्य हमें समय रहते समझ लेना चाहिए ।

केवल मनुष्य ही ऐसा है इस धरा पर जो अपनी जीव्य (जीव) से बोल सकता है। इस जीवन का मूल कार्य परमात्मा की भक्ति साधना करना है । हम केवल माया (धन-दौलत) जोड़ने में ,इज्जत कमाने में ही जीवन खत्म कर देते हैं।आप क्या लेकर जाओगे और जो चले गए इस संसार को छोड़ कर क्या लेकर गए?केवल राम नाम रूपी धन ही हमारे साथ रहता है। इसी लिए पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर भक्ति करनी चाहिए ।अधिक जानकारी हेतु आप जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ऐप पर विजिट करें।

FAQs: आत्महत्या

मनुष्य के मन में आत्महत्या का ख्याल क्यों आता है?

आत्महत्या का ख्याल आने का मुख्य कारण आत्मबल का नष्ट हो जाना हो सकता है। कुछ लोग तनाव/ डिप्रेशन के कारण भी जीवन समाप्त करने का सोचने लग जाते हैं ।

आत्महत्या किसे कहते हैं ?

जब कोई व्यक्ति स्वयं को खत्म करने के प्रयास के दौरान अपने आप को हानि पहुंचाता है और इसके बदले उसकी मौत हो जाती है, इसी को आत्माहत्या कह सकते हैं ।

आत्महत्या जैसे विचारों से कैसे निजात पाएं ? 

हर समस्या का समाधान होता है,उसे ढूंढना चाहिए। जीवन जीने की वजह ढूंढे और अपना आत्मबल मजबूत करें। इस स्थिति में अपने विचारों के विपरीत कार्य करना उचित है ।

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