World Rose Day 2024: जानिए क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड रोज डे?

World Rose Day 2021 [Hindi] जानिए कब और कैसे हुई वर्ल्ड रोज डे की शुरुआत

Last Updated on 17 September 2024 IST: World Rose Day 2024: क्यों मनाया जाता है World Rose Day, जानिए कब और कैसे हुई थी इस खास दिन की शुरुआत।

World Rose Day 2024 के मुख्य बिंदु

  • 22 सितंबर को मनाया जाएगा World Rose Day
  • कनाडा की 12 वर्षीय मेलिंडा की याद में मनाया जाता है विश्व गुलाब दिवस
  • जानिए क्यों कैंसर पीड़ितों के लिए खास है यह दिवस
  • World Rose Day के दिन विभिन्न संस्थाओं द्वारा किया जाता है खास कार्यक्रम का आयोजन
  • आध्यात्मिक शक्ति से ही लाइलाज बीमारियों पर पाया जा सकता हैं नियंत्रण

25 September-World Rose Day

नमस्कार मित्रों आज हम आपको वर्ल्ड रोज डे के बारे में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं। यह तो आपको ज्ञात होगा कि हर वर्ष 22 सितंबर को पूरी दुनिया में वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है यह दिवस खासकर उन लोगों के लिए ज्यादा प्रेरणादायक है जो, कैंसर से पीड़ित है। विशेष रूप से कैंसर पीड़ित लोगों के मनोबल को बढ़ाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की गई थी। इस दिन कैंसर पीड़ितों को एक गुलाब का फूल दिया जाता है ताकि बीमारी के खिलाफ उनका मनोबल कम ना हो।

कब हुई थी वर्ल्ड रोज डे की शुरुआत

बता दें कि कनाडा की रहने वाली 12 वर्षीय मेलिंडा रोज की याद में यह दिवस मनाया जाता है।
मेलिंडा रोज को मात्र 12 वर्ष की उम्र में ब्लड कैंसर हो गया था डॉक्टर ने मेलिंडा को सिर्फ 2 सप्ताह का मेहमान बताया था लेकिन मेलिंडा ने डॉक्टर की इस भविष्यवाणी को झूठा साबित कर दिया, और मेलिंडा 6 महीने तक जीवित रही।

मेलिंडा 6 महीने तक कैंसर से जंग लड़ती रही जो कि, आज डॉक्टरों के लिए तथा कैंसर से पीड़ित उन लोगों के लिए एक मिसाल है उनके लिए य़ह एक उदाहरण है। मेलिंडा ने कैंसर से पीड़ित लाखों व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक भाव पैदा किए तथा उन्हें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने का साहस दिलाया। मेलिंडा के उसी जज्बे को सलाम करने के लिए आज यह खास दिवस मनाया जाता है।

जानिए क्यों कैंसर पीड़ितों के लिए खास है World Rose Day

वर्ल्ड रोज डे कैंसर से पीड़ित उन लाखों व्यक्तियों के लिए समर्पित है। World Rose day के दिन कैंसर पीड़ितों को गुलाब देकर उन्हें यह संदेश दिया जाता है कि कैंसर जिंदगी का अंत नहीं है। अक्सर लोग कैंसर का नाम सुनते ही अपना संयम खो बैठते हैं। उन्हें लगता है कि वे ज्यादा समय तक नहीं जी पाएंगे। इसीलिए इस दिन उन्हें गुलाब का फूल देकर यह महसूस कराया जाता है कि कैंसर से जंग लड़ी जा सकता है और अंत में जीत हासिल भी हो सकती है। और जिंदगी फिर से गुलाब की तरह खिल सकती है।

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  • World Rose Day के दिन विभिन्न संस्थाओं द्वारा किया जाता है खास कार्यक्रम का आयोजनवर्ल्ड रोज डे के दिन सरकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
  • इस दिवस के मौके पर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है तथा इस दिन बड़े-बड़े अस्पतालों द्वारा विशेष शिविरों का आयोजन किया जाता है जहां कैंसर की जांच कराई जाती है।
  • इस दिन कैंसर से पीड़ित रोगियों को गुलाब के फूल बांटे जाते हैं गुलाब का फूल केवल प्यार का इजहार नहीं बल्कि इसे जिंदगी को गुलाब के फूल की तरह खिलने का प्रतीक भी माना जाता है।

Word Rose Day Quotes in Hindi

  • जिन्दगी का हर जंग वो जीत लेते है, जो मुसीबत में भी मुस्कुराना सीख लेते है।
  • उसे किस्मत भी नही हरा पायेगा, जो अपनी हार पर भी मुस्कुरायेगा।
  • गुलाब की तरह महकना सीखों, काटों के बीच में रहकर भी खिलना सीखों।
  • आप मेरे सपनो के गुलाब हो, आप मेरे दिल के गुलाब हो आप मेरे होठों की मुस्कान हो आप ही मेरी जान हो।
  • फूल प्यार की भाषा जानता है जो हम कभी शब्दों में नहीं कह सकते हैं वह गुलाब का फूल कह जाता है।।
  • जब भी मैं गुलाब के फूल और तुम्हें देखता हूं तो ऐसा लगता है भगवान ने सबसे सुंदर आपको बनाया है।।

आध्यात्मिक शक्ति से ही लाइलाज बीमारियों पर पाया जा सकता हैं नियंत्रण

कैंसर जैसी घातक और लाइलाज बीमारियों से छुटकारा केवल आध्यात्मिक शक्ति से ही पाया जा सकता है। साइंस जहां समाप्त हो जाती है वहां से आध्यात्मिक शक्ति की शुरुआत होती है।
आध्यात्मिक शक्ति से बड़े-बड़े चमत्कार किए जा सकते हैं। आध्यात्मिक शक्ति से घातक और लाइलाज बीमारियों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

Credit: Painting Step By Step
  • पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में प्रमाण है कि वह पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर शास्त्र अनुकूल साधना करने वाले साधक के घोर पाप को भी नाश कर देता है।
  • ऋग्वेद मंडल 10 सुक्त 161 मंत्र 2 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब शास्त्र अनुकूल साधना करने वाले साधक के असाध्य रोग को ठीक करके उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान कर देता है
  • अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल प्रतिदिन रात्रि 7:30 बजे

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