छठ पूजा ट्रेनें: Indian Railways ने 22 अक्टूबर 2025 को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि छठ पूजा के मद्देनज़र अगले पाँच दिनों में लगभग 1,500 विशेष ट्रेन चलायी जाएँगी, ताकि त्योहार के समय भारी यात्रा‑दबाव को बेहतर ढंग से संभाला जा सके। ये ट्रेने नियमित सेवाओं के अतिरिक्त होंगी और प्रतिदिन लगभग 300 स्पेशल ट्रेनें जारी की जाएँगी। इस वर्ष 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक जारी यात्रा‑पर्व के लिए रेलवे ने उल्लेख किया है कि 12,000 से अधिक स्पेशल‑ट्रेनें देशव्यापी रूप से संचालित होंगी — जो पिछले वर्ष के 7,724 की तुलना में बहुत बड़ी संख्या है।
यात्रा‑दबाव और इनका प्रभाव
त्योहार‑यात्रा का परिदृश्य
छठ पूजा और दिवाली के समय लाखों लोग अपने गृह‑प्रदेश वापस जाते हैं, विशेष रूप से उत्तर‑भारत के राज्यों‑जैसे बिहार, उत्तर‑प्रदेश और दिल्ली क्षेत्र से। ऐसे में ट्रेनों में भीड़, टिकट अप्राप्य होना, डिले आदि सामान्य समस्याएँ बन जाती थीं।
ट्रेनों की संख्या और वितरण
दिल्ली‑पटना, मुंबई‑भूबन्नेश्वर, कोलकाता‑गोरखपुर जैसे लोकप्रिए मार्गों पर विशेष ट्रेनों का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, पिछले 21 दिनों में 4,493 से अधिक विशेष ट्रेन‑यात्राएँ हो चुकी हैं, औसतन 213 ट्रिप्स प्रतिदिन।
व्यवस्था‑सुधार और यात्रियों के लिए लाभ
भीड़‑नियंत्रण एवं सुविधा
रेलवे ने बड़े रेल‑स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया, अतिरिक्त टिकट काउंटर, भीड़‑मार्शल, आरपीएफ व अन्य सुविधाएँ बढ़ायी हैं। उदाहरण के लिए, उदना स्टेशन से एक दिन में 36,000 से अधिक यात्री भेजे गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 % अधिक था।

आरक्षण‑विनिर्देश एवं जानकारी
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे ई‑टिकटिंग तथा मोबाइल‑एप द्वारा अग्रिम बुकिंग करें। स्पेशल ट्रेनों की रूटिंग, कोच परिसंख्या व स्टॉपेज रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
चुनौतियाँ और अगले कदम
फुटपाथ सुविधाएँ और समय‑विश्वास
इतने बड़े परिमाण में ट्रेनों का संचालन करना बड़ी कार्यप्रणाली है — चाहे कोच‑उपलब्धता हो, लोकोशक्ति, पथ सुरक्षा या प्लेटफार्म प्रबंधन। इनमें किसी‑न‑किसी रूप में जटिलताएँ आ सकती हैं।
ग्रामीण‑शहरी यात्रियों की विविधता
यात्री‑समूह विविध हैं — एसएनटी‑उपभोक्ता, प्रवासी‑मेहनतकश, छात्र‑परिवार आदि। उनकी जरूरतें विभिन्न हैं, जिसे रेलवे को ध्यान में रखना होगा।
निरंतरता तथा विकास‑प्रक्रिया
भले ही इस वर्ष 12,000 से अधिक स्पेशल ट्रेनों का लक्ष्य हो, पर गुणवत्ता, समय‑पालन, यात्रियों की सुविधा तथा सुरक्षा सुनिश्चित करना अगले वर्षों में चुनौती बना रहेगा।
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यात्रा, सेवा और मानवता
छठ पूजा के अवसर पर घर लौटने की यह लहर सिर्फ एक यातायात‑घटना नहीं है बल्कि मानव‑भावना, सामाजिक‑बंधन और सेवा‑दृष्टि का प्रतीक है। Sant Rampal Ji Maharaj की सतज्ञान‑शिक्षा कहती है कि प्रगति तभी सार्थक होती है जब वह मानव‑कल्याण, नैतिक उत्तरदायित्व तथा सामूहिक प्रगति से जुड़ी हो। इस अर्थ में रेल‑यात्रा के अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सुविधा सभी‑तक पहुँचे — चाहे वह शहर हो या गाँव, प्रवासी हो या परिवार‑सदस्य। जब रेलवे यह सुनिश्चित करता है कि लाखों लोग सुरक्षित, समय पर और सजग होकर पर्व मनाएँ — तो यह सिर्फ ट्रेनों का संचालन नहीं, बल्कि सामाजिक‑सेवा और समय‑संग्रह का उत्सव बन जाता है।
FAQs: रेलवे के 1,500 स्पेशल‑ट्रेनें (छठ 2025)
Q1. कितनी विशेष ट्रेनें अगले पाँच दिनों में चलायी जाएँगी?
लगभग 1,500 विशेष ट्रेनें — प्रतिदिन औसतन 300 — अगले पाँच दिनों में छठ पूजा के लिए चलायी जाएँगी।
Q2. यह विशेष ट्रेन‑उपाय कब तक चलेंगे?
1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक चलाए जा रहे यात्रा‑पर्व के अंतर्गत ये विशेष ट्रेने शामिल हैं।
Q3. पिछले वर्ष की तुलना में क्या बदलाव है?
पिछले वर्ष 7,724 विशेष ट्रेन‑यात्राएँ थीं; इस वर्ष 12,000 से अधिक विशेष ट्रेन‑सेवाओं का लक्ष्य रखा गया है।
Q4. यात्रियों को क्या सुझाव दिए गए हैं?
रेलवे ने ऑनलाइन बुकिंग, समय से स्टेशन पहुँचने, ट्रेनों और प्लेटफार्म की जानकारी देखने तथा भीड़‑मैनेजमेंट को ध्यान में रखने की सलाह दी है।
Q5. किसे यह सुविधा विशेष रूप से लाभ देने वाली है?
उत्तर‑भारत (विशेषकर बिहार एवं उत्तर‑प्रदेश) से महानगरों‑प्रवासी, परिवार‑यात्री और पर्व के समय घर लौटने वाले लाखों लोग सबसे अधिक लाभ उठाएँगे।
छठ पूजा के अवसर पर भारतीय रेलवे द्वारा यह व्यवस्था सिर्फ ट्रेनों का बढ़ावा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक‑समर्थक सेवा‑प्रवृत्ति है, जिससे लाखों लोग अपने परिवार के साथ समय‑बद्ध तरीके से पर्व मना सकें।