केरल में बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लुएंजा (H5N1) ने दी दस्तक 

केरल में बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लुएंजा (H5N1) ने दी दस्तक

संसार में इतनी खलबली मची हुई है कि आए दिन कोई न कोई घटना सुनने को मिल जाती है। ऐसी ही दहला देने वाली ख़बर सामने आई है केरल के अलाप्पुझा जिले से। यहां पर इसके दो इलाकों में बर्ड फ्लू के मामलों का खुलासा हुआ है। इस आपदा से निपटने के लिए पशुपालन विभाग और सेहत विभाग ने अपनी पुरी कमर कस ली है। आइए जानते हैं पुरी ख़बर।

केरला में दो जगहों पर बर्ड फ्लू के मामले सामने आने से इलाके में सनसनी फैल गई। यह बर्ड फ्लू यानि कि एवियन इन्फ्लुएंजा यहां के अलाप्पुझा जिले  के एडथवा ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 1 और चेरुथाना ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 3 में फैला है।राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control- NCDC) की तीन सदस्य टीम ने प्रभावित स्थानों का जायजा लिया। सूत्रों की माने तो यह फ्लू बत्तखों से फैला है। लेकिन राहत की ख़बर यह है कि अभी तक किसी व्यक्ति यह फ्लू नहीं पाया गया। इसकी जानकारी सेहत विभाग मंत्री वीना जॉर्ज जी ने सांझी की।इस खबर के बाद पशुपालन विभाग के सभी सदस्य सतके में आ गए हैं। 

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इस स्थिति पर काबू पाने के लिए पशुपालन विभाग ने तमिल नाडु – केरल बॉर्डर के 12  चेकपोस्ट पर एक चिकित्सक को बैठाया है। इतना ही नहीं प्रत्येक चेकपोस्ट पर चार अन्य लोगों को भी तैनात किया है। यह वायरस इतना खतरनाक है कि अगर कोई इससे प्रभावित स्थान पर सांस भी लेता है तो उसे भी यह संक्रमण हो सकता है।

बर्ड फ्लू यानि H5N1 से हुई पक्षियों को हानि 

अगर सूत्रों की माने तो  एडथवा में लगभग 3 हजार चुरूथाना में 250 के करीब पंछी इस फ्लू का शिकार हुए हैं। यहां तक कि पोल्ट्री मीट, अंडे और बत्तखों पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने तो प्रभावित स्थान के एक किलोमीटर के अंतर्गत आते सभी घरेलू पंछियों को मारने के भी आदेश दे दिए हैं।

केरल में बर्ड फ्लू | बर्ड फ्लू के लक्षण

• शरीर में असहनीय दर्द होना

• तेज़ बुखार 

• सांस लेने में दिक्कत 

• अधिक ठंड महसूस होना 

• बलगम में खून आना

बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लुएंजा (H5N1) से बचने के उपाय

बर्ड फ्लू एक खतरनाक बीमारी है इसकी चपेट पता नहीं कितने ही पंछी आपनी जान गवा देते हैं। इस भयंकर बीमारी से बचने के लिए पंछियों की देखभाल करने के लिए अपने शरीर को ढककर रखें। कच्चा अंडा और मीट ना खाएं। आपने हाथों को समय समय पर साबुन से अच्छी तरह धोते रहें। इसके अलावा अगर आपके आस पास किसी पंछी की मौत होती या कोई पंछी बीमार होता है तो इसकी जानकारी पशुपालन विभाग को जरूर दें।

क्या है ऐसी आपदाओं का हल

देखिए यह लोक ऐसा ही है यहां 24 घंटे मौत का तांडव होता रहता है। आए दिन कोई न घटना सुनने को मिल ही जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस आपदा से भी हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सच्चे संत के बताए मार्ग पर चलना होगा। अब आप सोचेंगे दुनिया में इतने संतो के बीच कौन है वो सच्चा संत, जो हमारे सभी दुखों का निवारण कर सकता है? गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में भी गीता ज्ञान दाता ने तत्वदर्शी संत की शरण ग्रहण करने का निर्देश दिया है।उस सच्चे संत की पहचान क्या है?ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं।

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