Black Money: नमस्कार दर्शकों! खबरों की खबर का सच कार्यक्रम में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज के कार्यक्रम में हम टैक्स चोरी और काले धन के संग्रह के बारे में चर्चा करेंगे और साथ ही जानेंगे की किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर ब्लैक मनी का क्या असर पड़ता है? तो चलिए शुरू करते हैं आज की हमारी विशेष पड़ताल।
काला धन क्या होता है? (What is Black Money)
- अवैध तरीकों से अर्जित किया गया धन काला धन या ब्लैक मनी कहलाता है। काला धन वह धन है जिस पर ‘कर यानी टैक्स’ नहीं दिया गया हो। इसे कुछ इस तरह से समझें-
- देश के काला धन का संचय करने वाले आमतौर पर या तो करैेंसी का बड़े पैमाने पर संग्रह कर लेते हैं जैसे हाल ही में इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने किया हुआ था।
- कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से करीब 194 करोड़ कैश और 23 किलो सोना और अन्य ठिकाने से 600 किलोग्राम चंदन का तेल बरामद किया गया ।
- पीयूष जैन ने पिछले 4 सालों में बिना जीएसटी भुगतान के 177 करोड़ का माल सप्लाई किया, इसके हिसाब से हर साल लगभग 45 करोड़ का माल बिना जीएसटी के बेचा गया।
- आपको बता दें जीएसटी एक्ट के सेक्शन-67 और 130 के तहत अगर कहीं भी टैक्स चोरी रकम पकड़ी जाती है तो उसको स्टेटबैंक ऑफ इंडिया में जमा करने का प्रावधान है।
दूसरा , अन्य टैक्स चोर सरकार से अपना धन छिपाने के लिए सोना, चांदी और बहुमूल्य धातुओं का संग्रह कर लेते हैं। इसके अलावा कई बेनामी संपत्तियां भी खरीदी जाती हैं।
कैसे बनता है काला धन (Black Money)?
रियल एस्टेट, खनन,शराब, तंबाकू, ड्रग्स,फिल्म तथा टेलीविज़न कुछ ऐसे प्रमुख उद्योग हैं जहाँ काले धन की अधिकता पाई जाती है। काला धन आपराधिक गतिविधियों और आय छुपाकर उत्पन्न होता है। पहले बात करते हैं आपराधित गतिविधियों की। इसमें अवैध -संसाधनों का इस्तेमाल कर जुटाई गई राशि काला धन कहलाती है। इसमें अपहरण, तस्करी, नशीली दवाएं, अवैेध खनन, जालसाजी और घोटाले मुख्य रूप से आते हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार जैसे रिश्वतखोरी और चोरी भी काले धन का प्रमुख स्त्रोत है।
काले धन की उत्पत्ति का दूसरा स्त्रोत है कर बचाने के लिए आय की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को नहीं देना। जैसे कि यदि किसी व्यक्ति की वार्षिक आय आयकर के अंतर्गत है तो वह आयकर की राशि को बचाने के लिए अपनी वास्तविक आय के स्थान पर कम आय को दर्शाता है। यह अंतर (वास्तविक आय और घोषित आय के बीच अंतर) काला धन कहलाता है। देश में काले धन के पैदा होने की सबसे बड़ा कारण यही है।
किस प्रकार काले धन (Black Money) का संग्रह किया जाता है?
काले धन को छिपाकर रखने के लिए अक्सर लोग मनी लॉन्ड्रिंग का इस्तेमाल करते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग को आम शब्दों में यदि समझ़े तो यह एक ऐसा जरिया है जिससे बड़े आसानी से टैक्स की चोरी की जा सकती है। मनी लॉन्ड्रिंग किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने के साथ राष्ट्र की नीति और संप्रभुता के लिए भी खतरा पैदा करने वाला कार्य है। मनी लॉन्ड्रिंग करने के लिए अक्सर लोग पढ़े लिखे चार्टर्ड अकाउंटेंट का सहयोग लेते हैं। CA के सहयोग के चलते अलग अलग पैंतरे लगाकर अधिक से अधिक टैक्स की चोरी की जाती है और ऐसा करने से काले धन की वृद्धि होती है।
काला धन अर्थव्यवस्था को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
काला धन भूमिगत अर्थव्यवस्था सृजित करता है जिससे राष्ट्रीय आय एवं GDP से संबंधित आँकड़ों का सही आकलन कर पाना मुश्किल हो जाता है और अर्थव्यवस्था की गलत तस्वीर प्रस्तुत होती है। इससे नीति निर्माण में सटीकता नहीं आ पाती है।
काले धन (Black Money) का प्रभाव सरकारी योजनाओं पर कैसे पड़ता है?
जो लोग कर चोरी करते हैं यानी टैक्स नहीं भरते हैं जिसके कारण सरकार का राजस्व नहीं आता है और सरकार कई लाभकारी योजनाओं में खर्च नहीं कर पाती है जिससे देश का विकास नहीं हो पाता है।
काले धन की जमाखोरी से कैसे होती है राजस्व की हानि?
काला धन कर के एक हिस्से को समाप्त कर देता है और इस प्रकार सरकार का घाटा बढ़ जाता है। सरकार को इस घाटे को करों में वृद्धि, सब्सिडी में कमी और उधार में वृद्धि करके संतुलित करना होता है। अर्थव्यवस्था में बेहिसाब काला धन होने से मुद्रास्फीति की स्थिति अधिक देखी जाती है, जो गरीबों को सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है। कालाधन अमीर और गरीब के बीच असमानता को बढ़ाता है।
काले धन का दुरूपयोग कहाँ कहाँ होता है?
काला धन दो तरह का होता है एक वो जो देश के अंदर ही हमारी अर्थव्यवस्था में प्रवाहित हो रहा होता है और दूसरा वो जो बाहर भेज दिया गया हो अर्थात उन देशों के बैंकों में जमा कर दिया गया हो, जो टैक्स हैवन कहलाते हैं या जिनके जरिए विदेशों में बेनामी संपत्ति खरीदी गई हो।
दोस्तों! काला धन देश और सरकार दोनों के लिए घातक है। काला धन विदेशों की बैंको में जमा हो सकता है, इसका इस्तेमाल आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और आने वाले समय में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता पैदा करने के लिए हो सकता है। काले धन से ड्रग्स माफिया, किडनैपिंग, स्मगलिंग, पोचिंग, अवैध माइनिंग, जालसाजी, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, काला बाजारी, रिश्वत, वोटों की खरीद, आदि आदि अनैतिक कार्यों को बड़ी आसानी से अंजाम दिया जा सकता है।
देश दुनिया में मौजूद काले धन के कुछ आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं-
विदेशों में काला धन जमा होने के मामले में चीन पहले और रूस दूसरे स्थान पर है। 2012 में चीन का 249.57 बिलियन यूएस डॉलर अवैध धन विदेशी बैंकों में जमा हुआ था। वहीं, 2014 में रूस का 122.86 बिलियन यूएस डॉलर काला धन विदेशों में छिपाया गया। काले धन के मामलों में भारत तीसरे स्थान पर आता है। दुनियाभर के विकासशील देशों से 2012 में कुल 991.2 बिलियन यूएस डॉलर अवैध धन बाहर भेजा गया था, इस कुल धन में अकेले भारत की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी रही थी।
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जीएफआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विकासशील देशों से 2003 से 2012 के बीच के दस सालों में कुल 6.6 ट्रिलियन यूएस डॉलर काला धन विदेशों में जमा किया गया। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट यानी एनआईएफएन का अनुमान है कि भारत में सन 1990 से लेकर 2008 के बीच में रिफॉर्म पीरियड के दौरान 9,41,837 करोड़ रुपए का काला धन बाहर भेजा गया। इस दौरान देश में मौजूद कुल काले धन का 10 फ़ीसदी हिस्सा ही देश से बाहर जा पाया था, इस से देश के कुल काले धन का अनुमान बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है।
बड़े बड़े चोर कौन से बैंक में जमा करते हैं अपना काला धन?
यूबीएस (पूरा नाम, UBS AG) विश्व की एक प्रमुख वित्तीय कम्पनी है जो भारत में “स्विस बैंक” के नाम से विख्यात है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैण्ड के जूरिक और बसेल में है। यह संसार की व्यक्तिगत सम्पदा के प्रबन्धन की सबसे बड़ी कम्पनी है। विश्व के बड़े-बड़े भ्रष्ट राजनेता और टैक्स-चोर इस बैंक में अपना धन जमा करते हैं। यूबीएस “यूनिअन बैंक ऑफ स्विट्जरलैण्ड” का संक्षिप्त रूप है जो कि इसकी पूर्व-संस्था का नाम है।
Black Money Act: काला धन कानून क्या है?
●ब्लैकमनी कानून 2015 में विदेश में काला धन छुपाने पर 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान है।
●टैक्स चोरी करने वालों पर 300 प्रतिशत जुर्माना।
●विदेशी संपत्ति के बारे में रिटर्न दाखिल न करने या अधूरा रिटर्न दाखिल करने पर सात साल की जेल हो सकती है।
सरकार कैसे लगा रही है काले धन (Black Money) पर रोक?
काले धन को सामने लाने के लिए वर्तमान और पिछली सरकारों ने मौजूदा संस्थानों को मजबूत करने के साथ नए संस्थान और नई व्यवस्थाएं लागू की हैं। एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन रोधी) कानून को मजबूत बनाया गया है। काले धन को रोकने के लिए भारत वैश्विक मुहिम का भी भाग बना है। काले धन से संबंधित सूचनाएं साझा करने के लिए भारत ने कई देशों से समझौते भी किए हैं।
कैसे कर प्रणाली को सरल कर कम की जा सकती है चोरी?
- सबसे पहले तो टैक्स पैयरस के लिए कर प्रणाली यथार्थवादी होनी चाहिए। ताकि लोग इसे बोझ के रूप में नहीं देखें क्योंकि उच्च कर की दरें लोगों को कर चोरी के तरीकों की ओर जाने में ही मदद करेगी।
- दूसरा कर संग्रह की प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनाना चाहिए। सरकार को इस कार्य के प्रति समर्पित और ईमानदार अधिकारियों के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए ताकि और लोगों को भी इसे गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया जा सके।
- तीसरा सरकार को मूल्य नियंत्रण नीति पर काम करना चाहिए। यह काले धन के जमा होने के प्रमुख कारणों में से एक है।
किस प्रकार देश दुनिया से माया के काले जाल को मिटा सकते हैं?
दोस्तों! काले धन से निपटने के लिए अब तक भारत सरकार ने इनकम डिक्लेयेरेशन स्कीम, वॉलंट्री डिस्क्लोज़र स्कीम, टैक्स रेट को कम करना, 1991 के बाद व्यापार पर कंट्रोल हटाना, क़ानूनों में बदलाव जैसे कदम उठाए हैं लेकिन आज भी देश को काले धन की गंभीर परिस्थिति से निजात नहीं मिल पाई है। कारण यह है की माया की दौड़ में आज मनुष्य इस कदर तक पागल हो चुका है की वह धन संग्रह करने के लिए चोरी, ठगी, मिलावट, भ्रष्टाचार, किडनैपिंग, मर्डर, डकैती, कर चोरी आदि आदि 100 पंगे मोल ले लेगा।
क्या आप जानते हैं कि हर चोरी, ठग्गी,धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार का समाधान केवल आध्यात्मिक ज्ञान से ही किया जा सकता है। ऐसा अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान वर्तमान समय में केवल जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के पास ही है। यह आध्यात्मिक ज्ञान कोई मामूली या किसी व्यक्ति विशेष द्वारा रचित कानूनी ज्ञान नहीं है जिसे जब चाहे तोड़ा ,मरोड़ा या संशोधित किया या छोड़ा जा सके। यह ज्ञान दुनिया का सबसे अटल व श्रेष्ठतम ज्ञान है जिसे अमल में लाने से बड़े से बड़ा विकार, चोरिया,आतंकवाद, बिमारियांं और अंधकार दूर किया जा सकता है।
संत रामपाल जी महाराज जी की आध्यात्मिक विचारधारा को यदि पूरे विश्व के सभी प्राणी और सभी देशों की सरकारें अपना लें तो पृथ्वी को कुछ ही समय में स्वर्ग समान बनाया जा सकता है तथा माया की दौड़ और हौड़ को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। चोरी, रिश्वतखोरी, मिलावट ,भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और मंहगाई आदि समस्याओं को समाज से दूर किया जा सकता है। संत रामपाल जी के अद्वितीय तत्वज्ञान में हर एक समस्या का समाधान छिपा है। इस विडियो को देखने वाले सभी भाईयों और बहनों से प्रार्थना है कि कृपया संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक जीने की राह को अवश्य पढें ताकि हम सभी एक स्वच्छ और ईमानदार समाज बनाकर उसमें साथ में जी सकें।