केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा बीमारी से एक 9 साल की बच्ची की मौत हो गई। वहीं, मलप्पुरम जिले के चेलारी गांव की 11 साल की बच्ची को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के बाद कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची की हालत गंभीर है और वह वेंटिलेटर पर है।
इस सप्ताह की शुरुआत में किए गए पीसीआर टेस्ट में बच्ची पॉजिटिव पाई गई थी। उसे पिछले सप्ताह बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था।
कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में तीन मरीज़ भर्ती
- 11 साल की बच्ची के भर्ती होने के बाद अब तक इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। इनमें एक 3 महीने का शिशु और एक 40 वर्षीय व्यक्ति भी शामिल हैं। तीनों की हालत गंभीर है।
- इसके अलावा, मलप्पुरम की 67 वर्षीय महिला की 9 अगस्त को हुई मौत पर भी संदेह जताया जा रहा है।
मलेप्पुरम और कोझिकोड में ब्रेन-ईटिंग अमीबा का कहर: नए मामलों से मरीजों की संख्या 6 हुई
- आज एक और मामला सामने आया है (खबर लिखने तक)— मलेप्पुरम के कपिल का एक 55 वर्षीय व्यक्ति Kozhikode Government Medical College Hospital में amoebic meningoencephalitis (ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण) के लिए भर्ती है, जिससे अस्पताल में इलाजरत मरीज़ों की संख्या बढ़कर छह हो गई है।
- 2 दिन पहले (21 अगस्त) एक 7 वर्षीय लड़का, जिसकी 9 वर्षीय बहन की इसी बीमारी से मौत हुई थी, भी पीएएम (PAM) से पज़िटिव पाया गया है। इसका इलाज Kozhikode Govt Medical College Hospital के IMCH (Institute of Maternal and Child Health) में चल रहा है।
- 11 वर्षीय लड़की (Chelari, Malappuram) भी हाल ही में इस दुर्लभ संक्रमण का शिकार पाई गई है, और उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जाती है।
ब्रेन-ईटिंग अमीबा से जुड़े मुख्य तथ्य
- यह Naegleria fowleri नाम का दुर्लभ और घातक अमीबा है।
- यह गर्म और उथले मीठे पानी (तालाब, झील, नदी, झरने, बिना क्लोरीन वाले पूल) में पनपता है।
- नाक के जरिए शरीर में जाकर दिमाग तक पहुंचता है और मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करता है।
- संक्रमण का मेडिकल नाम है प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM)।
- संक्रमण होने पर मृत्यु दर 95% से अधिक है।
14 अगस्त की घटना: बच्ची की कुछ घंटों में मौत
कोझिकोड जिले की 9 साल की बच्ची की 14 अगस्त को मौत हो गई थी। उसे 13 अगस्त को तेज बुखार आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी जान चली गई। जांच में पुष्टि हुई कि उसे PAM था।
संक्रमण का स्रोत: स्वास्थ्य विभाग की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण का स्रोत खोजने के लिए पानी के नमूने लिए हैं। बच्ची ने अपने घर के पास की धारा और एक स्थानीय स्विमिंग पूल में स्नान किया था। दोनों जगहों से सैंपल लेकर जांच की जा रही है।
चेतावनी और सर्वे
- सार्वजनिक जलाशयों में स्नान न करने की अपील।
- धारा और तालाबों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए गए।
- पंचायत ने निर्देश जारी कर लोगों को अलर्ट किया।
- आसपास के 120 घरों में बुखार का सर्वे किया गया।
आंकड़े: 2025 में अब तक संदिग्ध मामले
- 2025 की शुरुआत से अब तक 20 संदिग्ध मामले और 6 संदिग्ध मौतें दर्ज।
- अगस्त 2025 में ही 6 संदिग्ध मामले और 2 मौतें सामने आईं।
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ब्रेन-ईटिंग अमीबा क्या है?
- वैज्ञानिक नाम: Naegleria fowleri (नाइगलेरिया फॉलेरी)
- गर्म, उथले मीठे पानी में पाया जाता है।
- नाक के रास्ते प्रवेश कर सीधे दिमाग तक जाता है।
- मस्तिष्क को संक्रमित कर कोशिकाएं नष्ट कर देता है।
संक्रमण के लक्षण
- शुरुआती लक्षण (2–7 दिन में):
- तेज बुखार
- सिर दर्द
- उल्टी और मतली
- नाक बंद या बहना
गंभीर लक्षण:
- गर्दन में अकड़न
- भ्रम (confusion)
- दौरे (seizures)
- संतुलन बिगड़ना
- कोमा जैसी स्थिति
संक्रमण कैसे फैलता है?
- दूषित पानी नाक में जाने पर अमीबा सीधे दिमाग तक पहुँचता है।
- पीने से यह बीमारी नहीं फैलती।
- मुख्यत: स्नान या तैरने के दौरान नाक में पानी जाने से संक्रमण होता है।
बचाव के उपाय
- गंदे या खुले पानी में स्नान न करें।
- तैरते समय nose clip का इस्तेमाल करें।
- नेति पॉट/जालनेति के लिए उबला या डिस्टिल्ड पानी ही प्रयोग करें।
- केवल साफ़ और क्लोरीनयुक्त स्विमिंग पूल का इस्तेमाल करें।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण
मनुष्य कितना भी विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ जाए, मृत्यु का भय हर समय उसके सामने खड़ा रहता है। आज “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” जैसी सूक्ष्मतम जीव भी जीवन छीन सकते हैं। इससे स्पष्ट है कि यह संसार अस्थायी है और हर सांस अनमोल है। शास्त्रों में कहा गया है कि केवल परमात्मा की शरण और सच्चे संत द्वारा बताए गए सही भक्ति मार्ग से ही आत्मा सुरक्षित रह सकती है। जो मनुष्य इस अमूल्य जीवन का उपयोग परमात्मा की भक्ति में करता है वही जन्म-मरण के दुख से मुक्त होकर सच्चे सुख को प्राप्त करता है। अधिक जानकारी हेतु विज़िट करें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।
ब्रेन-ईटिंग अमीबा से जुड़े FAQs
Q1. ब्रेन-ईटिंग अमीबा क्या है?
👉 यह Naegleria fowleri नाम का दुर्लभ अमीबा है, जो गर्म और उथले पानी में पाया जाता है। यह नाक के जरिए शरीर में जाकर मस्तिष्क को संक्रमित करता है।
Q2. यह बीमारी कैसे फैलती है?
👉 जब दूषित पानी नाक में चला जाता है, तो अमीबा दिमाग तक पहुंचकर कोशिकाओं को नष्ट करता है। यह पीने से नहीं फैलता।
Q3. इसके लक्षण क्या हैं?
👉 शुरुआती: सिर दर्द, बुखार, उल्टी, नाक बंद।
👉 गंभीर: गर्दन में अकड़न, भ्रम, दौरे, संतुलन बिगड़ना, कोमा।
Q4. क्या यह बीमारी आम है?
👉 नहीं, यह बेहद दुर्लभ है। लेकिन संक्रमण होने पर मृत्यु दर 95% से ज्यादा है।
Q5. यह कहाँ पाया जाता है?
👉 झील, तालाब, नदी, गर्म पानी के झरने और बिना क्लोरीन वाले स्विमिंग पूल में।