हाल ही में विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 पर जारी अपोलो हॉस्पिटल्स की ‘हेल्थ ऑफ नेशन’ रिपोर्ट के अनुसार अब पूरी दुनिया में भारत को दुनिया की कैंसर राजधानी (Cancer Capital) माना जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार 2040 तक हालत और भी ज्यादा बिगड़ सकते है। प्राचीनकाल में स्वस्थ व समृद्ध माने जाने वाला भारत वर्तमान में कैंसर रूपी संकट के बादलों से घिरा हुआ है। कैंसर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों के तेजी से बढ़ते हुए आंकड़े सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय बन हुए है।
Cancer Capital से संबंधित मुख्यबिन्दु
- भारत को कहा जा रहा है दुनिया की कैंसर राजधानी (कैंसर कैपिटल)
- भारत में कैंसर के मरीजों की तेजी से बढ़ती तादाद ने बढ़ाई है चिंता
- तनाव, खानपान में लापरवाही तथा खराब लाइफस्टाइल है मुख्य जिम्मेदार
- जाने क्या है इसका समाधान, उपाय वी उपचार
कैंसर होने के मुख्य कारण
इस गंभीर समस्या के पीछे कई मुख्य कारण जिम्मेदार है जैसे नशा, अनुचित जीवनशैली, खानपान में लापरवाही, अत्यधिक तनाव और समाज व पर्यावरण को दूषित करने वाले अन्य दुष्प्रभावी तत्व। हर 10 में से 1 भारतीय डिप्रेशन से जूझ रहा है। नशे और तंबाकू को कैंसर पैदा करने वाले कैंसरनोजेन का सबसे मुख्य माना गया है।
भारत में कैंसर से पीड़ित रोगियों के ताजा आंकड़े
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार नए कैंसर मरीजों के आंकड़े लगभग 14 लाख थे और पूर्वअनुमान के अनुसार 2040 तक कैंसर के नए मामले 20 लाख के आंकड़े को पार कर जायेंगे। और 2025 तक कैंसर के ने रोगियों के आंकड़े की संख्या 15 लाख 70 हजार तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।
कहाँ हो रही है हमसे भूल, जिससे कैंसर के मरीजों की बढ़ रही है तादाद
अपोलो कैंसर सेंटर में सीनियर कंसलटेंट, डॉ. मनीष सिंघल बताते हैं कि “भारत ने कैंसर के मामलों में वृद्धि के कई कारकों को कंट्रोल करने के लिए जो आवश्यक है, वह नहीं किया है। हवा प्रदूषण के सरल उदाहरण को लें, सालों से बातें चल रही हैं लेकिन वास्तविक में हम वहीं के वहीं हैं। आपको आश्चर्य होगा कि हवा प्रदूषण ही 8 अलग-अलग तरह के कैंसर के लिए जिम्मेदार है।”
कैंसर के कितने प्रकार होते है?
एक शोध के दौरान ये जानकारी सामने आई थी की कैंसर के 200 से ज्यादा प्रकार है जिसमे शरीर का कोई भी हिस्सा प्रभावित हो सकता है। यह इतना खतरनाक है की इसकी कैंसरस कोशिका शरीर में एक छोटे से स्थान से शुरू होकर पूरे शरीर में फेल सकती है। पुरुषों व महिलाओं में निम्न प्रकार के कैंसर को प्रमुखता से देखा गया है।
भारत में महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसर हैं:-
- स्तन कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर
- ओवेरियन कैंसर
भारत में पुरुषों में सबसे अधिक होने वाले कैंसर हैं
- लंग कैंसर
- मुंह के कैंसर
- प्रोस्टेट कैंसर
क्या हैं कैंसर के लक्षण?
- शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ होना कैंसर की सबसे पहली चेतावनी है। इसके अलावा अन्य लक्षण भी हैं
- शरीर के वजन में तीव्र बदलाव, यानी वजन घटाना या बढ़ना ।
- ज्यादा थकान या कमजोरी महसूस होना।
- पाचन क्रिया में समस्या होना।
- शरीर में दर्द बना रहना, भूख कम लगना आदि कैंसर के प्रारंभिक लक्षण है। कैंसर का सटीक शब्दो में वर्णन करें तो शरीर में किसी भी कोशिका का असामान्य तरीका से बढ़ना ही कैंसर है।
जानिए क्या है कैंसर जैसे आसाध्य रोगों का समाधान
कैंसर का मुख्य कारण तंबाखू, वायु प्रदूषण व खराब जीवनशैली है। बीड़ी, सिगरेट व हुक्के के धुएं से वायु सबसे ज्यादा प्रदूषित होकर बड़े स्तर पर लोगों को प्रभावित करती है। क्योंकि यही प्रदूषित वायु श्वांसों के द्वारा लोगो के शरीर में प्रवेश करती है और आंतरिक अंगों, शरीर के अंदरूनी हिस्सों पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है। जिससे शरीर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। इससे बच्चे, रोगी, जवान व बुजुर्ग सभी के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और इस तरह नशा न करने वाले लोग भी इस प्रदूषित वायु की चपेट में आकर कैंसर जैसे जानलेवा रोगों का शिकार हो जाते हैं।
तंबाकू, बीड़ी सिगरेट व नशे को समाज से पूरी तरह से मिटा पाना समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को जीत पाना मानव समाज के लिए नामुमकिन सिद्ध हो रहा है। लेकिन इस हार को जीत में बदला जा सकता है। भारत को इस बुराई से मुक्ति दिलाई जा सकती है।
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कहते है असंभव कुछ भी नही होता। हर समस्या का कोई न कोई समाधान तो होता ही है। और इस जटिल समस्या का समाधान है सतभक्ति और पूर्ण संत का सत्संग।
जानिए कैसे हम कैंसर जैसे आसाध्य से छुटकारा पा सकते हैं?
ये तो सभी जानते हैं कि जब किसी रोगी की स्थिति इतनी गंभीर हो जाए की डॉक्टर्स भी हाथ खड़े कर दें तब एक ही रास्ता बचता है। खुद डॉक्टर्स भी कहते हैं कि “अब सब कुछ भगवान के हाथ में है, दुआ कीजिए, अब भगवान ही कुछ कर सकते हैं, हमारे हाथ में अब कुछ नही है।” जहां दवा असर नही करती है वहां दुआ असर करती है। सतभक्ति में इतनी शक्ति होती है कि असाध्य से असाध्य रोग भी नाश हो जाते हैं।
कैंसर के खिलाफ छिड़ी इस जंग से लड़ने के लिए आज भारत को अपने सभी देशवासियों के भरपूर सहयोग व समर्थन की आवश्यकता है। तो आज ही नशा छोड़े और संत रामपाल जी महाराज जी के साथ नशामुक्त भारत की मुहिम से जुड़कर भारत को नशामुक्त बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
याद रखें नशा करता है नाश, स्वस्थ शरीर ही है खुशहाल जीवन का आधार।