भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, जिससे हर साल लगभग 77,000 महिलाओं की मृत्यु होती है। यह वैश्विक आंकड़ों का लगभग 23% है। इस बीमारी का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) है, जो यौन संचारित संक्रमण है। हालांकि, यह बीमारी पूरी तरह से रोकी जा सकती है, और HPV वैक्सीन इस दिशा में एक प्रभावी उपाय है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर एक ऐसा रोग है जो महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से — जिसे सर्विक्स कहा जाता है — में धीरे-धीरे विकसित होता है। यह शुरुआत में कोई खास लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन समय पर जांच न होने पर यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है और जान के लिए खतरा बन सकता है।
सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण क्या है?
इस बीमारी का प्रमुख कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) है, जो एक आम यौन संचारित संक्रमण है। इसकी कुछ खास किस्में गर्भाशय की कोशिकाओं में परिवर्तन लाकर कैंसर की स्थिति पैदा कर सकती हैं।
सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख लक्षण
- असामान्य योनि स्राव
- सहवास के बाद रक्तस्राव
- पीठ और पेल्विक क्षेत्र में दर्द
समय पर जांच और इलाज न होने पर यह जानलेवा हो सकता है।
क्या सर्वाइकल कैंसर का बचाव वैक्सीन से संभव है?
HPV वैक्सीन इस वायरस से सुरक्षा का एक सशक्त माध्यम है। यह टीका 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों को दिया जाता है, जिससे वे भविष्य में सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित रह सकें। भारत सरकार ने इस वैक्सीन को मुफ्त उपलब्ध कराने की पहल की है, ताकि हर लड़की तक इसकी पहुँच हो।
इसके अतिरिक्त अन्य बचाव के उपाय
- नियमित स्वास्थ्य जांच– समय-समय पर पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट करवाना चाहिए।
- सुरक्षित यौन व्यवहार– संबंधों में स्वच्छता और सावधानी अपनाना आवश्यक है।
- संतुलित जीवनशैली– अच्छा खानपान, व्यायाम और नशे से दूरी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करती है।
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता– महिलाएं अक्सर डर या शर्म के कारण जांच नहीं करवातीं, जबकि यह सोच बदलना अत्यंत ज़रूरी है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु महिलाएं अपने शरीर के प्रति सजग कैसे बनें?
महिलाओं को चाहिए कि वे अपने शरीर की भाषा को समझें। पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और किसी भी असामान्य लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें, जैसे-
- पीरियड्स अनियमित होना
- अत्यधिक या बहुत कम ब्लीडिंग
- असहनीय माहवारी दर्द
- माहवारी के बीच में स्पॉटिंग
- यौन संबंध के दौरान दर्द
- बार-बार यूरिन या वेजाइनल संक्रमण
भारत में सर्वाइकल कैंसर की स्थिति – चिंताजनक आंकड़े
- भारत में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र की लगभग 51 करोड़ महिलाएं इसकी चपेट में आने की संभावना रखती हैं।
- हर साल औसतन 1,23,907 महिलाएं इससे संक्रमित होती हैं।
- इनमें से 77,348 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
- यह भारत में महिलाओं को होने वाले सभी प्रकार के कैंसर में 29% हिस्सेदारी रखता है।
सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण
- एचपीवी वायरस का संक्रमण (विशेष रूप से HPV-16 और HPV-18 प्रकार)
- अस्वच्छ यौन व्यवहार
- धूम्रपान और कमज़ोर इम्यून सिस्टम
- समय पर जांच का अभाव
- बहुपति/बहुपत्नी संबंध और कम उम्र में विवाह
भारत में सर्वाइकल कैंसर: समस्या का समाधान
1 .एचपीवी वैक्सीन- एक रक्षात्मक कवच
भारत सरकार ने 2025 से 9 से 14 वर्ष की लड़कियों के लिए मुफ्त HPV टीकाकरण को राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल किया है। यह एक ऐतिहासिक और जनहितकारी कदम है जो लाखों जिंदगियां बचा सकता है।
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2. स्वदेशी वैक्सीन ‘CERVAVAC’ का विकास
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भारत की पहली स्वदेशी HPV वैक्सीन ‘CERVAVAC’ विकसित की है। यह वैक्सीन HPV के चार प्रकारों- 6, 11, 16 और 18-के खिलाफ प्रभावी है, जिनमें से 16 और 18 प्रकार सर्वाइकल कैंसर के 70% मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। CERVAVAC की कीमत लगभग ₹2000 प्रति डोज है, जिससे यह अधिक सुलभ हो गया है।
3. स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान
भारत सरकार ने 11,000 से अधिक डॉक्टरों को HPV वैक्सीन के प्रचार-प्रसार के लिए प्रशिक्षण दिया है। इनमें से 100 डॉक्टरों को ‘नेशनल HPV फैकल्टी’ के रूप में नियुक्त किया गया है, जो अगले छह महीनों में 500 जनरल फिजिशियनों को प्रशिक्षित करेंगे। यह अभियान स्थानीय भाषाओं में समुदायों तक पहुंचने, गलत सूचनाओं का खंडन करने और नियमित स्त्री रोग संबंधी जांचों में वैक्सीन की जानकारी देने पर केंद्रित है।
4. नियमित जांच (स्क्रीनिंग)
- पैप स्मीयर टेस्ट– गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच।
- एचपीवी डीएनए टेस्ट– वायरस की उपस्थिति का पता चलता है।
- इनसे रोग की प्रारंभिक अवस्था में पहचान और उपचार संभव है।
5. जीवनशैली में परिवर्तन
- सुरक्षित और एकनिष्ठ यौन जीवन
- धूम्रपान और शराब से परहेज
- संतुलित आहार और नियमित व्यायाम
- मानसिक तनाव से मुक्ति
6.शिक्षा और सामाजिक जागरूकता
- स्कूलों
- कॉलेजों
- पंचायतों और मीडिया के माध्यम से लड़कियों को सही जानकारी दी जानी चाहिए।
- महिलाओं को यह समझाना होगा कि शर्म नहीं, सुरक्षा ज़रूरी है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य और भारत की भूमिका
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2030 तक सर्वाइकल कैंसर को समाप्त करने के लिए ’90-70-90′ लक्ष्य निर्धारित किया है:
- 90% लड़कियों को 15 वर्ष की आयु तक HPV वैक्सीन देना।
- 70% महिलाओं की 35 और 45 वर्ष की आयु में स्क्रीनिंग।
- 90% पूर्व-कैंसर और कैंसर के मामलों का उपचार।
भारत की यह नई पहल इस वैश्विक लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में सर्वाइकल कैंसर: आध्यात्मिक उपाय और विज्ञान
भारत सरकार द्वारा 2025 से शुरू किए जा रहे HPV वैक्सीन अभियान से यह स्पष्ट है कि देश अब महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हो रहा है। सर्वाइकल कैंसर एक जानलेवा लेकिन रोके जाने योग्य बीमारी है, और समय पर वैक्सीनेशन तथा जागरूकता इसके खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय हैं। परंतु केवल शारीरिक उपचार ही पर्याप्त नहीं, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी उतना ही आवश्यक है।
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार, मनुष्य का जीवन केवल भौतिक सुख-सुविधाओं तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि परमात्मा की भक्ति और शुद्ध आचरण भी हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। वे बताते हैं कि शास्त्र अनुसार जीवन जीने से अनेक असाध्य रोग भी स्वतः समाप्त हो सकते हैं। आज की भागदौड़ और दूषित जीवनशैली में रोग बढ़ रहे हैं, लेकिन यदि हम संत रामपाल जी द्वारा बताए गए सात्विक जीवन और संयमित आहार का पालन करें, साथ ही पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करें, तो शरीर व मन दोनों रोगमुक्त रह सकते हैं।
HPV जैसी बीमारियों की जड़ें केवल वायरस तक ही सीमित नहीं, बल्कि हमारे कर्मों और जीवनशैली में भी होती हैं। संत जी स्पष्ट करते हैं कि सच्चे अध्यात्म से जुड़कर हम न केवल जीवन की समस्याओं से निपट सकते हैं, बल्कि मृत्यु के भय से भी मुक्त हो सकते हैं। उनके अनुसार, भक्ति और विज्ञान एक-दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं।
इसलिए, जहाँ सरकारें वैक्सीन द्वारा सुरक्षा दे रही हैं, वहीं संत रामपाल जी महाराज जी जैसे पूर्ण संत आत्मा को सशक्त बनाने का मार्ग दिखा रहे हैं। दोनों का संतुलन ही स्वस्थ, सुखद और दीर्घायु जीवन की कुंजी है।
भारत में सर्वाइकल कैंसर और HPV वैक्सीन अभियान 2025 पर FAQs
1. विश्व स्तर पर हर साल कितनी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है?
WHO के अनुसार हर साल लगभग 6 लाख (600,000) नए मामले दर्ज किए जाते हैं।
2. इसके प्रमुख कारण क्या हैं?
एचपीवी वायरस, विशेषकर उसके प्रकार HPV-16 और HPV-18, इस कैंसर के मुख्य कारण हैं।
3. HPV वैक्सीन किस उम्र में दी जाती है?
9 से 14 वर्ष की आयु में दी जाती है, यह उम्र वैक्सीन के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
4. कौन-कौन से देश HPV वैक्सीन को राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल कर चुके हैं?
ऑस्ट्रेलिया,ब्रिटेन,कनाडा,अमेरिका,भारत (अब शामिल किया गया है।
5. वैश्विक स्तर पर हर साल कितनी मौतें होती हैं?
लगभग 3.4 लाख (340,000) महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से होती है।