दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे 8 फरवरी को घोषित कर दिए गए हैं। सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई थी, और नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी करते हुए पूर्ण बहुमत हासिल किया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीटें मिलीं। कांग्रेस इस बार भी अपना खाता खोलने में नाकाम रही, लेकिन उसके वोट कटने की वजह से ‘आप’ को कई सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेता, जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन शामिल हैं, हार गए। हालांकि, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कड़ी टक्कर के बावजूद आखिरकार अपनी सीट बचाने में सफल रहीं।
चुनाव परिणाम
दिल्ली में चुनावी दौर खत्म होते ही सभी की नजरें 8 फरवरी को आने वाले नतीजों पर टिकी हुई थीं। अब चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है। BJP ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि AAP को 22 सीटें मिली हैं। कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं जीती। विधानसभा चुनाव परिणामों से साफ है कि मुस्लिम समुदाय ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAP) पर भरोसा जताया है। दिल्ली की छह मुस्लिम बहुल सीटों में से पांच पर AAP ने जीत दर्ज की है। ये सीटें—सीलमपुर, मटिया महल, बल्लीमारान, ओखला और बाबरपुर—इस बार भी पार्टी के खाते में गईं। हालांकि, मुस्तफाबाद सीट पर AAP को हार का सामना करना पड़ा, जहां पिछले चुनाव में उसके उम्मीदवार हाजी युनूस ने जीत दर्ज की थी।
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री की रेस में ये नाम सबसे आगे
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद अब मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। पार्टी के भीतर कई दिग्गज नेता इस रेस में माने जा रहे हैं, जिनका अनुभव, जनाधार और संगठन पर पकड़ उन्हें इस दौड़ में मजबूत बनाती है।
- प्रवेश वर्मा, जो पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, पहले दो बार सांसद रह चुके हैं और इस बार नई दिल्ली में अपनी मजबूत पकड़ दिखाई है। बाहरी दिल्ली से होने के बावजूद उन्होंने पार्टी के लिए नई दिल्ली क्षेत्र में प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उन्हें जाट समुदाय का प्रमुख चेहरा माना जाता है, जिसकी गूंज न सिर्फ ग्रामीण दिल्ली बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान तक जाती है।
- विजेंद्र गुप्ता दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और AAP की लहर के बावजूद लगातार दो विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। 2015 में जब भाजपा के सिर्फ तीन विधायक विधानसभा में पहुंचे थे, तब विजेंद्र गुप्ता उनमें से एक थे। 2020 में भी उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी। दो बार नेता प्रतिपक्ष रह चुके गुप्ता ने विधानसभा में दिल्ली की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है और भाजपा के अनुभवी रणनीतिकारों में से एक माने जाते हैं।
- सतीश उपाध्याय दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। इसके अलावा, वे दिल्ली युवा मोर्चा के अध्यक्ष और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रशासनिक अनुभव और संघ में गहरी पकड़ के कारण वे भाजपा में एक प्रभावशाली नेता बने हुए हैं।
- आशीष सूद जनकपुरी से विधायक चुने गए हैं और इससे पहले पार्षद भी रह चुके हैं। दिल्ली भाजपा के महासचिव के रूप में संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ वे गोवा के प्रभारी और जम्मू-कश्मीर के सह प्रभारी भी हैं। उनका केंद्रीय नेतृत्व से अच्छा तालमेल है और वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
- जितेंद्र महाजन रोहतास नगर से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। जितेंद्र महाजन आरएसएस के करीबी माने जाते हैं और वैश्य समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार सरिता सिंह को बड़े अंतर से हराया। उनके संगठनात्मक कौशल और मजबूत जनाधार के चलते वे भाजपा के लिए एक ‘डार्क हॉर्स’ साबित हो सकते हैं।
पीएम मोदी का वादा: यमुना की सफाई और दिल्ली को स्वच्छ व आधुनिक बनाने का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (8 फरवरी, 2025) को यमुना नदी की सफाई, स्वच्छता और प्रदूषण से जुड़े नागरिक मुद्दों को हल करने तथा दिल्ली को भविष्य के लिए तैयार शहर बनाने के अपने सभी वादों को पूरा करने का संकल्प लिया।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने AAP को यमुना की सफाई में कोई ठोस प्रयास न करने, राजधानी में बेहतर सड़कें न बनाने और शहर को स्वच्छ रखने में विफल रहने का दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इन नाकामियों ने जनता की उम्मीदों को ठेस पहुंचाई है।
भाजपा मुख्यालय में जीत के जश्न के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“मैंने चुनाव प्रचार के दौरान संकल्प लिया था कि हम यमुनाजी को दिल्ली शहर की पहचान बनाएंगे। मैं जानता हूं कि यह काम कठिन है और इसमें लंबा समय लगेगा। चाहे कितना भी समय लगे, कितनी भी ऊर्जा लगे, हम यमुना की सेवा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। “उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सरकार दिल्ली के विकास और स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का हश्र
दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है, दिल्ली में कभी शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी अब पूरी तरह हाशिए पर नजर आ रही है। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली, जिससे साफ है कि राजधानी में कांग्रेस का पुनरुद्धार अभी भी एक चुनौती बना हुआ है।
जनता के बीच किस नेता की लोकप्रियता?
2020 में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर बड़ी जीत दर्ज की थी, और अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, 2024 में शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा। सितंबर 2024 में जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया, और पार्टी ने आतिशी को नया मुख्यमंत्री बनाया।
भविष्य के राजनीतिक तस्वीरें
दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस का पुनरुद्धार अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। अब देखना होगा कि भाजपा कैसे अपनी नई नीतियों और योजनाओं को लागू करती है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी पिछले तीन विधानसभा चुनावों (2013, 2015, 2020) में शानदार जीत दर्ज कर सरकार बना चुकी है। 2015 और 2020 में AAP ने लगभग क्लीन स्वीप किया था, लेकिन इस बार की हार उनके लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। अगर BJP अपने वादों को पूरा करने में कामयाब होती है, तो यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण समय साबित होगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या BJP दिल्ली के नागरिकों के विश्वास पर खरी उतरती है और अपनी नीतियों और योजनाओं को सही तरीके से लागू करती है। आने वाले समय में दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर में और भी महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, एक सच्चे राजा का मुख्य उद्देश्य अपनी प्रजा के कल्याण के लिए कार्य करना होता है। वे कहते हैं कि राजा को अपने राज्य में न्याय, शांति और समृद्धि स्थापित करने के लिए सही मार्गदर्शन और सच्ची भक्ति का पालन करना चाहिए। संत रामपाल जी महाराज ने राजा को प्रजा का सेवक माना है, जिसका कर्तव्य है कि वह समाज में धर्म, नैतिकता और आध्यात्मिकता को बढ़ावा दे।
एक राजा को सद्गुरु की शिक्षाओं का पालन करते हुए सच्चे नाम का जाप करना चाहिए और अपनी प्रजा को भी सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे राज्य में खुशहाली और समृद्धि का वातावरण बनेगा। संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, एक सच्चे राजा का शासन धर्म, सत्य और न्याय पर आधारित होना चाहिए, जिससे प्रजा का सर्वांगीण विकास हो सके और समाज में शांति और सद्भाव स्थापित हो।