अमरावती, 2 मई 2025, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आंध्र प्रदेश दौरा शुक्रवार को कई ऐतिहासिक उपलब्धियों का गवाह बना। इस दिन प्रधानमंत्री ने अमरावती में 58,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 74 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरे को केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति के एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आंध्र प्रदेश दौरा: मुख्य बिंदु
- विभाजन के बाद अमरावती की भूमिका और मोदी सरकार का विकास संकल्प
- अमरावती में विकास का महाकुंभ: प्रधानमंत्री ने रखी 74 परियोजनाओं की आधारशिला
- विशिनजम पोर्ट : भारत का वैश्विक समुद्री कारोबार में बड़ा कदम
- एकता मॉल : ग्रामीण कारीगरों और ‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगी नई उड़ान
- पोलावरम परियोजना: गोदावरी और कृष्णा नदियों का मिलन, किसानों के लिए नई उम्मीद
- आंध्र प्रदेश में नागायलंका मिसाइल परीक्षण रेंज: रक्षा क्षेत्र को नई दिशा और मजबूती
- अमरावती: परंपरा और प्रौद्योगिकी का सामंजस्यपूर्ण संगम
- डिजिटल क्रांति और जातिगत जनगणना को लेकर पीएम मोदी की प्रशंसा
- पाहलगाम हमले के खिलाफ आंध्र प्रदेश की एकजुटता: नायडू का प्रधानमंत्री को समर्थन
- अमरावती बनेगी 3 साल में भव्य राजधानी, मुख्यमंत्री नायडू का ऐतिहासिक संकल्प
- आंध्र प्रदेश की नई दिशा: प्रधानमंत्री मोदी का अमरावती दौरा और विकास की नई राह
- भौतिक समृद्धि के साथ आत्मिक उन्नति की अनिवार्यता
ऐतिहासिक संदर्भ : आंध्र प्रदेश-तेलंगाना विभाजन के बाद अमरावती की भूमिका
साल 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद हैदराबाद तेलंगाना का हिस्सा बन गया था, और आंध्र प्रदेश बिना राजधानी के रह गया। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को नई राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना देखा था। लेकिन राजनीतिक परिस्थितियों के चलते यह सपना अधूरा रह गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इस इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा, “एनटीआर ने जिस ‘विकसित आंध्र प्रदेश’ का सपना देखा था, उसे पूरा करना अब एनडीए सरकार का दायित्व है। केंद्र ने 2014 से 2019 तक इस परियोजना के लिए हरसंभव मदद दी और आगे भी देगा।”
58,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं : क्या-क्या हुआ शिलान्यास
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरे में कुल 74 परियोजनाओं की आधारशिला रखी और कई का उद्घाटन किया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- अमरावती विधानसभा भवन
- राज्य सचिवालय
- आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय परिसर
- जजों और अधिकारियों के लिए आवासीय कॉलोनी
- विशाखापत्तनम में ‘एकता मॉल’
- नागायलंका, कृष्णा जिले में मिसाइल परीक्षण रेंज
- पोलावरम सिंचाई परियोजना के चरण
- आईटी और ग्रीन एनर्जी हब
इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49,000 करोड़ रुपये है, जो अमरावती को एक आधुनिक, टिकाऊ और स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विशिनजम पोर्ट : भारत का पहला सेमी-ऑटोमेटेड ट्रांसशिपमेंट पोर्ट
इससे पहले प्रधानमंत्री ने केरल के विशिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का लोकार्पण किया। 8,867 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पोर्ट देश का पहला सेमी-ऑटोमेटेड ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है। यह पोर्ट भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में नई पहचान देगा और कोचीन, चेन्नई, तूतीकोरिन तथा कोलंबो जैसे बंदरगाहों को प्रत्यक्ष चुनौती देगा।
‘एकता मॉल’ : ‘मेक इन इंडिया’ और ग्रामीण कारीगरों के लिए नया मंच
प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम के मधुरवाड़ा में ‘एकता मॉल’ की भी आधारशिला रखी। यह मॉल ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत हर जिले के प्रसिद्ध उत्पादों और कारीगरों को एक मंच देगा। प्रधानमंत्री ने कहा, *“यह मॉल न केवल रोजगार सृजित करेगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और शिल्प को वैश्विक पहचान भी दिलाएगा।”
पोलावरम परियोजना : गोदावरी-कृष्णा नदी को जोड़ने का प्रयास
पोलावरम सिंचाई परियोजना, जिसकी चर्चा दशकों से होती रही है, इस दौरे का एक और बड़ा आकर्षण रही। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, *“देशभर में नदियों को जोड़ने की दिशा में पोलावरम परियोजना एक अहम कड़ी है, जिससे गोदावरी और कृष्णा नदियों का जल एक-दूसरे तक पहुंचेगा और किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।”
नागायलंका मिसाइल परीक्षण रेंज : रक्षा क्षेत्र को मजबूती
प्रधानमंत्री ने नागायलंका, कृष्णा जिले में मिसाइल परीक्षण रेंज की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा, *“यह रक्षा तैयारियों को सशक्त करने और आंध्र प्रदेश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आगे लाने का कार्य करेगी।’’*
अमरावती : परंपरा और आधुनिकता का संगम
प्रधानमंत्री ने अमरावती को *‘सपनों का शहर’* करार देते हुए कहा कि, *“यहां की विरासत, संस्कृति और परंपरा आधुनिक टेक्नोलॉजी और स्मार्ट सिटी के विज़न के साथ आगे बढ़ेगी। आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी, क्लीन इंडस्ट्री, हेल्थकेयर और शिक्षा के क्षेत्र में अमरावती नई पहचान बनाएगा।”*
उन्होंने कहा, “गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने चंद्रबाबू नायडू जी की टेक्नोलॉजी पहल को करीब से देखा था। आज जब मैं अमरावती का स्वरूप देखता हूं, तो एक सपना साकार होता नजर आता है।”
एन. चंद्रबाबू नायडू का प्रधानमंत्री मोदी के लिए विशेष संदेश
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा, “देश में अगर कोई टेक्नोलॉजी को समझता है तो वो केवल नरेंद्र मोदी हैं। उन्हीं की वजह से भारत में डिजिटल क्रांति संभव हो पाई। आज UPI मॉडल दुनिया के सबसे बड़े पेमेंट सिस्टम्स में गिना जाता है।”
उन्होंने जातिगत जनगणना के फैसले को भी ‘क्रांतिकारी कदम’ बताया और कहा कि इससे देश की सामाजिक व्यवस्था में संतुलन स्थापित होगा।
पाहलगाम हमले पर आंध्र प्रदेश की एकजुटता
मुख्यमंत्री नायडू ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश की जनता और पूरी राष्ट्र प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, *“आतंकवाद के खिलाफ जो भी निर्णय केंद्र सरकार लेगी, उसमें हम पूरा समर्थन देंगे।”*
अमरावती को 3 साल में राजधानी बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री नायडू ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वे अगले 3 वर्षों में अमरावती को भव्य राजधानी के रूप में तैयार कर देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को राजधानी उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करने का भी वादा किया।
आंध्र प्रदेश की भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आंध्र प्रदेश दौरा न केवल विकास योजनाओं की आधारशिला रखने का अवसर था, बल्कि यह देश के संघीय ढांचे की मजबूती, तकनीकी उन्नति, सामाजिक समरसता और राष्ट्र सुरक्षा के संकल्प का भी प्रतीक बना। अमरावती का रूपांतरण केवल एक शहर निर्माण की योजना नहीं, बल्कि एक ‘नए भारत’ की तस्वीर गढ़ने की दिशा में बड़ा कदम है।
इस दौरे से यह स्पष्ट हो गया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आंध्र प्रदेश को दक्षिण भारत का आर्थिक और तकनीकी हब बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस आत्मविश्वास और दूरदर्शिता के साथ अमरावती का भविष्य देखा है, वो आने वाले वर्षों में आंध्र प्रदेश के विकास की रफ्तार को नया आयाम देगा।
भौतिक समृद्धि के साथ आध्यात्मिक उत्थान की ओर
हर देश और राज्य का लक्ष्य होता है आर्थिक और भौतिक दृष्टि से प्रगति करना, और यह निश्चित रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन, केवल भौतिक समृद्धि ही मानव समाज के लिए पर्याप्त नहीं है। वास्तविक सफलता तभी संभव है जब भौतिक और आध्यात्मिक विकास दोनों को एक साथ आगे बढ़ाया जाए।
आध्यात्मिक और आत्मिक उत्थान से ही मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य पूरा होता है। जिस तरह किसी राष्ट्र के विकास के लिए योग्य नेतृत्व आवश्यक होता है, वैसे ही एक सच्चे गुरु की आवश्यकता होती है जो मानवता को आत्मिक ज्ञान प्रदान कर सके। वर्तमान समय में, ऐसे पूर्ण और योग्य गुरु केवल संत रामपाल जी महाराज हैं, जो हमें आध्यात्मिक उन्नति की सही राह दिखा रहे हैं।
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