रूस-यूक्रेन युद्ध: ताज़ा अपडेट और मुख्य बिंदु
✅ युद्ध को 3 साल पूरे: रूस ने अब तक यूक्रेन के 18% क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।
✅ 10 लाख से अधिक लोग मारे गए/घायल: दोनों देशों के सैनिक और नागरिकों को भारी नुकसान हुआ है।
✅ 63 लाख यूक्रेनी शरणार्थी: यूरोप में विस्थापित, जर्मनी, पोलैंड और चेक गणराज्य में सबसे अधिक।
✅ यूक्रेन की शांति वार्ता रद्द: सऊदी अरब में शांति वार्ता से यूक्रेन की अनुपस्थिति ने तनाव बढ़ा दिया।
✅ अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: रूस को $211B+ और यूक्रेन को $150B+ का नुकसान।
Russia Ukraine News 2025: बीते शुक्रवार यानी 28 फरवरी, 2025 को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने अमेरिका पहुंचे थे। जहां समझौते की चर्चा रूस यूक्रेन युद्ध की बात सुनकर बहस में बदल गई। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर युद्ध की शुरुआत की, तब से लेकर अब तक इस भीषण युद्ध को तीन साल हो चुके हैं। इस भीषण युद्ध ने न केवल दोनों देशों को भारी जान-माल का नुकसान पहुँचाया, बल्कि वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर भी गहरा प्रभाव डाला है।
यूक्रेन की शांति वार्ता हुई रद्द
तीन वर्षों के संघर्ष के बाद भी, युद्ध विराम की स्थिति में नजर नहीं आ रहा। बीते शुक्रवार 28 फरवरी को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की अमेरिका के व्हाइट हाउस पर दोनों देशों के बीच मित्रता बढ़ाने और खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने पहुंचे थे। लेकिन रूस-यूक्रेन जंग के सवाल के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप और उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच काफी गहमागहमी हो गई। बात इतनी बढ़ी कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जे़लेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़कर जाना पड़ा। इसके अलावा, सऊदी अरब के शांति वार्ता में यूक्रेन की अनुपस्थिति भी युद्ध की चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
रूस यूक्रेन युद्ध के तीन साल
इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ़ वॉर (ISW) के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में यूक्रेन ने लगभग 11% भूमि खो दी, जिससे 2014 से अब तक कुल 18% क्षेत्र पर रूस का कब्ज़ा हो चुका है। युद्ध के दौरान, यूक्रेन ने अपने पूर्वी क्षेत्रों, विशेषकर डोनेट्स्क और बखमुत में भारी नुकसान झेला है। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, 2024 के अंत तक 63 लाख यूक्रेनी शरणार्थी युद्ध के कारण यूरोप में थे, जिनमें से 12 लाख जर्मनी, 9 लाख पोलैंड और 3.9 लाख चेक गणराज्य में रह रहे हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध में मौत के आंकड़े
इस युद्ध में जान-माल की हानि के सटीक आंकड़े प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि दोनों पक्षों ने स्पष्टतौर पर अपने नुकसान को सार्वजनिक नहीं किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने फरवरी 2025 की शुरुआत में बताया कि उनके 45,000 सैनिक मारे गए हैं, जबकि रूस के 3,90,000 सैनिकों की मौत हुई है। वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) के आंकड़ों के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 40,000 नागरिकों की मौत हुई है और 62,000 से अधिक घायल हुए हैं।
नाटो प्रमुख मार्क रुटे ने कहा कि युद्ध की शुरुआत से अब तक कुल मिलाकर एक मिलियन से अधिक लोग मारे गए या घायल हुए हैं, जिसमें यूक्रेन के लगभग 300,000 सैनिक और रूस के 700,000 सैनिक शामिल हैं।
युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था पर गंभीर नुकसान
युद्ध ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। विश्व बैंक और यूक्रेनी सरकार के अनुमानों के अनुसार, 2023 तक यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को लगभग 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। वहीं 2022 में, यूक्रेन की GDP में 35-40% की गिरावट आई, जबकि 2023-2024 में मामूली सुधार देखा गया है।
इस युद्ध में रूस ने भी भारी आर्थिक नुकसान झेला है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के 2023 के एक अनुमान के अनुसार, रूस ने युद्ध में सेना, हथियार और लॉजिस्टिक्स पर 211 अरब डॉलर खर्च किए थे, जो 2025 तक बढ़कर 300 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है। पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों ने रूस की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे महंगाई और ब्याज दरों में वृद्धि हुई है।
युद्ध विराम क्यों संभव नहीं दिख रहा?
1️⃣ रूस का आक्रामक रुख: क्रेमलिन के अनुसार, जब तक यूक्रेन नाटो में शामिल होने का विचार त्याग नहीं देता, तब तक युद्ध समाप्ति की संभावना नहीं।
2️⃣ यूक्रेन की मजबूती: पश्चिमी देशों से मिल रही सैन्य मदद ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ मजबूती से खड़ा किया है।
3️⃣ अमेरिका-यूरोप की रणनीति: अमेरिका और यूरोपीय संघ यूक्रेन को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन आंतरिक राजनीति और चुनावी बदलाव इस समर्थन को प्रभावित कर सकते हैं।
4️⃣ शांति वार्ताएँ असफल: 28 फरवरी को अमेरिका में जेलेंस्की-ट्रंप बैठक भी बेनतीजा रही।
युद्ध का परमानेंट समाधान है केवल सतभक्ति
जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, हिंसा और युद्ध अज्ञानता का परिणाम हैं। शांति तभी संभव है जब विश्व के सभी लोग सत्य आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करें और परमात्मा की सत्य भक्ति करें।
✅ कट्टरवाद और हिंसा का अंत: संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि जब तक लोग शास्त्रविरुद्ध भक्ति और झूठी धार्मिक धारणाओं में उलझे रहेंगे, तब तक दुनिया में शांति संभव नहीं।
✅ सत्यज्ञान ही समाधान: केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब द्वारा बताई गई सतभक्ति से ही हिंसा-मुक्त समाज बन सकता है।
✅ क्या आप भी शांति चाहते हैं? सत्यभक्ति का मार्ग अपनाकर देखें, पूरी जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj’s Official Website पर जाएँ।
FAQs: रूस-यूक्रेन युद्ध 2025
Extra 5 FAQs about Russia-Ukraine War
रूस-यूक्रेन युद्ध कब और कैसे शुरू हुआ?
रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला किया, जिसे वह अपनी सुरक्षा और भू-राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम बता रहा था, जबकि यूक्रेन और पश्चिमी देश इसे अवैध आक्रमण मानते हैं।
क्या रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की कोई संभावना है?
अब तक कई शांति वार्ताएँ हुईं, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल सका। हाल ही में सऊदी अरब की मध्यस्थता में वार्ता हुई, लेकिन उसमें यूक्रेन शामिल नहीं हुआ, जिससे शांति की उम्मीदें कमजोर पड़ गईं।
इस युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है?
युद्ध के कारण तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता बढ़ी है, जिससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएँ प्रभावित हुई हैं।
क्या पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं?
हां, अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को झटका लगा है, लेकिन रूस अब भी युद्ध जारी रखे हुए है।
इस युद्ध को रोकने का सही समाधान क्या हो सकता है?
राजनीतिक वार्ताएँ अब तक विफल रही हैं, क्योंकि युद्ध की जड़ें धर्म, सत्ता और कट्टरता से जुड़ी हैं। केवल सत्य ज्ञान और सतभक्ति से ही इस संघर्ष को समाप्त किया जा सकता है, क्योंकि यह मानवता में प्रेम और शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका है।