ECI Ban on exit Polls: लोकसभा चुनाव के तीन चरण पूर्ण होने के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने किसी भी तरह के एग्ज़िट पोल के आयोजन तथा प्रसारण पर 1 जून 2024 शाम 6 बजकर 30 मिनट तक प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा -126(1) (ख) के तहत अधिसूचना जारी की है। लोकसभा क्षेत्र मे मतदान समाप्ति के 48 घंटों तक मतदान सर्वेक्षण प्रतिबंध, चुनाव आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कोई व्यक्ति या संगठन एग्ज़िट पोल या मतदान सर्वेक्षण करता हुआ पाया जाता है तो उस पर 2 वर्ष की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है और यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा।
एग्ज़िट पोल क्या है?
यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मतदान स्थल पर निर्वाचन के दौरान मत देने वाले लोगों से उनकी पसंद के नेता या पार्टी के बारे में पूछा जाता है जिसके आधार पर एक संभावित परिणाम खोजने का प्रयास किया जाता है जो कि केवल चुनावी परिणाम का पूर्वानुमान प्रदान करता है। भारत मे सर्वप्रथम एग्ज़िट पोल वर्ष 1957 के द्वितीय लोकसभा चुनाव में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक ओपिनियन द्वारा भारत मे प्रथम बार एग्ज़िट पोल का आयोजन किया गया था।
एग्ज़िट पोल की सटीकता का आकलन : निम्न तरीकों के द्वारा एग्ज़िट पोल की सटीकता का आकलन किया जा सकता है।
विश्वसनीयता और स्पष्टता के साथ जनमत सर्वेक्षण हो।
लोगो से साधारण और सरल प्रश्न पूछे जाए।
सभी वर्गों की राय शामिल हो।
भारत में एग्ज़िट पोल की प्रक्रिया
एग्ज़िट पोल के उपयोग को विनियमित करने के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है जिसकी निगरानी मे केवल एक निश्चित अवधि के दौरान ही इसका आयोजन किया जाता है यह अवधि मतदान केंद्र बंद होने के समय से शुरू होती है और अंतिम बूथ बंद होने के 30 मिनट बाद समाप्त हो जाती है तथा मतदान अवधि के दौरान अथवा मतदान के दिन एक्जिट पोल आयोजित नहीं किया जाता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग द्वारा समाचार पत्रों और समाचार चैनलों को चुनाव से पूर्व सर्वेक्षणो एवं एग्ज़िट पोल के नतीजे प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाता है। इसके साथ ही लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत इसकी अधिसूचना का उल्लंघन करने पर 2 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। अतः आखिरी चरण का मतदान पूरा होने तक एग्ज़िट पोल के प्रकाशन पर प्रतिबंध रहता है। इसके साथ ही एग्ज़िट पोल आयोजन करने वाली मीडिया आउटलेट का चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है।
एग्ज़िट पोल से संबंधित सुझाव
1. पारदर्शिता और ठोस मतदान प्रणाली पर बल दिया जाए और मतदाताओं से सरल प्रश्न पूछे जाएं।
2. निर्वाचन अधिकारियों मीडिया और मतदान एजेंसियों के बीच सहयोग।
3. निर्वाचन अधिकारियों की उचित निगरानी मे प्रक्रिया अपनाई जाए।
वर्तमान में मोक्ष प्राप्ति का रास्ता
करोड़ों रुपए लगाकर चुनावों लड़े जाते हैं। चुनाव के विषय में सभी लोगों को आखिर कैसी भक्ति विधि है जिससे भगवान प्राप्ति और मोक्ष संभव है? प्रसिद्ध भविष्यवक्तओं की भविष्यवाणियों मे उल्लेख है कि 20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में, विश्व में आपसी प्रेम का अभाव, मानवता का ह्रास, माया संग्रह की दौड़, लूट व राजनेताओं का अन्यायी हो जाना आदि-आदि बहुत से उत्पात देखने को मिलेगें। 21वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जाएगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, भ्रष्टाचार-दुराचार, छल कपट आदि को संसार से सदा के लिए मिटा देगा।
उन्हीं भविष्यवक्ताओं ने उस महापुरुष की पहचान भी बताई है, जो कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पर सटीक दिखाई देती है। आज संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधार के कार्य को देखकर यह आसानी से समझा जा सकता है कि उनके ज्ञान और उनकी आध्यात्मिक शक्ति से एक दिन निश्चित ही पूरे विश्व में शांति छाएगी। विश्व मे किसी भी शारीरिक और मानसिक समस्या का निराकरण और शास्त्र अनुसार भक्ति विधि संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “ज्ञान गंगा” मे लिखित है। जिसे आप 7496801823 पर अपना नाम पता व्हाट्सएप के माध्यम से भेजकर घर बैठे निशुल्क मंगवा सकते हैं।