उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ में हुए लगभग 130 के करीब लोग घायल और दो की मौत 

Jagannath Rath Yatra 2022 [Hindi] क्या है जगन्नाथ मंदिर का रहस्य

उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ में रथ यात्रा निकाली गई थी इस दौरान कई लोग रथ यात्रा में शामिल हुए थे ।जिस कारण भगदड़ जैसे हालात हो गए और लगभग 130 से ज्यादा लोग घायल हों गए थे ।पुलिस ने बड़ी मुस्किल से भीड़ पर काबू पाया ।इस हादसे के बाद घायल लोगों को तुरंत इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

भगवान जगन्नाथ के भाई बलराम के रथ को खींचने के दौरान हुई दुर्घटना में दो लोगों की मौत की खबर मिली है।इसके साथ ही छः लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई थीं साथ ही जिन लोगों को मामूली चोटें आई थी उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया हैं। कुछ लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती है।

उड़ीसा के पुरी में निकाली जा रही थी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई थी इस दौरान जगन्नाथ के साथ साथ अपने बड़े भ्राता बलराम एवं बहन श्री सुभद्रा जी के साथ रथ पर विराजे थे। रथ यात्रा 7 जुलाई दिन रविवार की शाम को प्रारंभ की गई थी 5 मीटर तक रथ चला फिर रथ को रोक दिया गया,रथ यात्रा सूर्यास्त के पहले तक ही निकाली जाती है इस कारण जगन्नाथ के रथ को रोक दिया गया था इसके उपरांत 8 जुलाई को रथ खींचना प्रारंभ किया गया था।

हिन्दू धर्म में भगवान जगन्नाथ कि रथ यात्रा का बहुत ही महत्व है मान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ को मंदिर से प्रसिद्ध गुंडिचा माता मंदिर रथ यात्रा के साथ पहुंचाया जाता हैं, जहां पर 7 दिनों तक जगन्नाथ विश्राम करते हैं. तत्पश्चात यात्रा वापसी के लिए प्रस्थान करती हैं।

उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया दुख व्यक्त 

भगवान जगन्नाथ की यात्रा दौरान हुए हादसे के लिए उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी जी ने दुख जताया है। उन्होंने मृतक व्यक्तियों के परिजनों को चार लाख की सहायता देने का ऐलान किया है और घायलों का मुफ़्त इलाज़ के निर्देश दिए हैं।

क्या जगन्नाथ मंदिर जाने से मोक्ष प्राप्त हो सकता हैं?

कोई भी प्राचीन धार्मिक स्थल एक इतिहास में घटी घटना की याद कराते हैं जिसका एक उदहारण जगन्नाथ मंदिर भी हैं ।लेकिन यदि कोई व्यक्ति यह सोच कर मंदिर जाए कि इससे उसका मोक्ष हो जायेगा तो यह असम्भव है।हमारे पवित्र शास्त्रों में भी यही प्रमाण है कि किसी स्थान की यात्रा करने से मोक्ष संभव नहीं है। बल्कि हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार भक्ति करने से ही मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।

मोक्ष शास्त्र अनुकूल साधना से प्राप्त होगा

मंदिर तो केवल एक पौराणिक घटना का प्रतीक चिन्ह है ,लेकिन मोक्ष केवल शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना करने से ही प्राप्त होता है ।क्योंकि यदि हम शास्त्र अनुकूल भक्ति नहीं करते हैं तो यह मनमाना आचरण कहलाता है ,जो कि श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 में कहा गया है कि अर्जुन जो शास्त्र विधि को त्याग कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करते हैं ना तो उन्हें कोई सुख प्राप्त होता है ,ना तो उन्हें कोई सिद्धि प्राप्त होती है और ना ही उनकी कोई गति होती है। इसके साथ ही गीता अध्याय 16 के श्लोक 24 में कहा गया है कि इसके लिए तेरे लिए अर्जुन कर्तव्य और अकर्तव्य की दशा में शास्त्र ही प्रमाण है। तू किसी के लोक वेद पर आश्रित मत होना शास्त्र अनुकूल साधना ही करना।

शास्त्र अनुकूल साधना की जानकारी के लिए विजिट कीजिए हमारा यूट्यूब चैनल “संत रामपाल जी महाराज” या विजिट कीजिए हमारी वेबसाइट  supremegod.org 

FAQs 

1 पुरी रथ यात्रा में कितने लोगों की मौत हुई?

Ans- दो व्यक्तियों की मौत हुई।

2 पुरी में तीन रथ का नाम क्या है?

Ans – बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ।

3 रथ यात्रा क्या खास है?

Ans – तीनों भगवान का रथ अपनी मौसी देवी गुंडिचा देवी के मंदिर में ले जाया जाता हैं।

4 जगन्नाथ के साथ कौन से तीन देवता हैं?

Ans – जगन्नाथ के साथ भाई बलराम जी एवं बहन सुभद्रा।

5 भगवान जगन्नाथ की पत्नी कौन है?

Ans – श्री लक्ष्मी।

6 पुरी जगन्नाथ के भगवान कौन है?

Ans – भगवान विष्णु।

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