Jagannath Rath Yatra 2022 [Hindi] : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरे देश में निकाली जा रही है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्राएं. क्या है
”यदि इस साल हमने रथ यात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे
कोरोना महामारी के दौरान इतना बड़ा समागम नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य में कहीं भी यात्रा, तीर्थ या इससे जुड़े गतिविधियों की इजाजत ना दें।
जगन्नाथ मंदिर का एक सेवक मिला कोरोना पॉजिटिव
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Toggle Table of Contentओडिशा के कानून मंत्री प्रताप जेना ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, जगन्नाथ पुरी मंदिर के सभी पुजारियों और सेवकों का कोरोना टेस्ट किया गया। जिसमें एक सेवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, जिसके बाद उसे रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है।
पुरी जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा से पहले हुआ सैनेटाइजेशन
Jagannath Rath Yatra 2022 Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखने की हिदायत दी है, तथा यात्रा निकालते समय दो रथों के बीच 1 घंटे का डिस्टेंस और रथों को खींचने के लिए 500 व्यक्तियों की इजाजत दी है। इसके अलावा मंदिर के आसपास सभी जगहों को सैनिटाइज किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पूरे शहर को बुधवार कल दोपहर 2:00 बजे तक सील कर दिया गया है। तथा इस बार भक्तों को रथ यात्रा में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई, शहर के लोग घरों में बंद टीवी के माध्यम से ही देख रहे हैं रथ यात्राएं।
Jagannath Rath Yatra 2022 [Hindi] | जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर प्रशासन अलर्ट
मुख्य सचिव अजय त्रिपाठी और पुलिस महानिदेशक के अतिरिक्त राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के सभी वरिष्ठ अधिकारी रथयात्रा का जायजा लेने पुरी पहुंच गए हैं। पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि नौ दिवसीय उत्सव में सुरक्षा के लिए पुलिस बल की 50 से अधिक प्लाटून तैनात की जा रही हैं। बल की एक प्लाटून में 30 पुलिस कर्मी शामिल हैं।
Read in English: The secret of Jagannath Temple
Jagannath Rath Yatra 2020 Hindi: उड़ीसा राज्य के पुलिस महानिदेशक अभय ने कहा कि पुरी और बाहर के, सभी श्रद्धालु यात्रा को टेलीविजन पर देख सकते हैं। इस बीच पुरी के सभी प्रवेश बिन्दु सील कर दिए गए हैं, और यात्रा तैयारियों से जुड़े वाहनों को छोड़कर अन्य किसी वाहन को आवागमन की अनुमति नहीं है। राज्य के पुलिस महानिदेशक ने लोगों से अपील की कि वे कोविड-19 महामारी के बीच रथयात्रा का जश्न मनाने के दौरान उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करें।
Jagannath Rath Yatra 2022: जगन्नाथ रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी
सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य मुद्दों के साथ बिना समझौता किए और मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय के साथ रथ यात्रा आयोजित की जाएगी। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को हुई सुनवाई में पुरी में 23 जून को होने वाली रथयात्रा को कोरोना महामारी के कारण रोक लगा दी थी।
Jagannath Rath Yatra 2022 Hindi: लेकिन कोर्ट के फैसले को लेकर कई पुनर्विचार याचिकाएं लगाई गई। जिस पर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को पलटते हुए जगन्नाथ रथ यात्रा को कुछ शर्तों के साथ निकालने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर ओडिशा सरकार को लगता है कि कुछ चीजें हाथ से निकल रही हैं तो वो यात्रा को रोक सकते है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि, भगवान जगन्नाथ के भक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गजपति महाराज से बात की। मोहंती ने बताया, मुझे आशा है कि उच्चतम न्यायालय इस साल पुरी में रथ यात्रा आयोजित करने की मंजूरी दे देगा। उन्होंने कहा है कि अमित शाह ने उत्सव के साथ जुड़ी धार्मिक भावनाओं को लेकर भी देव के साथ बातचीत की। पुरी की रथ यात्रा में हर साल दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
श्री जगन्नाथ के मन्दिर में छुआछूत है या नहीं?
ये सत्य है इसके पीछे में एक कथा की भूमिका है। श्री जगन्नाथ पुरी में एक पांडे ने कबीर साहेब को शूद्र मानकर धक्का मार दिया। कुछ समय बाद उस पांडे को कुष्ठ रोग के लक्षण दिखाई दिए। उपचार करने पर भी रोग बढ़ता गया। पांडे ने श्री जगन्नाथ जी समेत समस्त पूजा अर्चना कीं लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। एक रात स्वप्न में श्री कृष्ण जी ने दर्शन देकर पांडे को एक संत को धक्का देने की घटना की याद दिलाकर उन संत के चरण धोकर चरणामृत ग्रहण करने का निर्देश देकर कहा संत के क्षमा करने पर ही कुष्ठ रोग ठीक हो सकता है।
पांडे प्रातः काल ही अपने सहयोगियों के साथ शूद्र रूप में विराजमान कबीर साहेब के पास पहुंचा तो प्रभु ऐसा कह कर कि मैँ अछूत हूँ, मुझसे दूर रहना अन्यथा अपवित्र हो जाओगे उठकर चल दिए। पांडा दौड़ कर पास पहुंचा तो परमेश्वर कबीर और आगे चले गए। पांडे ने रोकर करुणा के साथ क्षमा याचना करते हुए पुकार लगाई। प्रभु द्रवित होकर रुक गए। पांडे ने एक पृथ्वी पर आसान बिछाकर परमात्मा से आदरपूर्वक बैठने का निवेदन किया। प्रभु विराजमान हुए और पांडे ने प्रभु कबीर के चरण धोकर चरणामृत को पात्र में श्रद्धा पूर्वक लिया।
परमेश्वर कबीर साहेब ने चालीस दिन तक चरणामृत को पीने और जल में मिलाकर नहाने का निर्देश देकर चालीसवें दिन पूर्ण रूप से रोग रहित होने का आशीर्वाद दिया। परमात्मा कबीर ने पांडे और अन्य उपस्थित लोगों को छुआछूत से बचने के लिए आगाह किया। सभी ने भविष्य में ऐसा न करने का वचन दिया। पांडे ने श्रद्धा पूर्वक चालीस दिनों तक चरणामृत पान किया और जल स्नान किया और वह पूर्ण रूप से कुष्ठ रोग मुक्त हो गया। श्री जगन्नाथ जी के मंदिर में आज तक छुआछूत की कुप्रथा नहीं है। विचार करें कि यह कुप्रथा पूरे समाज से क्यों नहीं मिटनी चाहिए? आज तक पूरे विश्व में छुआछूत केवल सन्त रामपाल जी महाराज ने तत्वज्ञान के माध्यम से खत्म किया है।
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