JJ Irani Death News [Hindi] : 86साल की उम्र में डा. ईरानी ने दुनिया को कहा अलविदा

JJ Irani Death News 86 साल की उम्र में ईरानी ने दुनिया को कहा अलविदा

JJ Irani Death News [Hindi] | रतन टाटा को डा. जेजे ईरानी पर इतना विश्वास था कि 75 साल की उम्र में उन्होंने टाटा स्टील को अलविदा कहा था। वह चार दशक से अधिक समय तक कंपनी की सेवा करने के बाद टाटा स्टील के बोर्ड से 2 जून 2011 इस्तीफा दे दिया था। वह 1968 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टाटा स्टील का नाम बदलकर) में शामिल हो गए।

कल रात 10 बजे ली अंत‍िम सांस

JJ Irani Death News [Hindi] | टाटा स्टील ने एक बयान में कहा, ‘भारत के ‘स्टील मैन’ का निधन हो गया है. अत्यंत दुख के साथ टाटा स्टील पद्म भूषण डॉ जमशेद जे ईरानी के निधन की सूचना दे रही है.’ उनका निधन 31 अक्टूबर 2022 को रात 10 बजे जमशेदपुर के टीएमएच (टाटा अस्पताल) में हुआ. विदेश में शिक्षा ग्रहण करने और पेशेवर जीवन की शुरुआत करने के बाद, ईरानी 1968 में ‘टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी’ (अब टाटा स्टील) में शामिल होने के लिए भारत लौट आए. वह कंपनी से अनुसंधान और विकास के प्रभारी निदेशक के सहायक के रूप में जुड़े.

नागपुर से शेफील्ड विश्वविद्यालय तक पहुंचे

डॉ ईरानी ने 1958 में नागपुर विश्वविद्यालय से भूविज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 1963 में यूके के शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की। डा ईरानी के साथ काम कर चुके पूर्व कर्मचारी ने कहा कि उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता था। वे सही लोगों का चयन करने के लिए जाने जाते थे।

JJ Irani Death News [Hindi] | मानद नाइटहुड की उपाधि म‍िली

उन्होंने 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की. वह 1968 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) में शामिल होने के लिए भारत लौट आए. उन्होंने 1992-93 के दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाला. उन्हें कई सम्मान मिले, जिसमें 1996 में रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के इंटरनेशनल फेलो के रूप में उनकी नियुक्ति और 1997 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइटहुड की उपाधि शामिल है.

आर्थिक उदारीकरण के दौर में भारत का नेतृत्व किया

उन्हें एक दूरदर्शी लीडर के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में इस्पात उद्योग के उन्नति और विकास में अत्यधिक योगदान दिया। डॉ ईरानी भारत में गुणवत्ता आंदोलन के पहले लीडर थे। उन्होंने टाटा स्टील को गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ दुनिया में सबसे कम लागत वाला स्टील उत्पादक बनने में सक्षम बनाया, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके।

■ Also Read | Tata Play Recharge: बदल गया टाटा स्काई का नाम, जानिए क्यों Tata Sky हुआ Tata Play

प्रसिद्ध मैल्कम बाल्ड्रिज परफॉर्मेंस एक्सीलेंस मानदंड से अपनाए गए कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण के माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए 2003 में टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम शुरू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

JJ Irani Death News [Hindi] | टाटा स्टील से 2011 सेवानिवृत हुए

डॉ ईरानी चार दशकों से अधिक समय तक टाटा स्टील से जुड़े रहे। 43 साल की विरासत को पीछे छोड़ते हुए वे जून 2011 में टाटा स्टील के बोर्ड से सेवानिवृत्त हुए, जिसने उन्हें और कंपनी को विभिन्न क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई।

टाटा वर्कर्स यूनियन ने शोक जताया

JJ Irani Death News [Hindi] | टाटा स्टील के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर के निधन पर टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी, महामंत्री सतीश सिंह, उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम समेत अन्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने डॉ ईरानी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट किया है- ‘विनम्र श्रद्धांजलि!

जेजे ईरानी कहते थे, कंपनी का जीवन चक्र भी इंसान की तरह

डा. ईरानी ने कहा था कि किसी कंपनी की जिंदगी भी इंसान की तरह होती है। इंसान की तरह कंपनी का जन्म होता है, फिर वह बूढ़ी होती है और मर जाती है। 20 साल पहले टायो रोल्स फायदा देने वाली कंपनी थी। लगातार कई साल तक नुकसान होता रहा। शायद इसीलिए उसे बंद करने का फैसला हुआ। उन्होंने टाटा स्टील प्रबंधन को उत्पादन लागत कम करने की सलाह दी थी।

JJ Irani Death News [Hindi] | 1968 में टाटा स्टील से जुड़े

उन्होंने 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की, लेकिन हमेशा राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने के लिए तरसते रहे और 1968 में तत्कालीन टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) में अनुसंधान और विकास के प्रभारी निदेशक के सहायक के रूप में शामिल होने के लिए भारत लौट आए। वह 1978 में जनरल सुपरिंटेंडेंट, 1979 में जनरल मैनेजर और 1985 में टाटा स्टील के प्रेसिडेंट बने। वह 1988 में टाटा स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक, 1992 में प्रबंध निदेशक बने और 2001 में सेवानिवृत्त हुए।

JJ Irani Death News [Hindi] | पद्म भूषण से सम्मानित

JJ Irani Death News [Hindi] | 2004 में, भारत सरकार ने ईरानी को भारत के नए कंपनी अधिनियम के गठन के लिए विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया। उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वह धातु विज्ञान के क्षेत्र में उनकी सेवाओं की स्वीकृति के रूप में 2008 में भारत सरकार द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के प्राप्तकर्ता थे।

टाटा मोटर्स से भी था गहरा लगाव

टाटा स्टील के एमडी होने के बावजूद टाटा मोटर्स से भी उनका गहरा लगाव रहा। ईरानी ने कहा था कि टाटा मोटर्स को हिलाना किसी के लिए आसान नहीं होगा। जगुआर और लैंडरोवर भी टाटा मोटर्स का हिस्सा है। एक जमाने में सरकार ने किसी और कंपनी को अनुमति नहीं थी। यही वजह है कि टाटा मोटर्स और लीलैंड ही भारी वाहन बनाते थे। अब सबके लिए मौका है। फिर भी हैवी व्हीकल इंडस्ट्री में टाटा मोटर्स आगे बढ़ता रहेगा। विदेशों में भी प्रोडक्शन बढ़ेगा।

Also Read | Engineers Day: Know About The Principal Engineer Who Has Engineered This Entire Universe?

देश के नामचीन मेटलर्जिस्ट थे डा. ईरानी

डा. जेजे ईरानी को देश का नामचीन मेटलर्जिस्ट माना जाता है। रूसी मोदी व रतन टाटा की बीच बढ़ती खाई के बाद टाटा संस ने टाटा स्टील की कमान जेजे ईरानी को सौंपी थी। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने टाटा स्टील को नई ऊचाईयों तक पहुंचाया। उनके निधन की खबर पाकर टाटा स्टील के सारे वरीय अधिकारी टीएमएच पहुंचे हैं। डॉ जेजे ईरानी वर्ष 2007 में वे टाटा स्टील के एमडी के पद से रिटायर हुए थे। जमशेदपुर से उनका बड़ा लगाव था।

JJ Irani Death News [Hindi] | इस तरह बच्ची की बचाई जान

25 साल पहले की बात है, जब 12 वर्षीय एक लड़की का ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया था और बाद में कैंसर से पीड़ित पाई गई थी। जब लड़की के माता-पिता बच्चे को आगे के इलाज के लिए दक्षिण ले जाना चाहते थे, तो अस्पताल के अधिकारियों ने लड़की से निकाले गए ट्यूमर को यह कहते हुए सौंपने से इनकार कर दिया कि यह उनके नियमों के खिलाफ है।

सूचना मिलने डॉ ईरानी तुरंत बचाव के लिए आए और अस्पताल के अधिकारियों से कहा कि जब किसी की जान बचाने की बात आती है तो नियमों का कोई सेट नहीं होता है।

क्वालिटी आंदोलन के अग्रणी नेता थ डा. ईरानी

डा. ईरानी को भारत में क्वालिटी आंदोलन (रेवोल्यूशन) का अग्रणी नेता माना जाता है। उन्होंने टाटा स्टील में गुणवत्ता व ग्राहक संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करते हुए कंपनी को दुनिया में सबसे कम उत्पादन लागत वाला स्टील मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बनाया जो अंतराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके। उन्होंने प्रसिद्ध मैल्कम बाल्ड्रिज परफार्मेंस एक्सिलेंस मानदंड से अपनाए गए कैलेब्रेटेड दृष्टिकोण से गुणवता में सुधार के लिए 2003 में टाटा एजुकेशन एक्सिलेंस प्रोग्राम शुरू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

कंपनी अधिनियम विशेषज्ञ समिति के थे अध्यक्ष

वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने कंपनी अधिनियम के गठन के लिए विशेषज्ञ समिति बनाया जिसका अध्यक्ष डा. जेजे ईरानी को नियुक्त किया गया। वर्ष 2011 में वे टाटा समूह की सभी कंपनियों के विभिन्न पदों से सेवानिवृत्त हुए। वे भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में बोर्ड आफ गर्वनेंस के भी अध्यक्ष रहे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *