Kaamya Karthikeyan:16 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन बनी नेपाल की तरफ़ से माउंट एवरेस्ट फ़तह करने वाली पहली कमउम्र भारतीय महिला

IndianTeenager Kaamya Karthikeyan scaled the Mount Everest से संबंधित मुख्य बिंदु

टाटा स्टील फाउंडेशन की पर्वतारोही, झारखंड की 16 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन (Kaamya Karthikeyan ) ने 20 मई 2024 को नेपाल की तरफ़ से माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचकर, भारत की पहली और विश्व की दूसरी सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनने का कीर्तिमान स्थापित किया। काम्या के साथ उनके पिता भारतीय नौसेना के कमांडर एस कार्तिकेयन भी थे। कम उम्र में बुलंदियों को छूने के इरादे रखने वाली, 12वीं कक्षा की छात्रा काम्या सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करना चाहती हैं जिनमें से छह की वह पूरी कर चुकी हैं।

IndianTeenager Kaamya Karthikeyan scaled the Mount Everest से संबंधित मुख्य बिंदु

  • नेपाल की तरफ़ से माउंट एवरेस्ट फ़तह करने वाली पहली कमउम्र भारतीय महिला
  • काम्या कार्तिकेयन ने अपने पिता भारतीय नौसेना के कमांडर एस कार्तिकेयन के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की
  • काम्या कार्तिकेयन व उनके पिता एस कार्तिकेयन ने 20 मई 2024 को दिन में 12:35 बजे एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराया
  • झारखंड की 16 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन मुंबई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल में 12वीं की छात्रा हैं
  • सच्चे व पूर्ण गुरू की शरण में जाने से जीवन के मूल व वास्तविक लक्ष्य की जानकारी होती है जिसकी कोई आयुसीमा नहीं होती

Kaamya Karthikeyan: 16 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन बनी नेपाल की तरफ़ से माउंट एवरेस्ट फ़तह करने वाली पहली कमउम्र भारतीय महिला

“ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है“

टाटा स्टील फाउंडेशन की पर्वतारोही, झारखंड की 16 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन (Kaamya Karthikeyan ) ने 20 मई 2024 को नेपाल की तरफ़ से माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचकर, भारत की पहली और विश्व की दूसरी सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनने का कीर्तिमान स्थापित किया। 

काम्या के साथ उनके पिता भारतीय नौसेना के कमांडर एस कार्तिकेयन भी थे। मुंबई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा, झारखंड की काम्या विश्व के सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करना चाहती हैं।

क्या मनुष्य जन्म का वास्तविक व मूल लक्ष्य हासिल करने की आयु-सीमा होती है?

मानव ने चांद पर विजय हासिल कर ली, पर्वतों पर अपना परचम लहरा दिया, सागरों को बांध लिया किंतु मानव मनुष्य नहीं बन सका। तमाम सफलताओं के बावजूद आपसी प्रेम, सह्रदयता, करुणा, बंधुत्व के अभाव ने मनुष्य के जीवन को अशांति से भर दिया है।                                                                             

संतो के विचारों से ही मानवोचित गुणों का विकास होता है, वसुधैव कुटुंबकम की भावना फलित होती है। जिस तरह सफलता हासिल करने की कोई आयु नहीं होती उसी तरह संतों की शरण में जाने व उनसे सत्य भक्ति प्राप्त करके अपने जीवन का कल्याण कराने की कोई आयु नहीं होती। भक्त ध्रुव ने छह वर्ष की आयु में व भक्त प्रहलाद ने मात्र ग्यारह वर्ष की आयु में प्रभु-भक्ति की व आत्म-कल्याण करवाया। बस एकमात्र शर्त यह है कि सतभक्ति बताने वाला संत, वह आध्यात्मिक गुरू, पूर्ण हो। और ऐसा सतगुरू अपने समय में केवल एक ही होता है। हमारे सद्ग्रंथ उस सतभक्ति की पहचान का मानदंड हैं, उसे बताने वाला संत ही परम गुरू है। 

आज इस पृथ्वी पर संत रामपाल जी महाराज एकमात्र पूर्ण सतगुरू हैं जो शास्त्रों में प्रमाणित सत्य भक्ति प्रदान कर रहे हैं। उनसे दीक्षा लेकर व उनके बताए अनुसार भक्ति करके हम अपने जीवन के वास्तविक व मूल लक्ष्य को जानकर उसे हासिल भी कर सकते हैं और शांतिमय जीवन जी सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए देखें  http://www.jagatgururampalji.org/ 

Audio Books सुनने के लिए Download करें Official App “SANT RAMPAL JI MAHARAJ

और हासिल कीजिए परम शांति और मानव जीवन का वास्तविक व मूल लक्ष्य।

Indian Teenager Kaamya Karthikeyan who scaled the Mount Everest से संबंधित FAQ

Q.1 काम्या कार्तिकेयन (Kaamya Karthikeyan ) कौन है?

Ans. नेपाल की तरफ़ से माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचने वाली भारत की पहली और विश्व की दूसरी सबसे कम उम्र की पर्वतारोही।

Q.2 माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर काम्या कार्तिकेयन के साथ और कौन थे?

Ans. उनके पिता भारतीय नौसेना के कमांडर एस कार्तिकेयन।

Q.3 माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के समय काम्या कार्तिकेयन की आयु कितनी थी?

Ans. मात्र 16 वर्ष।

Q.4 काम्या का लक्ष्य क्या है?

Ans. -दुनिया के सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई पूरी कर “7 सम्मिट्स” चुनौती को पूरा करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बनना।

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