Maharashtra Day 2024: आज सिर्फ मजदूर दिवस ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस भी है। भारत के दो बड़े राज्य महाराष्ट्र और गुजरात 1 मई का दिन अपने स्थापना दिवस के तौर पर मनाते हैं। भारत की आजादी के समय यह दोनों राज्य बॉम्बे प्रदेश का हिस्सा थे। आज के ही दिन भारत के इस राज्य ‘महाराष्ट्र’ की स्थापना हुई थी। पहले महाराष्ट्र और गुजरात का अलग अस्तित्व नहीं था। दोनों एक प्रदेश बॉम्बे का हिस्सा थे। उस वक्त बॉम्बे प्रदेश में मराठी और गुजराती भाषा बोलने वाले लोगों की तादाद सबसे ज्यादा थी। मराठी और गुजराती भाषा बोलने वाले लोग अपने लिए अलग-अलग राज्य की मांग कर रहे थे। दोनों भाषा के लोग अपने आंदोलन को दिन-ब-दिन तेज कर रहे थे।
Maharashtra Day History in Hindi
दरअसल, राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत कई राज्यों का गठन किया गया था. इस अधिनियम के तहत कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य बनाया गया, जबकि तेलुगु बोलने वालों को आंध्र प्रदेश मिला। इसी तरह मलयालम भाषियों को केरल और तमिल बोलने वालों के लिए तमिलनाडु राज्य बनाया गया। लेकिन मराठियों और गुजरातियों को अलग राज्य नहीं मिला था। इसी मांग को लेकर कई आंदोलन हुए।
1 मई 1960 को भारत की तत्कालीन नेहरू सरकार ने बॉम्बे प्रदेश को ‘बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960’ के तहत दो राज्यों में बांट दिया- महाराष्ट्र और गुजरात। दोनों राज्यों में बॉम्बे को लेकर भी विवाद हुआ था। मराठियों का कहना था कि बॉम्बे उन्हें मिलना चाहिए क्योंकि वहां पर ज्यादातर लोग मराठी बोलते हैं, जबकि गुजरातियों का कहना था कि बॉम्बे जो था, वो उनकी बदौलत था। आखिरकार बॉम्बे को महाराष्ट्र की राजधानी बनाया गया।
महाराष्ट्र राज्य अलग एक राज्य कैसे बना? (History of Maharashtra)
जब भारत को आजादी मिली थी उस वक्त अधिकांश प्रांतीय राज्यों (Provincial states) को बॉम्बे प्रांत में जोड़ दिया गया था. उस वक्त बॉम्बे प्रांत में गुजराती भाषा और मराठी भाषा बोलने वाले लोग रहते थे. वहीं इसी भाषा के आधार पर अलग राज्य बनाने की मांग उठने लगी. गुजराती भाषा वाले लोग अपना एक अलग राज्य चाहते थे. वहीं मराठी भाषा बोलने वाले लोग खुद के लिए अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे थे. इस दौरान देश में कई आंदोलन भी किए गए और इन्हीं आंदोलनों के परिणामस्वरूप, बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, 1960 के तहत साल 1960 में महाराष्ट्र राज्य और गुजरात राज्य का गठन किया गया था. यानी महाराष्ट्र राज्य और गुजरात राज्य पहले एक ही राज्य के रूप में जाने जाते थे.
कैसे मनाया जाता हैं महाराष्ट्र दिवस (How Maharashtra Day 2024 is celebrated?)
महाराष्ट्र दिवस (Maharashtra Day 2024) के दिन को खास बनाने के लिए यहां की राज्य सरकार द्वारा कई तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं. इस दिन को विशेष बनाने के लिए राज्य सरकार कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिसमें मराठी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इसके अलावा इस दिन राज्य सरकार द्वारा एक परेड भी निकाली जाती है. हर साल इस परेड का आयोजन शिवाजी पार्क में किया जाता है. इतना ही नहीं शिवाजी पार्क में इस दिन राज्य के राज्यपाल द्वारा हर साल भाषण भी दिया जाता है.
महाराष्ट्र राज्य की महत्वपूर्ण बातें (Interesting Facts About Maharashtra)
- देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य
महाराष्ट्र राज्य का भौगोलिक क्षेत्र 307,713 किलोमीटर तक फैला हुआ है. भारत के राज्यों में क्षेत्रफल के आधार पर इस राज्य का तीसरा नंबर हैं. इस राज्य से पहले भारत के राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्य क्षेत्र के आधार पर सबसे बड़े राज्य है.
- महाराष्ट्र राज्य के पड़ोसी राज्य
महाराष्ट्र राज्य का दक्षिण हिस्सा कर्नाटक राज्य से लगता है. वहीं इस राज्य का दक्षिण पूर्व हिस्सा आंध्र प्रदेश और गोवा राज्य की सीमाओं से लगा हुआ है. इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य की उत्तरी भाग की सीमा मध्य प्रदेश राज्य से जुड़ी हुई है और राज्य के पश्चिम में अरब सागर है.
- महाराष्ट्र विधान सभा
भारत की राजनीति में इस राज्य की अहम भूमिका हैं. इस राज्य में कुल 228 विधानसभा सीटें हैं. वहीं लोकसभा की 543 सीटों में से 48 सीटें इस राज्य की हैं और राज्य सभा में इस राज्य की 19 सीटें हैं.
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Maharashtra Day 2024 Speech In Marathi
महाराष्ट्राच्या मातीचे गुणवर्णन अनेक प्रतिभावंतांनी, इतिहासकारांनी करुन ठेवले आहे. महाराष्ट्राचे महात्म्य वर्णन करतांना राम गणेश गडकरी ऊर्फ गोविंदाग्रज यांनी मंगल देशा ! पवित्र देशा ! महाराष्ट्र देशा। प्रणाम घ्यावा माझा हा, श्री महाराष्ट्र देशा॥ राकट देशा, कणखर देशा, दगडांच्या देशा । नाजुक देशा, कोमल देशा, फुलांच्याहि देशा ॥॥ अशा शैलीदार ओळी वापरल्या आहेत. श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकरांनीही बहु असोत सुंदर संपन्न की महा, प्रिय अमुचा एक महाराष्ट्र देश हा हे महाराष्ट्र गीत लिहून महाराष्ट्राच्या व्यक्तिमत्वाचा वेध घेतला आहे. वि.वा. शिरवाडकर ऊर्फ कुसुमाग्रज यांनी ‘माझ्या मराठी मातीचा लावा ललाटास टिळा, हिच्या संगाने जागल्या द-याखो-यातील शिळा अशा शब्दांत स्वाभिमान जागवला आहे. वसंत बापटांनीही भव्य हिमालय तुमचा अमुचा, केवळ माझा सह्यकडा, गौरीशंकर उभ्या जगाचा, मनांत पूजिन रायगडा म्हणत महाराष्ट्रप्रेम व्यक्त केले आहे. विदर्भ, कुंतल, अश्मक, लाट, अपरान्त अशा विविध नावांनी एकवटलेला मरहट्ट देश म्हणजेच महाराष्ट्र होय.
श्री चक्रधर स्वामी तसेच महानुभव कवींनी महाराष्ट्राचे विस्तृत वर्णन केले आहे. समर्थ रामदास स्वामींनी मराठा तितुका मेळवावा, महाराष्ट्र धर्म वाढवावा हे प्रेरणादायी सूत्र मांडले. संत ज्ञानेश्वररांनी माझा मऱ्हाटाचि बोल कवतुके। परी अमृतातेंहि पैजा जिंके। ऐसी अक्षरेरसिकें । मेळवीन॥ अशा शब्दांत मराठीचे माधुर्य मांडले आहे. मा.त्र्यं.पटवर्धन ऊर्फ माधव जूलियन यांनी मराठी असे आमुची मायबोली म्हणत भाषेची थोरवी वर्णिली आहे. गं.रा.मोगरे यांनी माता तशी स्वभाषा, सेवाया होय आपणा उचित। किंबहुना मातेहुनि अधिक हिची योग्यता असे खचित॥॥ म्हणून भाषेचा गौरव केला आहे. ना.के.बेहेरे यांनी भाषा आमुची छान। मराठी। भाषा आमुची छान॥ भाषा भिन्ना देशदेशच्या सर्वांची परि खाण॥ म्हणून मराठीचे श्रेष्ठत्व सांगितले. संत एकनाथ महाराजांनी संस्कृत वाणी देवे केली। तरी प्राकृत काय चोरापासोनि झाली ? ॥ असा परखड प्रश्न विचारला आहे. ख्रिस्तदास स्टीफन यांनी जैसी हरळां (खडा) माजि रत्नकिळा। कि रत्ना माजि हिरानिळा। तैसी भासां माजि चोखाळ। भासा मराठी॥ या शब्दांत मराठी भाषेविषयी अभिमान व्यक्त केला आहे. ना.गो.नांदापूरकर यांनी माझी मराठी असे मायभाषा हिच्या कीर्तिचे तेज लोकी चढे, गोडी न राहे सुधेमाजि आता, पळाली सुधा स्वर्गलोकांकडे अशा रसदार शब्दांत मराठीचा गोडवा गायिला आहे.
Maharashtra Day 2024 Quotes In Hindi
मन में स्वतंत्रता,
शब्दों में ताकत,
हमारे खून में पवित्रता,
हमारी आत्मा में गर्व,
हमारे दिलों में जोश,
महाराष्ट्र की इस भावना को सलाम!
मुझे अपने राष्ट्र से प्यार है,
मुझे अपने भारत से प्यार है,
मुझे अपनी आजादी से प्यार है,
मुझे अपने महाराष्ट्र से प्यार है.
एकता में गजब की ताकत है,
विभाजित होकर हम हार जाएंगे,
मजबूती के साथ हम आगे बढ़ेंगे,
महाराष्ट्र का नाम रोशन करेंगे.
महाराष्ट्रीयन होने पर गर्व करें,
क्योंकि भारत का गर्व बढ़ाने के लिए,
महाराष्ट्र अन्य राज्यों के साथ,
मिलकर काम करता है.