National Nutrition Week 2024: राष्ट्रीय पोषण सप्ताह जो की सितंबर माह के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। इस सप्ताह भी पोषक तत्वों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए तथा स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए विशेष जानकारी सांझी की जाती है। भारत में लगभग 16.6 फीसदी लोग कुपोषण से पीड़ित हैं। ये सप्ताह लोगों में पोषण आहार की महत्ता बताने और लोगों को संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है।
क्या कहती हैं 2023 की रिपोर्ट
2023 की अगर रिपोर्ट देखी जाए तो खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट में भारतीय आबादी का लगभव 74% संतुलित आहार का खर्च नहीं उठा पाती है। जिस कारण उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और 39% व्यक्ति पोषण तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं। इसकी कमी से लोगों को बेरीबेरी, कुपोषण, एनीमिया, रिक्ट्स आदि रोग हो सकते हैं।
क्या है पोषण को लेकर सरकार की पहल
दैनिक जीवन में व्यक्ति को रोजगार एवं स्वस्थ जीवन चाहिए , इसके लिए व्यक्ति को पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है।सरकार ने पोषक तत्वों को लेकर कई कदम उठाए हैं।पोषक तत्वों के बारे लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार ने सर्वप्रथम मार्च 2018 में पोषक अभियान शुरू किया था। जिसका उद्देश्य बच्चों एवं महिलाओं के पोषण एवं उनके स्वास्थ्य की देखरेख करना था और कई बीमारियां जिसे दुर्बलता ,एनीमिया एवं बौनापन को कम करने के लिए यत्न करना था।इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य की जांच एवं पोषण को लेकर जागरूकता बढ़ाना मुख्य था।
क्या है इस बार 2024 की राष्ट्रीय पोषक सप्ताह की थीम
राष्ट्रीय पोशाक सप्ताह 2024 का थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार ’ है।इस राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का उद्देश्य सभी तक पोषक तत्वों को उपलब्ध कराना है, जो कि विश्व के विकास के लिए जरूरी है। इसके साथ ही ऐसे पोषक तत्वों को बढ़ावा देना है ,जिससे पोषण संबंधी जरूरत को पूरा किया जा सके। लोगों को संतुलित आहार उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य है।
क्या कहती है 2024 के खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट
जैसे की 2023 की खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार भारत के लगभग 74% आबादी स्वस्थ आहार का बहन नहीं कर सकती। लेकिन 2024 की आई खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार यह पाया गया कि वर्ष 2024 में लगभग 55.6% भारतीय आबादी जो कि 776 मिलियन जनता के बराबर है, संतुलित आहार के खर्चे नहीं जुटा पा रही। हालांकि पिछले वर्षों के आंकड़ों में सुधार है।लेकिन इसमें अभी भी बहुत परिवर्तन की जरूरत है,देश की सरकार को इस विषय पर उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।देश के नागरिकों को उचित आहार उपलब्ध करवाना आवश्यक है।
जानिए राष्ट्रीय पोषक सप्ताह का इतिहास
राष्ट्रीय पोशाक सप्ताह की शुरुआत 1973 में सर्वप्रथम अमेरिका के द्वारा की गई थी। इसे वर्तमान समय में एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स कहा जाता है। इसका उद्देश्य पोषण संबंधी तथा स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करना तथा सभी लोगों को इस विषय में जागरूक करना मुख्य था।
क्या है पोषक तत्व का महत्व
मनुष्य के शरीर में पोषक तत्व की बहुत ही आवश्यकता है बिना पोषक तत्व के मनुष्य का शरीर अस्वस्थ हो सकता है तथा कई बीमारियों से व्यक्ति को जूझना पड़ता है।स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ आहार होना आवश्यक है।जब तक व्यक्ति को पौष्टिक आहार नहीं मिलता,तब तक व्यक्ति कई बीमारियों से जूझता रहता है।आर्थिक तंगी के कारण भी मनुष्य पोषक तत्व के खर्चे नहीं उठा पाता तथा इस विषय में जानकारी न होने के कारण भी पोषक तत्वों की कमी मनुष्य के शरीर में हो जाती है। इसी लिए मनुष्य को इस विषय पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने तथा शरीर की शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए, बेहतर मस्तिष्क और खुशहाल जीवन के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता है।
आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं?
हमें अच्छे पोषक तत्वों की जानकारी होना जरूरी है। हमें ये पता होना चाहिए कि पोषक तत्व में क्या-क्या सम्मिलित है। अगर बात करें पोषक तत्वों की तो इसमें छह मुख्य रूप से आवश्यक पोषक तत्व हैं।जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज, विटामिन, पानी। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इन सभी पोषक तत्वों का सही मात्रा में समावेश होना आवश्यक है। आपके शरीर में सभी पोषक तत्व आवश्यक मात्रा में होना चाहिए।
शारीरिक पोषक तत्व के साथ- साथ आत्मा का पोषक तत्व भी है आवश्यक
जिस प्रकार शरीर को ऊर्जा देने के लिए पोषक तत्व की आवश्यकता पड़ती है। इसी प्रकार जीवात्मा को भी सत्संग की आवश्यकता पड़ती है।सत्संग से जीवात्मा में ऊर्जा का विकास होता है तथा ज्ञान होता है कि मनुष्य शरीर में रहते हुए जीवन में भक्ति करना भी आवश्यक है। जिस प्रकार हम शारीरिक पोषण के लिए दिनभर भटकते रहते हैं तब कहीं जाकर हमें पोषक तत्व की प्राप्ति होती है , उसी प्रकार आत्मा को पोषक तत्व उपलब्ध करवाने के लिए सत्संग की आवश्यकता होती है।सत्संग भी पुर्ण संत द्वारा किया गया लाभ देता है। अगर सत्संग हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार न किया गया हो ,तो वो लाभ नहीं देता।
वर्तमान में हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार सत्संग सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी ही करते हैं। वे हमारे सभी पवित्र शास्त्रों के अनुसार सद्भक्ति करवाने वाले तथा आत्मा को पूर्ण मोक्ष करवाने वाले एकमात्र संत वर्तमान में इस धरा पर हैं। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें हमारा यूट्यूब चैनल “संत रामपाल जी महाराज” & विजिट करें हमारी वेबसाइट supremegod.org
FAQs
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह कब मनाया जाता हैं ?
1 सितंबर से 7 सितंबर को राष्ट्रीय पोषक सप्ताह मनाया जाता है।
वर्ष 2024 में कितने पर्सेंट आबादी पोषक तत्व के खर्चे सहन नहीं कर सकती?
55.6 पर्सेंट आबादी पोषक तत्व के खर्चे नहीं उठा पा रही।
वर्ष 2023 में कितने पर्सेंट आबादी पोषक तत्व के खर्चे नहीं कर पा रही थी?
वर्ष 2023 में 74 पर्सेंट आबादी पोषक के खर्चे नहीं उठा पा रही।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2024 का थीम क्या है?
राष्ट्रीय पोशाक सप्ताह 2024 का थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार ’ है।