Nepal Plane Crash News [Hindi] | नेपाल के तार एयर का 9 NEAT विमान रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में चार भारतीय सहित 22 लोग सवार थे। विमान सुबह लापता होने के कुछ घंटे बाद ही मस्टैंग जिले के कोवांग गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सोमवार को नेपाल की सेना दुर्घटना स्थल पर पहुंची और 21 शवों को बरामद किया। शवों की पहचान अभी नहीं हो सकी है। वहीं, नेपाल गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव व प्रवक्ता फणींद्र मणि पोखरेल ने संदेह व्यक्त किया है कि विमान में सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई है।
Nepal Plane Crash News [Hindi] | शवों की नहीं हो रही पहचान
पुलिस निरीक्षक राज कुमार तमांग के नेतृत्व में एक टीम दुर्घटनास्थल पर पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के शवों की पहचान अभी नहीं हो पा रही है। नेपाली सेना के प्रवक्ता के मुताबिक, 15 जवानों की एक टीम को शवों को निकालने के लिए दुर्घटनास्थल के पास उतारा गया है।
चार भारतीय भी थे विमान में सवार
स्थानीय लोगों द्वारा नेपाल सेना को दी गई जानकारी के अनुसार, तारा एयर का विमान मनापति हिमाल के भूस्खलन के चलते लामचे नदी के मुहाने पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 19 सीटर के इस विमान में 4 भारतीय, 3 विदेशी और 13 नेपाली नागरिक सवार थे। सूत्रों के अनुसार, सेना के अधिकारियों को दूर से धुआं उठते हुए दिखाई दिया, जिसके बाद विमान का पता चल सका।
दुर्घटनास्थल की ओर बढ़ रही नेपाली सेना
स्थानीय लोगों के जरिए नेपाल सेना को मिली जानकारी के अनुसार तारा एयर का विमान मनापति हिमाल के भूस्खलन में लामचे नदी के मुहाने पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने कहा कि नेपाल सेना जमीन और हवाई मार्ग से घटनास्थल की ओर बढ़ रही है। इस विमान में तीन जापानी, चार भारतीय समेत कुल 19 यात्री सवार थे। मुख्य जिलाधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि हवाई जहाज को आखिरी बार मुस्तांग जिले में देखा गया था। बाद में इसे माउंट धौलागिरी की ओर मोड़ दिया गया, जिसके बाद इसे नहीं देखा गया था।
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Nepal Plane Crash News [Hindi] | विमान ने पोखरा से जॉमसम के लिए भरी थी उड़ान
तारा एयर का 9 NAET डबल इंजन विमान ने पोखरा से जॉमसम के लिए सुबह 9.55 बजे उड़ान भरी थी। इस हवाई जहाज को कैप्टन प्रभाकर घिमिरे उड़ा रहे थे। हवाई अड्डा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि विमान के मस्टैंग के लेटे क्षेत्र में पहुंचने के बाद, संपर्क टूट गया था।
स्थानीय लोगों ने तेज धमाके की आवाज सुनने का दावा किया
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, विमान के मस्टैंग जिले के लेटे के “तिती” इलाके में दुर्घटनाग्रस्त होने का संदेह है। टिटी के स्थानीय लोगों ने हमें फोन किया और सूचित किया कि उन्होंने एक असामान्य आवाज सुनी है जैसे कि कोई धमाका हुआ हो। हम तलाशी अभियान के लिए इलाके में एक हेलीकॉप्टर तैनात कर रहे हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फदिंद्र मणि पोखरेल ने फोन पर एएनआई को बताया कि नेपाल सेना के हेलिकॉप्टर को भी तलाशी के लिए तैनात करने की तैयारी की जा रही है।
Nepal Plane Crash News [Hindi] | 2016 में इसी एअरलाइन विमान हुआ था क्रेश
गौरतलब है कि 2016 में इसी एअरलाइन का एक विमान उड़ान भरने के बाद इसी मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे उसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी. मार्च 2018 में यूएस-बांग्ला एअर का विमान त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे उसमें सवार 51 लोगों की मौत हो गयी थी. सीता एअर का एक विमान सितंबर 2012 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आपात लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे 19 लोगों की मौत हो गयी थी. पोखरा से जोमसोम जा रहा एक विमान 14 मई 2012 को जोमसोम हवाईअड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे 15 लोगों की मौत हो गयी थी.
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मस्टैंग पहुंचते ही संपर्क टूटा
मुख्य जिला अधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने पुष्टि की कि विमान को मस्टैंग में जोम्सम के हवाई क्षेत्र में देखा गया था और फिर विमान माउंट धौलागिरी की ओर मुड़ गया था. जिसके बाद विमान से संपर्क टूट गया. पुलिस अधिकारियों के अनुसार विमान के मस्टैंग जिले के तिती इलाके में दुर्घटनाग्रस्त होने का संदेह है.
एयक्राफ्ट पहाड़ी से टकराया, लेकिन आग नहीं लगी
नेपाल की इंग्लिश न्यूज वेबसाइट, myrepublica ने क्रैश साइट पर सबसे पहले पहुंचने वाले स्थानीय नागरिक इंदा सिंह दाना से बातचीत की। दाना ने कहा- प्लेन का मलबा 100 मीटर इलाके में ही बिखरा था, लेकिन यहां पहुंचना बेहद मुश्किल रहा। एयरक्राफ्ट के मलबा देखकर ये साफ समझ आता है कि उसमें आग नहीं लगी थी, क्योंकि जलने के निशान कहीं नहीं हैं। वो साफ तौर पर किसी पहाड़ी से टकराया था। इलाके में बर्फबारी और घना कोहरा है। यहां से शव निकालना भी फिलहाल बेहद मुश्किल है। चूंकि, एयरक्राफ्ट क्रैश होने के दौरान आग नहीं लगी थी, लिहाजा हादसे का शिकार हुए सभी लोगों के चेहरे पहचाने जा सकते हैं।