PM मोदी की ‘मन की बात’: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 127वें एपिसोड में देशवासियों को त्योहारों की खुशियाँ और राष्ट्रीय उपलब्धियाँ गिनाईं। अक्टूबर के आखिरी रविवार को प्रसारित हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने छठ महापर्व की शुभकामनाओं के साथ की, जिसे उन्होंने “भारतीय सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण” बताया। अपनी चिरपरिचित चाय से हटकर, पीएम मोदी ने इस बार भारतीय कॉफी की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता पर चर्चा की और विशेष रूप से ओडिशा की कोरापुट कॉफी की तारीफ की। उन्होंने ‘GST बचत उत्सव’ के दौरान स्वदेशी वस्तुओं की रिकॉर्ड खरीददारी पर संतोष व्यक्त किया और पर्यावरण बचाने वाले नायकों की कहानियाँ साझा कीं।
मुख्य विषय और राष्ट्रीय प्रगति के महत्वपूर्ण बिंदु
127वें एपिसोड में सामाजिक एकता, आर्थिक आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया:
- छठ महापर्व: सामाजिक समरसता का प्रतीक
- भारतीय कॉफी की विविधता और वैश्विक मांग
- त्योहारों में स्वदेशी वस्तुओं की खरीद में वृद्धि
- माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता
- धोलेरा में मैंग्रोव इकोसिस्टम का पुनरुद्धार
- वंदे मातरम के 150वें वर्ष का उत्सव
- भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपनाने की अपील
छठ महापर्व: संस्कृति, प्रकृति और समाज की गहरी एकता
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत दीपावली के बाद मनाए जा रहे छठ महापर्व से की। उन्होंने विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के लोगों को शुभकामनाएँ दीं, और घरों में बन रहे ठेकुआ तथा सजे हुए घाटों का ज़िक्र किया।
- उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं का समर्पण और निष्ठा अत्यंत प्रेरणादायक है।
- PM ने इसे संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतिबिंब बताया।
- उन्होंने अपील की कि देश-दुनिया में जहाँ कहीं भी मौका मिले, सभी लोग एक बार छठ उत्सव में जरूर शामिल हों।
चाय से नाता, पर चर्चा कॉफी पर: भारतीय कॉफी की बढ़ती धाक
प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि सब उनके चाय से जुड़ाव के बारे में जानते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कॉफी पर चर्चा करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि ओडिशा की कोरापुट कॉफी का स्वाद लाजवाब है और इसकी खेती से लोगों को फायदा हो रहा है।
PM ने भारतीय कॉफी उत्पादक क्षेत्रों की विविधता पर प्रकाश डाला:
- कर्नाटक: चिकमंगलूर, कुर्ग और हसन।
- तमिलनाडु: पुलनी, शेवरॉय, नीलगिरी और अन्नामलाई क्षेत्र।
- केरल: वायनाड, त्रावणकोर और मालाबार क्षेत्र।
- कर्नाटक-तमिलनाडु सीमा पर स्थित बिलिगिरी क्षेत्र।
- उन्होंने यह भी बताया कि हमारा पूर्वोत्तर भी कॉफी की खेती में प्रगति कर रहा है।
स्वदेशी को बढ़ावा और राष्ट्रीय अभियानों की सफलता

प्रधानमंत्री ने बताया कि उनके पिछले आह्वानों पर लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है:
- GST बचत उत्सव: उन्होंने कहा कि इस बार त्योहारों के दौरान GST बचत उत्सव को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखा, जिसके कारण बाजारों में स्वदेशी वस्तुओं की खरीद में जबरदस्त वृद्धि हुई है।
- खाद्य तेल की खपत: PM ने कहा कि खाद्य तेल की खपत में 10% की कमी करने के उनके आग्रह को भी लोगों ने काफी सकारात्मक रूप से लिया है।
- ऑपरेशन सिंदूर: PM ने इस मिशन को हर भारतीय के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि इस बार माओवादी आतंक से प्रभावित रहने वाले इलाकों में भी खुशी के दीये जलाए गए, जिससे यह संकेत मिलता है कि लोग आतंक का पूरी तरह खात्मा चाहते हैं।
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पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक पहल
संबोधन में पर्यावरण और नवाचार के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सराहना की गई:
- इंजीनियर कपिल शर्मा का योगदान: PM मोदी ने बेंगलुरु के इंजीनियर कपिल शर्मा की तारीफ की, जिन्होंने निगमों और स्थानीय लोगों को शामिल करके बेंगलुरु और आसपास के इलाकों में 40 कुओं और 6 झीलों का कायाकल्प किया है।
- मैंग्रोव का प्रभाव: उन्होंने लोगों से समुद्र तटों पर ज़्यादा से ज़्यादा मैंग्रोव लगाने की अपील की, क्योंकि ये सुनामी जैसी आपदाओं से बचाते हैं। उन्होंने अहमदाबाद के धोलेरा तट का उदाहरण दिया, जहाँ साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में मैंग्रोव लगाए जाने से डॉल्फ़िन, केकड़ों और अन्य जलीय जीवों की संख्या बढ़ गई है, जिससे मछली पालकों को भी लाभ हो रहा है।
- गार्बेज कैफे, अंबिकापुर: PM ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में चल रहे गार्बेज कैफे की अनूठी पहल का ज़िक्र किया, जहाँ प्लास्टिक कचरे के बदले लोगों को भरपेट खाना परोसा जाता है।
एकता, विरासत और स्थानीय गौरव का आह्वान
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय प्रतीकों और सुरक्षा से जुड़े विषयों पर भी अपील की:
- वंदे मातरम के 150 वर्ष: PM ने बताया कि 7 नवंबर को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की रचना के 150वें वर्ष का उत्सव शुरू होने वाला है। उन्होंने याद दिलाया कि इसे पहली बार 1896 में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने गाया था, और लोगों से इससे जुड़े कार्यक्रमों में पूरे मन से भाग लेने का आग्रह किया।
- सरदार पटेल और रन फॉर यूनिटी: PM मोदी ने सरदार पटेल को आधुनिक काल की महान विभूतियों में से एक बताया। उन्होंने लोगों से 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर देशभर में होने वाली ‘रन फॉर यूनिटी’ में शामिल होने की अपील की।
- भारतीय नस्ल के कुत्ते: उन्होंने लगभग पाँच साल पहले किए गए अपने आह्वान को दोहराते हुए कहा कि भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपनाना चाहिए, क्योंकि वे हमारे परिवेश और परिस्थितियों में आसानी से ढल जाते हैं। उन्होंने बताया कि BSF और CRPF जैसी सुरक्षा एजेंसियों ने भी इन्हें अपने दस्तों में शामिल किया है।
राष्ट्रीय संकल्पों की राह: स्वदेशी से एकता तक
‘मन की बात’ का यह 127वाँ एपिसोड सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उद्यम के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर केंद्रित रहा। छठ जैसे पर्वों को सामाजिक एकता का प्रतीक बताने से लेकर कोरापुट कॉफी और धोलेरा मैंग्रोव परियोजना की सफलता की कहानियों को सामने लाकर, प्रधानमंत्री ने यह दर्शाया कि कैसे इंजीनियर कपिल शर्मा के प्रयास या अंबिकापुर के गार्बेज कैफे जैसी स्थानीय पहलें भी राष्ट्रीय उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। यह संबोधन आत्मनिर्भरता और एकजुट भारत की भावना को मजबूत करता है।
FAQs on PM Modi’s Mann Ki Baat 127th Episode
1. PM मोदी ने ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में किस स्थानीय कॉफी का ज़िक्र किया?
पीएम मोदी ने ओडिशा की विशेष कोरापुट कॉफी की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि इसका स्वाद लाजवाब है और इसकी खेती से स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से फ़ायदा हो रहा है।
2. प्रधानमंत्री ने छठ महापर्व को भारतीय समाज के लिए किस प्रकार परिभाषित किया?
प्रधानमंत्री ने छठ महापर्व को संस्कृति, प्रकृति और समाज की गहरी एकता का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि छठ घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है, जो सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है।
3. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने क्या महत्वपूर्ण बात कही?
पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इसकी सफलता के कारण इस बार माओवादी आतंक से प्रभावित रहने वाले इलाकों में भी खुशी के दीये जलाए गए हैं।
4. पीएम मोदी ने किन पहल का ज़िक्र करते हुए कहा कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीददारी बढ़ी है?
पीएम ने GST बचत उत्सव का ज़िक्र किया।1 उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान लोगों में इस उत्सव को लेकर उत्साह था, जिसके परिणामस्वरूप स्वदेशी वस्तुओं की खरीद में जबरदस्त वृद्धि हुई।
5. वंदे मातरम की रचना के कितने वर्ष पूरे होने पर उत्सव मनाया जा रहा है और कब?
7 नवंबर से राष्ट्रगीत वंदे मातरम की रचना के 150वें वर्ष का उत्सव शुरू होगा।2 पीएम मोदी ने लोगों से इस गीत की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इस आयोजन में भाग लेने की अपील की है।