वाराणसी, 11 अप्रैल 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास की एक नई इबारत लिखी। अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने कुल 3880 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन योजनाओं में सड़क, जल आपूर्ति, विद्युत, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला भी बोला।
प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी दौरा: मुख्य बिंदु
- काशी में विकास का उत्सव: पीएम मोदी का ऐतिहासिक स्वागत और संकल्प
- काशी में विकास की नई उड़ान: 44 परियोजनाओं से बदलेंगे बुनियादी हालात
- गंगा घाटों का नवसंवर: वाराणसी में सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को नया आयाम
- वाराणसी के नगर निगम क्षेत्रों में समुचित विकास की नई पहल
- वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की महत्वपूर्ण पहल
- काशी बनी स्वास्थ्य राजधानी, विपक्ष पर मोदी का निशाना
- भारत में ओलंपिक 2036: पीएम मोदी का विज़न और ऐतिहासिक घोषणा
- गैंगरेप मामले में फूटा प्रधानमंत्री का गुस्सा: अफसरों को दिए कड़े निर्देश
- काशी: भारत की विविधता और विकास का प्रतीक
- वाराणसी दौरा: पीएम मोदी की विकास यात्रा और राष्ट्रवादी एजेंडे की स्पष्ट झलक
- विकास और आध्यात्मिक जागृति की एक नई सुबह
पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत, विकास यात्रा की नई कड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जैसे ही वाराणसी पहुंचे, उनका भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे से लेकर आयोजन स्थल तक भारी संख्या में लोग उमड़े। पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “काशी मेरे लिए केवल एक संसदीय क्षेत्र नहीं है, यह मेरी आत्मा है। आज का दिन इस पवित्र धरती पर विकास की नई गाथा लिखने का है।”
3880 करोड़ की 44 परियोजनाएं: ग्रामीण विकास से लेकर आधुनिक बुनियादी ढांचे तक
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया उनमें से प्रमुख हैं:
- 130 ग्रामीण पेयजल परियोजनाएं – जल जीवन मिशन के तहत इन योजनाओं से सैकड़ों गांवों को लाभ मिलेगा। कुल लागत लगभग ₹345 करोड़।
- 100 नए आंगनबाड़ी केंद्र – पोषण और बाल विकास के लिए एक बड़ा कदम।
- 356 पुस्तकालयों की स्थापना– शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल।
- पिंडरा में पॉलिटेक्निक कॉलेज और एक राजकीय डिग्री कॉलेज– ‘तकनीकी और उच्च शिक्षा के नए केंद्र।’
- भिखारिपुर और मंडुआडीह में फ्लाईओवर, ‘NH-31 पर अंडरपास टनल’, ‘वाराणसी रिंग रोड से सारनाथ तक रोड ब्रिज’ – ₹980 करोड़ की लागत से सड़क संपर्क और यातायात सुविधा को मिलेगा नया रूप।
- 400 KV और 220 KV के विद्युत सबस्टेशनों का उद्घाटन – ₹1,045 करोड़ की लागत से जौनपुर, चंदौली और गाजीपुर में विद्युत व्यवस्था में सुधार।
- वाराणसी शहर की बिजली वितरण प्रणाली का उन्नयन– ₹775 करोड़ की लागत से नगरीय विद्युत व्यवस्था होगी सशक्त।
- पुलिस लाइन में ट्रांजिट हॉस्टल, PAC रामनगर में बैरक, नवीन थानों के प्रशासनिक भवन – सुरक्षा बलों के लिए बेहतर सुविधाएं।
गंगा घाटों का पुनर्विकास: संस्कृति और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने सामने घाट और शास्त्री घाट के पुनर्विकास का उद्घाटन किया, जिसमें घाटों की सौंदर्यीकरण, लाइटिंग, शौचालय, बैठने की सुविधा और मूर्तियों की स्थापना की गई है। यह पहल न केवल स्थानीय लोगों के लिए लाभकारी होगी बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा देगी।
नगर निगम क्षेत्रों का उन्नयन
प्रधानमंत्री ने वाराणसी के छह नगर निगम वार्डों के समुचित विकास की योजनाओं की भी घोषणा की। इन क्षेत्रों में सड़क निर्माण, जल निकासी, कचरा प्रबंधन और हरे-भरे पार्कों का निर्माण किया जाएगा।
वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड का वितरण
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को “आयुष्मान वय वंदना कार्ड” प्रदान किए। यह कार्ड उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
विपक्ष पर तीखा हमला: ‘परिवारवाद बनाम राष्ट्रवाद’ की बहस
जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा, “जो लोग दिन-रात सत्ता की राजनीति करते हैं, उनका लक्ष्य केवल अपने परिवार का विकास होता है, न कि देश का। उनका मंत्र है – ‘परिवार का साथ, परिवार का विकास’, जबकि हमारा मार्गदर्शन मंत्र है – ‘सबका साथ, सबका विकास’।”
उन्होंने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में कभी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं थीं, आज वही क्षेत्र आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र बन रहे हैं। “काशी अब स्वास्थ्य राजधानी बन रही है, यह पूर्वांचल की प्रगति का प्रतीक है।”
2036 ओलंपिक भारत में लाने की तैयारी: पीएम का बड़ा ऐलान
पीएम मोदी ने खेलों के क्षेत्र में भी एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है कि 2036 के ओलंपिक खेल भारत में आयोजित हो। इसके लिए सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है। यह भारत की वैश्विक पहचान को नई ऊंचाई देगा।”
महिला सुरक्षा पर सख्त रुख: गैंगरेप मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश
प्रधानमंत्री की वाराणसी यात्रा का एक गंभीर पहलू भी रहा। जैसे ही वे शहर पहुंचे, उन्हें एक युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने पुलिस आयुक्त, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से विस्तृत जानकारी ली और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे जघन्य अपराधों को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रभावी और ठोस कदम उठाए जाएं।”
काशी: विरासत और विकास का संगम
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा, “भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है और काशी उसका सबसे सुंदर चित्र है। आज भारत विकास और विरासत – दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है और काशी उसका सर्वश्रेष्ठ मॉडल बन रहा है।”
निष्कर्ष: विकास और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बना पीएम मोदी का वाराणसी दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी दौरा न केवल अनेक विकास परियोजनाओं की शुरुआत का प्रतीक बना, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी लेकर आया – परिवारवाद बनाम जनहित, और राष्ट्रवाद की प्राथमिकता। महिला सुरक्षा पर उनके सख्त रुख ने जनता को भरोसा दिलाया कि सरकार संवेदनशील है और न्याय में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। कुल मिलाकर, यह दौरा काशी को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक और बड़ा कदम सिद्ध हुआ।
विकास की धारा में आध्यात्मिक जागृति: संत रामपाल जी महाराज का वैश्विक जनकल्याणकारी योगदान
प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी दौरा जहाँ भौतिक विकास की एक नई इबारत प्रस्तुत करता है, वहीं संत रामपाल जी महाराज का कार्य मानवता के आध्यात्मिक और नैतिक उत्थान की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। जैसे सरकारें बुनियादी सुविधाओं के विकास में लगी हैं, वैसे ही संत रामपाल जी महाराज समाज को वास्तविक ज्ञान, नैतिकता और आत्मिक शांति की राह दिखा रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज ने सद्ग्रंथों पर आधारित ज्ञान द्वारा न केवल अंधविश्वासों और पाखंडों को तोड़ा, बल्कि एक ऐसा समाज निर्मित किया जो जात-पात, नशा, हिंसा, दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों से मुक्त है। उन्होंने सच्चे भक्ति मार्ग को सरल और वैज्ञानिक रूप में प्रस्तुत कर समस्त मानवजाति को एक ईश्वर—कबीर परमेश्वर—की सच्ची भक्ति से जोड़ने का अभियान चलाया है।
उनके द्वारा संचालित नि:शुल्क रक्तदान, नेत्र शिविर, पौधारोपण, आपदा राहत और गरीबों के उत्थान के कार्य यह प्रमाणित करते हैं कि आध्यात्मिकता केवल साधना नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की सेवा है। वास्तव में, संत रामपाल जी महाराज का संदेश वैश्विक जनकल्याण, शाश्वत शांति और मोक्ष का मार्ग है। संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक तत्वज्ञान और शिक्षाओं को गहराई से जानने के अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा या विज़िट करें www.jagatgururampalji.org