पुष्कर मेला 2025: राजस्थान की संस्कृति, आस्था और रोमांच का अद्भुत संगम 22 अक्टूबर से शुरू

पुष्कर मेला 2025 राजस्थान की संस्कृति, आस्था और रोमांच का अद्भुत संगम 22 अक्टूबर से शुरू

राजस्थान का विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला 2025 22 अक्टूबर से विधिवत रूप से शुरू हो चुका है। यह मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यटन और राजस्थान की ग्रामीण जीवनशैली, लोक संस्कृति और परंपराओं को देखने का अद्भुत अवसर भी प्रदान करता है। मेले का औपचारिक उद्घाटन 30 अक्टूबर को झंडारोहण के साथ किया जाएगा, जिसके बाद विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ शुरू होंगी। विदेशी और देशी पर्यटकों की भीड़, ऊंट और घोड़ों की रुणझुण, वीर तेजाजी की विशाल सैंड आर्ट, और BSF का रोमांचक कैमल और हॉर्स शो मेले की रौनक को बढ़ा रहे हैं।

Table of Contents

पुष्कर मेला 2025 : प्रमुख आकर्षण 

  • पुष्कर मेला 2025 का प्रारंभ – 22 अक्टूबर 2025 से शुरू, 7 नवंबर तक चलेगा।
  • औपचारिक उद्घाटन – 30 अक्टूबर को ध्वजारोहण और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ।
  • पशु मेला – अब तक 207 पशु पहुंचे, जिसमें 196 ऊंट, 10 घोड़े और 1 बैल शामिल हैं।
  • सैंड आर्ट आकर्षण – वीर तेजाजी की 51 फीट ऊँची, 60 फीट चौड़ी प्रतिमा, अजय रावत द्वारा तैयार।
  • BSF का कैमल और हॉर्स शो – पहली बार मेले में रोमांचक स्टंट।
  • सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रम – मिस्टर और मिस राजस्थान प्रतियोगिता, लोक नृत्य और संगीत।
  • सुरक्षा और डिजिटल व्यवस्था – 2000 से अधिक पुलिसकर्मी, CCTV, वन-वे ट्रैफिक और लाइव गूगल मैप अपडेट।
  • पशु चौकियाँ और डिजिटल रिकॉर्डिंग – ऊंट, गाय, भैंस और घोड़ों का रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य परीक्षण और टैगिंग।

पुष्कर मेला 2025 में पशु मेला और प्रतियोगिताएँ

पुष्कर मेला का पशु मेला इसके सबसे रोमांचक हिस्सों में से एक है। इस बार 24 अक्टूबर से मेले के सभी प्रवेश मार्गों पर पशु चौकियों की स्थापना की जाएगी, जहां प्रमुख पशुओं का रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य परीक्षण और टैगिंग की जाएगी। डिजिटल रिकॉर्डिंग प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक पशु का डेटा सुरक्षित किया जाएगा।

प्रतियोगिताओं का शेड्यूल:

  • 2 नवंबर: दुग्ध प्रतियोगिता
  • 3 नवंबर: अश्व वंश नल प्रतियोगिता (सुबह 9 बजे), गोवंश नल प्रतियोगिता (सुबह 10 बजे), गिर गोवंश नल प्रतियोगिता (दोपहर 2 बजे)
  • 4 नवंबर: ऊंट सजाओ प्रतियोगिता (दोपहर 12 बजे), नागौरी बैल प्रतियोगिता (दोपहर 2 बजे)

पशुपालकों की सुविधा के लिए 417 ऑनलाइन प्लॉट्स आवंटित किए गए हैं और विभागीय टीमें 24 घंटे ड्यूटी पर रहेंगी।

पुष्कर मेला 2025 : सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम

  • पुष्कर मेला सिर्फ व्यापार और पशु मेला नहीं है, बल्कि राजस्थान की लोक संस्कृति, कला और परंपराओं का भी जीवंत प्रदर्शन है।
  • मेले में ऊंट और घोड़ों की रुणझुण, रंग-बिरंगे पारंपरिक बाजार और विदेशी पर्यटक शामिल हैं।
  • सैंड आर्टिस्ट अजय रावत की विशाल सैंड आर्ट और वीर तेजाजी की प्रतिमा पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।
  • इस साल मिस्टर और मिस राजस्थान प्रतियोगिता आयोजित की गई है।
  • लोकप्रिय कलाकार रूपकुमार और सोनाली राठौड़ अपनी प्रस्तुति देंगे।

पुष्कर मेला 2025 : सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्थाएँ

पूरे मेले में 2000 से अधिक पुलिसकर्मी और सिविल डिफेंस टीमें तैनात हैं।

  • 52 घाटों पर लाल झंडियाँ, दीपदान, विद्युत रोशनी और सुरक्षा व्यवस्था।
  • वन-वे ट्रैफिक 1–5 नवंबर तक लागू, लाइव गूगल मैप अपडेट और फ्लैक्स-बैनर से मार्गदर्शन।
  • यह व्यवस्था पर्यटकों को ट्रैफिक जाम, डायवर्जन और वैकल्पिक मार्गों की सटीक जानकारी प्रदान करती है।

पुष्कर मेला: राजस्थान की संस्कृति और पर्यटन का प्रतीक

पुष्कर मेला केवल एक धार्मिक और व्यापारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान, लोक कला और ग्रामीण जीवनशैली का अद्भुत संगम है। ऊंट नृत्य, लोकनृत्य, पारंपरिक बाजार और सैंड आर्ट जैसी गतिविधियाँ मेले को और भी रोमांचक बनाती हैं। विदेशी पर्यटक भी इन आयोजनों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं।

पुष्कर मेला 2025 राजस्थान की संस्कृति, आस्था और रोमांच का अद्भुत संगम 22 अक्टूबर से शुरू

पुष्कर मेला 2025 : आस्था, उत्सव और रंग-बिरंगी रौनक

पुष्कर मेला 2025 न केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह राजस्थान और पूरे भारत की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रूप में प्रदर्शित करता है। यह मेला ग्रामीण जीवन, पशुपालन और लोक कला को देखने और अनुभव करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। 22 अक्टूबर से शुरू होकर 7 नवंबर तक चलने वाला यह मेला हर साल की तरह इस बार भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देगा।

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आध्यात्मिक दृष्टि: तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का अद्भुत ज्ञान

पुष्कर मेला केवल आस्था, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमें सच्चे परमात्मा की ओर ले जाने वाला मार्ग भी दिखाता है। कबीर साहिब जी कहते हैं:

“मेले ठेले जाइए, मेले बड़ा मिलाप ।

पत्थर पानी पूजते कोई, साधु संत मिल जात।”

इसका अर्थ है कि हमें मेले में जाना चाहिए, क्योंकि वहां जाने पर हमें पूर्ण परमात्मा का ज्ञान मिल सकता है। हमें तत्वदर्शी संत की लिखित पवित्र पुस्तकें ज्ञान गंगा , जीने की राह और गीता तेरा ज्ञान अमृत  मिल सकती हैं जिनको पढ़कर हमारा कल्याण सम्भव है।

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग को सुनकर और इन पुस्तकों का अध्ययन करके हम 84 लाख जन्मों के बंधनों से हमेशा के लिए मुक्त हो सकते हैं और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के निजधाम सतलोक पहुँच सकते हैं, जहां कभी जन्म और मृत्यु नहीं होता। अधिक जानकारी और सत्संग के लिए आप www.jagatgururampalji.org पर जा सकते हैं या YouTube चैनल Sant Rampal Ji Maharaj को subscribe कर सकते हैं।

FAQs on Pushkar Mela 2025

Q1: पुष्कर मेला 2025 कब से शुरू हुआ और कब तक चलेगा?

पुष्कर मेला 2025 22 अक्टूबर से शुरू होकर 7 नवंबर 2025 तक चलेगा।

Q2: पुष्कर मेला 2025 का औपचारिक उद्घाटन कब होगा?

मेले का औपचारिक उद्घाटन 30 अक्टूबर 2025 को ध्वजारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ होगा।

Q3: पुष्कर मेला 2025 में अब तक कितने पशु पहुंचे हैं?

अब तक 207 पशु पहुंचे हैं, जिसमें 196 ऊंट, 10 घोड़े और 1 बैल शामिल हैं।

Q4: पुष्कर मेला 2025 में कौन-कौन से आकर्षण और प्रतियोगिताएँ हैं?

आकर्षण में वीर तेजाजी सैंड आर्ट, BSF कैमल और हॉर्स शो, लोक नृत्य, मिस्टर और मिस राजस्थान प्रतियोगिता शामिल हैं।

Q5: पुष्कर मेला 2025 में सुरक्षा और व्यवस्थाएँ कैसी हैं?

2000+ पुलिसकर्मी, CCTV, वन-वे ट्रैफिक, लाइव गूगल मैप अपडेट और घाटों पर सिविल डिफेंस तैनात हैं।

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