Russia Corona Vaccine Hindi News: कोरोनावायरस के बढ़ते कहर के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। रूस की यूनिवर्सिटी ने कोरोना वैक्सीन का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है, हालांकि वैज्ञानिकों ने 2021 तक वैक्सीन बनने का अनुमान जताया था।
पिछले 5 महीने से पूरी दुनिया को तबाही का मंजर दिखा रहा है कोरोना वायरस
बात करें रुस की तो पिछले 24 घंटों में कोविड – 19 संक्रमण के 6615 मामले सामने आए हैं। कोरोना वायरस रिस्पांस सेंटर के मुताबिक 83 क्षेत्रों से नए मामले आए हैं। खास बात ये रही कि इनमें 1491 मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। इन मामलों के साथ देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 7,27,162 हो गई है। दुनिया भर में कोरोना महामारी से प्रभावित देशों की सूची में रूस चौथे पायदान पर हैं। कोरोना महामारी से अब तक 11,188 लोगों की हो चुकी है मौत।
दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन का सफल परीक्षण कर चुका है रुस।
कोविड-19 वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है जी हां दोस्तों दुनिया में 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अब रूस ने इस महामारी की दवा खोज ली है। रूस के सेचेनोव विश्वविद्यालय ने ये दावा किया है कि कोविड-19 के लिए हमने वैक्सीन तैयार कर ली है।
Russia Corona Vaccine Hindi: इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव ने कहा कि सेचेनोव विश्वविद्यालय ने दुनिया की पहली कोविड-19 (कोरोना वायरस) वैक्सीन तैयार कर ली है, और इसके सभी ट्रायल भी सफल रहे हैं। बता दें कि भारत मैं भी कई कंपनियों ने कोविड-19 वैक्सीन तैयार कर ली है, जिनमें Zydus Cadila, Panacea Biotech, Serum Institute of India शामिल हैं। Zydus और Serum ने ह्यूमन ट्रायल के लिए केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन को आवेदन किया है।
सफल हुआ कोरोना वैक्सीन का परीक्षण
रूस की सेचेनोव यूनिवर्सिटी में रविवार 13 जुलाई को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी वुतिम तारासोव संस्थान के निदेशक ने बताया कि जिन लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया है, उनमें से पहले समूह को बुधवार 15 जुलाई को तथा दूसरे समूह को सोमवार 20 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने स्वयंसेवियों पर कोरोना वैक्सीन का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है। रूस के ‘द गैमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी’ द्वारा विकसित की गई वैक्सीन के चिकित्सकीय परीक्षण की शुरुआत 18 जून से शुरू हो गई थी।
सेचेनोफ़ यूनिवर्सिटी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी एलेक्ज़ांडर लुकाशेव ने बताया कि, वैक्सीन ट्रायल के इस चरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि वैक्सीन इंसानों के लिए सुरक्षित है या नहीं। जो कि ट्रायल में सफल पाया गया। दुनिया भर के वैज्ञानिक और हेल्थकेयर से जुड़े अन्य संस्थान कोरोना वैक्सीन के उत्पादन और उसके डवलपमेंट को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिशें कर रहे हैं। लुकाशेव ने कहा है कि वैक्सीन के व्यापक उत्पादन के लिए आगे क्या-क्या तैयारियाँ करनी हैं, इसकी रणनीति तय की जा रही है.
भारत में 15 अगस्त को लॉन्च हो सकती है, कोविड-19 वैक्सीन
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) और भारत बायोटेक ने मिलकर कोरोना वैक्सीन तैयार की है, जिसके 15 अगस्त तक भारत में लॉन्च होने की संभावना है, हालांकि अभी तक इसका ट्रायल पूरा नहीं हुआ है।
वदिम तरासोव के मुताबिक, एक महामारी की स्थिति में सेचेनोव विश्वविद्यालय ने न केवल एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में काम किया है बल्कि एक वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान केंद्र के रूप में भी काम करके दिखाया है, जो ड्रग्स जैसे महत्वपूर्ण और जटिल उत्पादों का निर्माण करने में भी सक्षम है। अमेरिका की एक कंपनी मॉडर्ना ने भी जल्द ही कोरोना वैक्सीन का निर्माण करने का दावा किया है।
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