New Indian Army chief : केंद्र सरकार ने सोमवार को भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Manoj Pande) को भारतीय सेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया है. वह 30 अप्रैल को कार्यभार संभालेंगे. अब पूरे देश के लोगों के मन में मनोज पांडे को लेकर सवाल हैं. तो आइए जानते हैं कि आखिर मनोज पांडे के से जुड़ी कुछ खास बातें…
कौन हैं नए सेना प्रमुख मनोज पांडे (Manoj Pande) ?
नेशनल डिफेंस एकेडमी के 1982 बैच से पासआउट मनोज पांडे इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले पहले आर्मी चीफ हैं। पांडे ने जम्मू-कश्मीर के LOC पल्लनवाला में चलने वाले ऑपरेशन पराक्रम को लीड किया है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में 2001 में संसद हमले के बाद चलाया गया था, जिसमें आतंकियों के हथियार सप्लाई के नेक्सस का खुलासा किया गया था। इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे।
कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी
ले. जनरल पांडे सेना प्रमुख बनने वाले कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे। इस पद पर अब तक इन्फैंट्री, आर्मर्ड और आर्टिलरी अधिकारियों का कब्जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल पांडे, जो पूर्वी सेना कमांडर रहे हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ प्रौद्योगिकी के अधिक एकीकरण के प्रमुख समर्थकों में से एक हैं। वह अपने साथ सेना प्रमुख की कुर्सी पर ऑपरेशनल और रसद दोनों अनुभव लाएंगे।
Manoj Pande New Army Chief of Indian Army | एनडीए से हुई शुरुआत
शुरुआती स्कूलिंग के बाद ले. जनरल मनोज पांडे ने नेशनल डिफेंस अकेडमी ज्वाइन की। एनडीए के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी जॉइन की और बतौर अफसर कमीशन लिया। उन्होंने 3 मई 1987 को सरकारी डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर से शादी की।
एक संयोग यह भी
इस बीच संयोग की बात यह है कि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों सेना प्रमुख खडकवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 61वें बैच से होंगे। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार और एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी भी उसी एनडीए कोर्स से हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे जहां लीमा स्क्वाड्रन से हैं, वहीं दो अन्य प्रमुख एनडीए के जूलियट स्क्वाड्रन से हैं।
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अधिकारियों ने कहा कि तीनों प्रमुखों के साथ होने से तीनों सेवाओं के बीच संयुक्तता को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और यह बहुत महत्वपूर्ण होगा जब तीनों सेवाएं एकीकृत थिएटर कमांड के निर्माण की दिशा में काम कर रही हों।
Manoj Pande New Army Chief | शानदार सेवा के लिए हो चुके हैं सम्मानित
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे का परिवार नागपुर से है। शुरुआती स्कूल की पढ़ाई के बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी जॉइन किया। NDA के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी जॉइन की। 3 मई 1987 को डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर से शादी की। उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है।
117 इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली
अपने विशिष्ट करियर में उन्होंने पारंपरिक और साथ ही सभी प्रकार के इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में कई प्रतिष्ठित कमांड और स्टाफ असाइनमेंट किए हैं। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के साथ 117 इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली, पश्चिमी क्षेत्र में एक इंजीनियर ब्रिगेड, नियंत्रण रेखा के साथ एक पैदल सेना ब्रिगेड और पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली।
नियंत्रण रेखा के पास इंफ्रैंट्री ब्रिगेड का भी हिस्सा रहे
मनोज पांडे ने ब्रिटेन के कैम्बर्ली के स्टॉफ कॉलेज से स्ननातक की पढ़ाई की। इसके अलावा इन्होंने हाई कमान (एचसी) एवं नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) का कोर्स भी किया है। अपने 39 साल के अब तक के सेवाकाल में जनरल पांडे ने कई चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों एवं सामरिक रूप से अहम जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
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वेस्टर्न थियेटर में इनके पास इंजीनियर ब्रिगेड की कमान थी। मनोज पांडे स्ट्राइक कोर और नियंत्रण रेखा के पास इंफ्रैंट्री ब्रिगेड का भी हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा वह नार्थ इस्ट में माउंटेबन ब्रिगेड के अधिकारी, मिलिट्री सेकरेट्री ब्रांच में एएमएस, माउंटेन डिवीजन में कर्नल क्यू और पूर्वी कमान हेडक्वार्टर में ऑपरेशंस के जनरल स्टॉफ रह चुके हैं।
अंडमान निकोबार कमांड के थे कमांडर-इन-चीफ
जनरल पांडे इथोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य इंजीनियर के रूप में भी कार्य किया है. वह जून 2020 से मई 2021 तक अंडमान निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ थे. उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है.
मुश्किल मिशनों को अंजाम देने के साथ तकनीक के जानकार
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे के बारे में कहा जाता है कि वह तकनीक के खासे जानकार हैं और वॉर और शस्त्रों से जुड़ी तकनीक में उनकी दिलचस्पी हैं. उन्होंने अपने 37 साल के कार्यकाल में कई मुश्किल मिशन को अंजाम दे चुके हैं.
सबसे सीनियर हैं मनोज पांडे
पिछले तीन महीने कई शीर्ष ऑफिसर रिटायर हुए हैं. इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल पांडे सबसे सीनियर ऑफिसर हैं. इसलिए उन्हें सेना का प्रमुख नियुक्त किया गया है. बताया जा रहा है कि रिटायर हो रहे जनरल नरवणे चीफ जनरल बिपिन रावत के बाद देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन सकते हैं.