कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देते ही AAP और BJP में खलबली सी मच गई है। गहलोत ने AAP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी को इस्तीफा दिया था। जिसके बाद सीएम आतिशी ने गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था। गहलोत ने अब BJP की सदस्यता ले ली हैं और BJP ने उनको बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
Kailash Gahlot Resigns पर मुख्य बिंदु:
- 17 नवंबर को गहलोत ने छोड़ी थी आम आदमी पार्टी, 18 नवंबर को भाजपा में हुए थे शामिल।
- छः दिन पहले AAP छोड़कर आए कैलाश गहलोत को बीजेपी ने सौंपी चुनाव से जुड़ी जिम्मेदारी।
- अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में गहलोत ने भी लिया था हिस्सा।
- AAP छोड़ने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा – “पार्टी छोड़ना आसान नहीं था। यह फैसला मैंने एक रात में नहीं लिया। मैंने किसी के दबाव में आकर यह फैसला नहीं लिया। 2015 से मेरे राजनीतिक जीवन में मैंने कभी किसी के दबाव में कुछ काम नहीं किया।”
BJP में कैलाश गहलोत को मिली बहुत बड़ी जिम्मेदारी
हाल ही में आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 18 नवंबर को कैलाश गहलोत ने भाजपा की सदस्यता ली है। महाराष्ट्र में BJP की जीत के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी दी है। दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कैलाश गहलोत को भाजपा की दिल्ली विधानसभा चुनाव समन्वय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। इसके अलावा उनको चुनाव के घोषणा पत्र बनाने वाली कमेटी में भी शामिल किया है। BJP ने दिल्ली चुनाव की तैयारी में गहलोत को मैदान में उतारा है। जिसके बाद गहलोत ने दावा किया कि “दिल्ली में भाजपा सरकार बनाने जा रही है।”
कौन हैं कैलाश गहलोत?
कैलाश गहलोत का जन्म 22 जुलाई 1974 को नई दिल्ली नजफगढ़ में गहलोत गोत्र में एक जाट परिवार के घर हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से पढ़ाई की और बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लॉ, मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त की है। कैलाश गहलोत ने साल 2015 में विधानसभा का पहला चुनाव जीता था, जिसके बाद दिल्ली सरकार से उनको बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। कैलाश गहलोत दिल्ली के नजफगढ़ विधानसभा से BJP के अजित सिंह खरखरी को हरा कर जीत हासिल कर वर्तमान विधायक हैं।
क्या कैलाश गहलोत फिर से नजफगढ़ से चुनाव लड़ेंगे?
कैलाश गहलोत ने कहा कि “कहां से चुनाव लड़ना है, ये पार्टी तय करेगी, जहां से टिकट मिलेगा वहां से चुनाव लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि “मेरा एक ही मकसद है। दिल्लीवासियों की सेवा करना।”
कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी क्यों छोड़ी?
कैलाश गहलोत ने कहा कि AAP छोड़ने का मुख्य कारण अरविन्द केजरीवाल को इस्तीफा के दौरान दिए चिट्ठी में लिख दिया है। उन्होंने यमुना की सफाई और शीश महल का मुद्दा उठाया और कहा कि लोगों के वादे पूरे नहीं किए गए जिसके चलते उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।
गहलोत पर ईडी और इनकम टैक्स के कई मामले चल रहे थे
AAP के सूत्रों के मुताबिक, कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्स के कई मामले चल रहे थे। साल 2018 में गहलोत आयकर विभाग की जांच के दायरे में भी आए थे। जिसके चलते कथित कर चोरी के मामले में उनसे जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी भी हुई थी। गहलोत पर ईडी और इनकम टैक्स की कई रेड भी हो चुकी थी। जांच का सामना नहीं कर पाने के कारण उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। AAP ने कहा “यह भाजपा का गंदा षड्यंत्र है। गहलोत के पास भाजपा में जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं था। BJP दिल्ली चुनाव ईडी और सीबीआई के बल पर जीतना चाहती है।”
FAQs about Kailash Gahlot Resigns
1. कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी कब छोड़ी?
कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी (AAP) अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे। उन्होंने 17 नवंबर को न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी है।
2. कैलाश गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी कब ज्वाइन की?
18 नवंबर को कैलाश गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है।
3. आम आदमी पार्टी में कैलाश गहलोत को कौन कौन से विभाग मिले थे?
आम आदमी पार्टी में कैलाश गहलोत परिवहन, कानून, न्याय और विधायी मामले, सूचना और प्रौद्योगिकी, प्रशासनिक सुधार जैसे बड़े विभाग की जिम्मेदारी मिली थी।
4. कैलाश गहलोत ने भाजपा में शामिल होने के बाद किस जिम्मेदारी को संभाला?
कैलाश गहलोत ने भाजपा में शामिल होने के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में बड़ी जिम्मेदारी ली है। उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव समन्वय समिति का सदस्य और चुनाव घोषणा पत्र बनाने वाली कमेटी में शामिल किया गया है।
5. कैलाश गहलोत के राजनीतिक करियर की शुरुआत कब हुई थी?
कैलाश गहलोत ने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत हासिल की थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी मिली, जैसे परिवहन, कानून, न्याय और विधायी मामलों के विभाग।