इजरायल में 12 साल बाद बेंजामिन नेतन्याहू के शासन का अंत हुआ और प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett in Hindi) ने पदभार ग्रहण किया एवं नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। नफ्ताली बेनेट, बेंजामिन नेतान्याहू के पूर्व सहयोगी भी रह चुके हैं। बेनेट की जीत और नेतन्याहू की हार को एक युग का अंत और नए युग की शुरुआत बताया जा रहा है।
New Israel PM Naftali Bennett: मुख्य बिंदु
- अंतर्राष्ट्रीय खबरों में सोमवार बतौर प्रधानमंत्री नफ्ताली का पहला दिन
- नफ्ताली बेनेट ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है
- 12 वर्षों की नेतन्याहू की सत्ता खत्म एवं एक नए युग की शुरुआत
- नफ्ताली बेनेट डिफेंस फोर्स की एलीट कमांडो यूनिट सायरेत मटकल एवं मगलन के कमांडो रह चुके हैं।
- बेनेट इजरायली राजनीति की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
- इजरायल की नई सरकार में दक्षिणपंथी, वामपंथी, मध्यमार्गी के साथ अरब समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली एक पार्टी भी है
- बेनेट यहूदी धर्म से वास्ता रखते हैं एवं दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता हैं
Naftali Bennett in Hindi: 12 वर्षों बाद हुआ इजरायल की सत्ता में बदलाव
12 वर्षों तक इजरायल पर राज करने वाले बेंजामिन नेतन्याहू काफी जद्दोजहद के बाद भी अपनी सत्ता को बचाने में असफल रहे। इजरायल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रविवार को इजरायली संसद “नेसेट” में बहुत कम बहुमत से बेनेट प्रधानमंत्री बने हैं। संसद में 59 वोटें विपक्ष में एवं 60 वोटें पक्ष में आईं तथा एक सदस्य अनुपस्थित रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि बेनेट की सरकार पर अस्थिरता बरकरार है। येश एतिद पार्टी के मिकी लेवी को संसद का स्पीकर चुना गया है जिनके पक्ष में 67 वोटों का मतदान हुआ।
Naftali Bennett in Hindi: रह चुके हैं कमांडो
इजरायल के नए प्रधानमंत्री बेनेट इजरायल की एलीट कमांडो यूनिट में सेवाएं दे चुके हैं। कमांडो के रूप में सेवा देने के बाद नफ्ताली कानून की पढ़ाई के किये हिब्रू यूनिवर्सिटी भी गए। बेनेट एक पूर्व उद्यमी हैं जिन्होंने टेक वर्ल्ड में काम किया है। बेनेट यामिना पार्टी से हैं एवं दक्षिणपंथी नेता के रूप में जाने जाते हैं। नफ्ताली बेनेट एक आधुनिक, धार्मिक एवं राष्ट्रवादी विचारधारा का व्यक्तित्व रखते हैं। 49 वर्षीय बेनेट ने नेतन्याहू की सरकार में दो वर्षों तक चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी सेवाएँ दी हैं। नेतन्याहू के समर्थकों ने बेनेट को गद्दार कहा है वहीं बेनेट दो वर्षों तक प्रधानमंत्री पद संभालने आये हैं जिसे वे आगे येर लापिद (Yair Lapid) को सौंपने को राजी हैं।
अब राजनेता के रूप में
13 जून को नफ्ताली बेनेट ने इजरायल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की और इसके साथ ही 12 सालों से प्रधानमंत्री पद पर काबिज नेतन्याहू का शासन खत्म हुआ। बेनेट को दक्षिणपंथी राजनेता के रूप में जाना जाता है। गौर करने वाली बात है कि नफ्ताली ने विपक्ष के नेता येर लापिद (Yair Lapid) से हाथ मिलाया। समझौते के मुताबिक प्रथम दो साल बेनेट प्रधानमंत्री होंगे व आने वाले दो वर्षों में येर प्रधानमंत्री होंगे। 8 पार्टियों की सरकार चलाना निश्चित रूप से बेनेट के लिए चुनौती पूर्ण है।
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बेनेट कट्टर यहूदी हैं तथा वे पहले प्रधानमंत्री हैं जो किप्पा (यहूदियों द्वारा पहनी जाने वाली धार्मिक टोपी) पहनते हैं। बेनेट को उनके विचारों के लिए ‘अति-राष्ट्रवादी’ माना जाता है। फिलिस्तीनी चरमपंथियों के खिलाफ बेनेट हमेशा सख्त रहे हैं। बेनेट के अनुसार इन्हें जीने का अधिकर नहीं है।
बढ़ सकती हैं फिलिस्तीनियों की मुसीबतें
बेनेट के प्रधानमंत्री बनने से फिलिस्तीनियों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं क्योंकि बेनेट फिलिस्तीन की स्वतंत्रता के विरोधी हैं। इजरायल-फिलिस्तीन विवाद में नफ्ताली समाधान में विश्वास नहीं रखते बल्कि खुल कर वेस्ट बैंक को इजरायल में विलय करने के लिए कहते हैं। इजरायल की नई सरकार में 27 मंत्री हैं जिनमें नौ महिलाएँ हैं। सरकार के गठन के लिए अलग अलग विचारधारा के दलों ने गठबंधन किया है। 2018 में गाजा में विरोध प्रदर्शन के दौरान नफ्ताली ने कहा था कि इजरायली सेना को “शूट टू किल” की नीति अपनानी चाहिए। बच्चों पर कार्यवाही के विषय में भी बेनेट सख्त रहे तथा उन्हें आतंकवादी कहा। हालांकि स्वयं नफ्ताली और लापिद इस विषय पर एक दूसरे के विरोधी रहे हैं। यह और बात है कि समझौता होने के बाद वे एक दूसरे को दोस्त बता रहे हैं।
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New Israel PM Naftali Bennett: नई सरकार के सामने हैं चुनौतियाँ
नफ्ताली प्रधानमंत्री बनने के बाद गठबंधन में आठ पार्टियों की सरकार चलाने वाले हैं जो अपने आप मे एक चुनौती भरा कार्य है येर लापिद (Yair Lapid) की पहल से गठबंधन में दक्षिणपंथी, वामपंथी, मध्यमार्गी तीनों विचारधारा वाली पार्टियाँ है। नफ्ताली के प्रधानमंत्री बनने के बाद वेस्ट बैंक में यहूदी बस्ती की मांग करने वाले यहूदियों के दबाव पर नफ्ताली को रास्ता निकालना होगा। हमास और इजरायल के बीच के तनाव का हल निकालना होगा। फिलिस्तीन पर आक्रामक रुख रखने वाले नफ्ताली की सरकार में फिलिस्तीन के मुद्दों पर बड़ा मतभेद है। इन चुनौतियों पर नफ्ताली बेनेट का राजनीतिक भविष्य टिका है तथा समय एवं संयम ही उसे बरकरार रख सकता है।
Content Credit: SA News Channel