Al-Qaeda Al-Zawahari killed: सामने आया है कि इस हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक ‘निंजा मिसाइल’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेलफायर आर9एक्स हथियार का इस्तेमाल किया। यह वही हथियार है, जिससे अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को मार दिया गया था।
बताया जा रहा है कि अमेरिका ने जिस किलर ड्रोन से जवाहिरी के किले को निशाना बनाया, वह किसी खाड़ी देश जैसे कतर से उड़कर पाकिस्तान के रास्ते काबुल तक गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ड्रोन विमान बिना जनरल बाजवा की मंजूरी के पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से उड़कर नहीं जा सकता था। अमेरिकी किलर ड्रोन को रास्ता देने का ही इमरान खान विरोध करते थे लेकिन शहबाज राज में अमेरिका को यह मंजूरी दी गई। पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ ने खुलासा किया है कि जवाहिरी पर हमले से दो दिन पहले ही अमेरिकी सेना के एक शीर्ष जनरल ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा से बातचीत की थी।
अलजवाहिरी (Al-Qaeda Al-Zawahari) के हर मूवमेंट की खबर पाक सेना को थी
कहा जा रहा है कि अलजवाहिरी को मरवाने में पाकिस्तान का हाथ है और पाकिस्तान की सेना को अलजवाहिरी के हर मूवमेंट की खबर थी. सूत्रों के मुताबिक ये जानकारी भी सामने आई है कि पाकिस्तान ने पैसे लेकर अलजवाहिरी को मरवाया है. अमेरिका से उसे तगड़ा फंड मिलने की बात की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा अमेरिका में कई लोगों के साथ संपर्क में थे. पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले ही फंड की डिमांड की थी.
अमेरिकी सैन्य कैंप के पास थी हमले की जगह
रिपोर्ट्स में सामने आया है कि अल-जवाहिरी को शिपुर इलाके में मारा गया है। यह वही इलाका है, जहां अफगानिस्तान में अमेरिका ने सैन्य कैंप बनाया था। तालिबान के सत्ता में आने के समय, करीब एक साल पहले अमेरिका ने इस कैंप को खाली कर दिया था।
अब जानते हैं निंजा मिसाइल के बारे में
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-जवाहिरी की मौत की अब तक जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें न ही किसी विस्फोट के निशान मिले हैं और न ही किसी खून-खराबे के। इसके बावजूद सीआईए ने इस मिशन को अंजाम दिया। दरअसल, ड्रोन हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक हेलफायर आर9एक्स मिसाइल का इस्तेमाल किया। यह मिसाइल अन्य मिसाइलों की तरह विस्फोट नहीं करती।
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बल्कि, इसके अंदर से चाकू जैसे ब्लेड्स निकलते हैं, जो टारगेट पर सटीक निशाना लगाते हैं। हेलफायर मशीन को काफी घातक और टारगेट पर सटीक निशाना बनाने के लिए ही पहचाना जाता है। इससे आस-पास के लोगों को कोई चोट नहीं पहुंचती है। अपने संबोधन में, जो बाइडन ने कहा भी है कि सटीक हमले में जवाहिरी के परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ।
कौन था अल ज़वाहिरी (Al-Qaeda Al-Zawahari) ?
अल ज़वाहिरी ओसमा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा का सबसे बड़ा चेहरा था. ओसामा बिन लादेन को 11 साल पहले अमेरिका के सील कमांडोज ने पाकिस्तान के जलालाबाद में मार गिराया था. वैसे तो अल ज़वाहिरी कई आतंकी घटनाओं को रच चुका था लेकिन अमेरिका ने 11 सिंतबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन के टावरों पर हुए हमलों में लगभग 3,000 लोग मारे जाने के बाद उसकी तलाश शुरू की थी. 2001 में अफगानिस्तान पर अमेरिका के हमले के बाद ओसामा बिन लादेन और अल ज़वाहिरी दोनों ही अफगानिस्तान छोड़ कर भाग गए थे.
लादेन का निजी डाक्टर और प्रमुख सलाहकार था जवाहिरी
- जवाहिरी 14 साल की उम्र में वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था।
- इसके बाद जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद का गठन किया था।
- जवाहिरी ने 1978 में काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की।
- अल-कायदा सरगना जवाहिरी 71 साल का था।
- लादेन की मौत के बाद जवाहिरी ही अल-कायदा का बड़ा नाम और पहचान था, जिसपर अमेरिका ने 25 मिलियन डालर का इनाम रखा था।
- अमेरिकी फोज द्वारा लादेन को ढेर करने के लगभग 11 साल बाद जवाहिरी को मौत के घाट उतारा गया है।
- इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद एक ऐसा उग्रवादी संगठन था, जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था।
- 1980 के दशक में जवाहिरी ने उग्रवादी आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- जेल से बाहर आने के बाद जवाहिरी ने देश छोड़ दिया और हिंसक अंतरराष्ट्रीय जिहादी आंदोलनों में शामिल हो गया।
- जवाहिरी ने लादेन के साथ मिलकर अमेरिका के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और 11 सितंबर 2001 के हमलों को अंजाम दिया था।
- जवाहिरी को लादेन का निजी डाक्टर भी कहा जाता था।
- अगस्त 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर बमबारी में भी जवाहिरी की भूमिका निभाई रही।
- मई 2011 में अमेरिकी द्वारा लादेन को मारने में बाद जवाहिरी अल कायदा का प्रमुख बन गया था।
Al-Qaeda Al-Zawahari | ड्रोन हमले में मारा गया अलजलाहिरी
Al-Qaeda Al-Zawahari | कहा जा रहा है कि अलकायदा (Al-Qaeda) के सरगना अलजवाहिरी (Al-Zawahiri) को मारने के लिए अमेरिका (America) ने पाकिस्तानी बेस (Pakistani Base) का इस्तेमाल किया है. तो वहीं पाकिस्तानी सेना ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है कि इस कार्रवाई में पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं किया है. अमेरिका ने अलजवाहिरी को 31 जुलाई की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर मार गिराया था. अलजवाहिरी काबुल (Kabul) के शेरपुर इलाके में छिपा हुआ था और जैसे ही ये बालकनी से बाहर निकला अमेरिकी ड्रोन (Drone) ने इसे मार गिराया.
अमेरिका ने किया जवाहिरी की मौत का दावा
इधर, बाइडेन प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि काबुल में रविवार की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर अल-कायदा चीफ को मार गिराया गया. इसके साथ ही यह दावा किया गया कि इसमें किसी अन्य व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. परिवार के लोगों को इसमें निशाना नहीं बनाया गया और ना ही कोई क्षति पहुंची है. सूत्रों के मुताबिक, भारत को पहले ही अलकायदा के मारे जाने की जानकारी थी. अमेरिकी प्रशासन सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन अल-जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि हो जाने के बाद जानकारी सार्वजनिक करना चाहता था. इसीलिए बयान जारी करने में इतना वक्त लग गया.
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कौन था अल ज़वाहिरी?
अल ज़वाहिरी ओसमा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा का सबसे बड़ा चेहरा था. ओसामा बिन लादेन को 11 साल पहले अमेरिका के सील कमांडोज ने पाकिस्तान के जलालाबाद में मार गिराया था. वैसे तो अल ज़वाहिरी कई आतंकी घटनाओं को रच चुका था लेकिन अमेरिका ने 11 सिंतबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन के टावरों पर हुए हमलों में लगभग 3,000 लोग मारे जाने के बाद उसकी तलाश शुरू की थी. 2001 में अफगानिस्तान पर अमेरिका के हमले के बाद ओसामा बिन लादेन और अल ज़वाहिरी दोनों ही अफगानिस्तान छोड़ कर भाग गए थे.