Arun Bali Death News [Hindi]: नहीं रहे अरुण बाली, 79 की उम्र में निधन’, हे राम’, ‘3 इडियट्स’ में कर चुके हैं काम

Arun Bali Death News [Hindi] नहीं रहे अरुण बाली, 79 की उम्र में निधन

Arun Bali Death News [Hindi] : बॉलीवुड और टीवी जगत के दिग्गज कलाकार अरुण बाली (Arun Bali) का निधन हो गया है. अरुण बाली ने 79 साल की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभिनेता काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. अरुण बाली ने अपने करियर में कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है. अभिनेता बॉलीवुड में काफी लंबे समय से एक्टिव थे.

इन फिल्मों में किया है काम

खलनायक (1993), कायदा कानून (1993), फूल और अंगार (1993), आ गले लग जा (1994), आजा मेरी जान (1993), पुलिस वाला गुंडा (1995), मासूम, सबसे बड़ा खिलाड़ी(1995), बर्फी, 3 इडियट, हे राम, आंखें, लगे रहो मुन्ना भाई, रेड्डी, ओह माय गॉड, पीके, 1920: लंदन, बागी 2, केदारनाथ, पानीपत जैसी शानदार फिल्मों में अरुण बाली अहम किरदार में नजर आ चुके हैं.  अरुण बाली की आखिरी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ थी. इसके बाद अभिनेता किसी भी फिल्म में नजर नहीं आए. लाल सिंह चड्डा में भी अभिनेता कुछ ही समय के लिए नजर आए थे. अरुण बाली ने अपने करियर में कई अवॉर्ड्स भी अपने नाम किया है.

अरुण बाली का करियर

Arun Bali Death News [Hindi]: अरुण ने अपने करियर में हर तरह के किरदार और प्लैटफॉर्म पर काम किया है। उनकी रौबदार आवाज से लेकर प्यारी मुस्कान तक दर्शक उन्हें खूब पसंद करते थे। एक्टर ने अपने लंबे करियर में कई ऐसी फिल्में दी जिसके लिए दर्शक उन्हें आज भी याद करते हैं। कुमकुम, चाणक्य, मर्यादा और आरोहण जैसे टीवी सीरियल्स के अलावा 3 इडियट्स, पीके, केदारनाथ, जमीन और सौगंध जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता।

Also Read | Mahsa Amini Death [Hindi] | हिजाब विवाद में झुलसा ईरान, महसा अमिनी की मौत पर विरोध प्रदर्शन में 92 लोगों की मौत

उनकी आखिरी फिल्म GoodBye अमिताभ बच्चन के साथ रही, जो आज यानी 7 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। इसमें अमिताभ के अलावा रश्मिका मंदाना, नीना गुप्ता, सुनील ग्रोवर, पावेल गुलाटी, आशीष विद्यार्थी, एली अवराम, साहिल मेहता, शिविन नारंग और अभिषेक खान भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

Arun Bali Death: दादा के किरदार से मिली पहचान

अरुण बाली के किरदारों की बात करें तो उन्होंने 1991 में शो ‘चाणक्य’ में किंग पोरस की भूमिका निभाकर सभी को अपनी ओर आकर्षित किया था। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले शो ‘स्वाभिमान’ में उनके किरदार कुंवर सिंह को भी काफी प्रशंसा मिली थी। शो ‘कुमकुम’ में जब उन्होंने हर्ष वधाना का किरदार निभाया तो वे हर घर में फेमस हो गए। उनके प्यारे से चेहरे के कारण उन्हें मुख्यत: फिल्मों और टीवी में दादा के किरदा दिए जाते थे और वे सहर्ष इन किरदारों को किया करते थे।

90 के दशक में शुरू किया था फिल्मी करियर

अरुण बाली ने 90 के दशक में रिलीज हुई फिल्म सौगंध से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। साल 1991 में अक्षय कुमार की फिल्म सौगंध रिलीज हुई, जिसमें अरुण बाली को पहली बार देखा गया। इसके बाद उन्होंने राजू बन गया जेंटलमैन, खलनायक, जब वी मेट, फूल और अंगारे, लगे रहो मुन्ना भाई, ओम जय जगदीश, मनमर्जियां, पानीपत, सम्राट पृथ्वीराज और केदारनाथ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय करके दर्शकों का दिल जीता।

Also Read | Mithilesh Chaturvedi Death [Hindi] : बॉलीवुड अभिनेता मिथिलेश चतुर्वेदी ने मुंबई में ली आखिरी सांस

अरुण बाली को दर्शकों ने कुछ दिनों पहले आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा में छोटा सा किरदार निभाते देखा था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पायी थी, जिस कारण यह उम्मीद कम थी कि लोग इसे याद रखते लेकिन लाल सिंह चड्ढा अरुण बाली की आखिरी फिल्मों में से है, जिसके चलते आमिर खान की यह फिल्म सालों साल लोगों को याद रहेगी।

Arun Bali Death News [Hindi]: मायस्थीनिया ग्रेविस के लक्षण

मायस्थीनिया ग्रेविस के लक्षण रोग की गंभीरता और बीमारी से शरीर का कौन सा भाग ज्यादा प्रभावित हुआ है, आदि के आधार पर ज्यादा होते हैं। हालांकि, इससे कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं जैसे –

  • आंख की मांसपेशियां कमजोर होना (ऑक्यूलर मायस्थीनिया)
  • एक या दोनों पलकें लटक जाना
  • धुंधला दिखना
  • दोहरी दृष्टि (हर चीज दो दिखना)
  • सांस न लेने पाना
  • ठीक से निगल न पाना
  • ठीक से बोल न पाना

क्या है मायस्थीनिया ग्रेविस का इलाज

मायस्थीनिया ग्रेविस को इलाज की मदद से पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, हालांकि, इसके लिए उपलब्ध ट्रीटमेंट की मदद से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। मायस्थीनिया के लिए उपलब्ध इलाज की मदद से इस रोग से हो रही जटिलताओं को कम किया जा सकता है, जिससे इस से ग्रस्त व्यक्ति का जीवन थोड़ा आसान हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *