G20 शिखरसम्मेलन 2022: भारत को मिली G20 की अध्यक्षता,पीएम मोदी बोले- हर भारतीय के नागरिकों लिए बहुत बड़ी गर्व की बात है. जी 20 देशों का पहला काम बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण करना है । साथ ही सरकारों को कर्ज के स्तर को अनिवार्य रूप से बढ़ाएं बिना कमजोर लोगों की मदद करने के तरीके खोजने होंगे। इससे संबंधित एक प्रमुख चिंता यह सुनिश्चित करना होगा कि भारी जोखिमों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाए।
एक मजबूत,टिकाऊ,संतुलित और समावेशी रिकवरी के लिए जी-20 द्वारा संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता है और बदले में इस तरह की सख्त कार्रवाई के लिए यूक्रेन में शांति स्थापित करने के साथ-साथ आने वाले समय में उसके विखंडन को रोकने में मदद की भी आवश्यकता है।
व्यापार को लेकर जी-20 नेताओं को अधिक खुले और पारदर्शी नियम आधारित व्यापार पर जोर देने की आवश्यकता है जो वस्तु के वैश्विक कमी को दूर करने में मदद करेगा।
वैश्विक मूल्य के लचीलेपन को मजबूत करने से भविष्य के झटकों से बचने मदद मिलेगी।
- G20 शिखर सम्मेलन क्या है?
- G20 शिखर सम्मेलन चर्चा में क्यों?
- G20 के सदस्य देश कौन कौन से हैं?
- G20 के सदस्य देशों के समक्ष क्या-क्या चुनौतियां हैं?
- शिखर सम्मेलन के परिणाम…
- अगला g20 सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में किया जाएगा
G20 शिखर सम्मेलन क्या है?
परिचय:
G20 का गठन वर्ष 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था,जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है।
साथ में जी-20 देशों में दुनिया की 60% आबादी वैश्विक जीडीपी का 80% और वैसे व्यापार का 75% शामिल है।
G20 शिखर सम्मेलन चर्चा में क्यों?
हाल ही में जी-20 के 17वे वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी की गई।जिसे इंडोनेशिया की अध्यक्षता में बाली में *रिकवर टुगेदर,रिकवरी स्ट्रांगर* विषय के तहत आयोजित किया गया।
G20 के सदस्य देश कौन कौन से हैं?
जी-20 समूह में अर्जेंटीना,ऑस्ट्रेलिया,ब्राजील, कनाडा,चीन,यूरोपियन यूनियन ,फ्रांस,जर्मनी,भारत,इंडोनेशिया,इटली,जापान,मेक्सिको,रूस,सऊदी अरब,दक्षिण अफ्रीका,कोरिया गणराज्य,तुर्की,यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है।
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जी-20 देशों के सदस्यों के समक्ष चुनौतियां…
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का प्रभाव:
- रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण ने न केवल बड़े पैमाने पर भी राजनीतिक अनिश्चितता पैदा की है बल्कि वैश्विक मुद्रा स्फीति को भी बढ़ा दिया है।
- पश्चिमी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है।
- कई देशों में ऐतिहासिक मुद्रास्फीति के उच्च स्तर ने इन देशों में क्रय शक्ति को कम कर दिया है। इस प्रकार आर्थिक विकास को धीमा कर दिया है।
बढ़ती मुद्रास्फीति का प्रभाव:
उच्च मुद्रास्फीति के जवाब में देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है जिसके कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी आई है।
प्रमुख अर्थव्यवस्था की मंदी :
वैश्विक विकास के प्रमुख इंजनों में से एक चीन में तीव्र मंदी देखी जा रही है क्योंकि यह एक रियल एस्टेट संकट से जूझ रहा है।
शिखर सम्मेलन के परिणाम
रूसि आक्रामकता की निंदा:
सदस्य देशों ने यूक्रेन में रूस की आक्रामकता के कड़े शब्दों में निंदा करते हुए घोषणा को अपनाया और इससे बिना शर्त वापस लेने की मांग की।
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उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की निंदा की,”स्थिति और प्रतिबंधों को लेकर विभिन्न विचार और अलग-अलग आकलन थे।”
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर रोक:
G20 अर्थव्यवस्था ने अपनी घोषणा में ब्याज दरों में वृद्धि को सावधानीपूर्वक गति देने पर सहमति व्यक्त की और मुर्दा के मामले में बड़ी हुई अस्थिरता को लेकर चेतावनी दी है जिसमें कोविड-19 महामारी को ठीक करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा परिवर्तन :
नेताओं ने खाद्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए कार्रवाई का वादा किया और ब्लैक सी ग्रेन पहल की सराहना की।
जलवायु परिवर्तन:
जी-20 नेताओं ने वैश्विक तापमान वृद्धि को 5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त कि पुष्टि करते हुए कि व जलवायु पर परिजनों पर लक्ष्य के साथ खड़े हैं।
स्वास्थ्य परिवर्तन:
नेताओं ने स्वस्थ और स्थाई रिकवरी को बढ़ावा देने के लिए अपनी निरंतर प्रतिबद्धता व्यक्त की जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राप्त करने और उसे बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
नेताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की अग्रणी और समन्वय भूमिका तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से समर्थन के साथ वैश्विक स्वास्थ्य स्वास्थ्य को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
डिजिटल परिवर्तन:
नेताओं ने सतत् विकास लक्ष्य तक पहुंचने में डिजिटल परिवर्तन के महत्व को पहचाना।
उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं,लड़की और कमजोर स्थितियों में रह रहे लोगों के लिए डिजिटल परिवर्तनों के सकारात्मक प्रभाव को दूर करने हेतु डिजिटल कौशल्य डिजिटल साक्षरता को और अधिक विकसित करने हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित किया।
अगला g20 सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में किया जाएगा
अब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता का प्रभार संभाल लिया है और 18वां शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर 2023 को (नई दिल्ली)भारत में आयोजित किया जाएगा। जी-20 समूह में 19 देशों और यूरोपीय संघ शामिल है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को G-20 की अध्यक्षता सौंपी है। भारत 1 दिसंबर से अधिकारिक तौर पर जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।