Last Updated on 18 June 2024 IST | International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking 2024 [Hindi] : आज अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस है। यह हर साल 26 जून को दुनियाभर में एक साथ मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 1987 में मनाया गया था। जब संयुक्त राष्ट्र ने साल 1987 में एक प्रस्ताव पेश कर समाज को नशा मुक्त करने की बात की थी। इस प्रस्ताव को सदस्य देशों की सहमति मिली। इसके बाद से हर साल 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध मनाया जाने लगा। इसका मुख्य मकसद लोगों को नशा और इससे होने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक करना है।
International Drug Abuse Day History in Hindi
आधुनिक समय में नशा का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। जानकारों की मानें तो पूर्व में भी नशा किया जाता था। हालांकि, इसका उद्देश्य समाज को दूषित करना कतई नहीं था, लेकिन आजकल नशा की परिभाषा बदल गई है। आजकल बच्चे-बड़े सभी नशे करते हैं। बच्चे तो कई प्रकार के नशा करने लगे हैं, जिनमें शराब, ड्रग्स और हेरोइन शामिल हैं। बच्चों का नशे में रहना गंभीर चिंता का विषय है। बच्चों के हाथ में देश का भविष्य होता है। इससे आने वाली पीढ़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही खपत अधिक होने से अवैध तस्करी भी जमकर हो रही है। इस दुष्प्रभाव से बच्चों को बचाने हेतु संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की।
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का महत्व (International Drug Abuse Day Importance in Hindi)
इस दिवस का मुख्य मकसद लोगों को नशा से दूर रखना और नशा तस्करी पर लगाम कसना है। इससे बच्चे और बड़ों का भविष्य उज्ज्वल और स्वर्णिम बने। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोगों को नशा के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाता है। नशा करने से न केवल अर्थ यानी धन की क्षति होती है, बल्कि कई बीमारियों घर कर जाती हैं। इससे मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। भारत में भी इसके खिलाफ सख्त कानून बने हैं। हालांकि, सामाजिक सशक्तिकरण और समाज को नशा मुक्त करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
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कब हुई थी इस दिन की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र की आमसभा ने 7 दिसंबर साल 1987 को समाज को नशे के खतरों से मुक्त बनाने के ले मजबूत कदम और वैश्विक एकता बनाने के प्रयास में 26 जून को अन्तरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस मनाने का फैसला किया. यह दिन लिन जेक्स्यू के रणनीतिक तौर पर ह्यूमेन, गुआंगडोंग, चीन में पहले अफीम युद्ध से ठीक पहले अफीम के व्यापार को तहस नहस करने के प्रयास के लिए भी जाना जाता है.
क्या है साल 2024 की थीम (International Drug Abuse Day Theme in Hindi)
संयुक्त राष्ट्र ने अन्तरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस के लिए साल 2024 की Theme “स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान” (“Addressing drug challenges in health and humanitarian crises”) रखी है. भारत में लोगों को यह संदेश साझा करने की जरूरत है. नशे का व्यापार भारत सहित दुनिया के कई देशों को बहुत नुकसान पहुंचाने वाला बनता जा रहा है. कई देश इस व्यापार में बर्बाद हो गए हैं.
कौन है भारत के वह परमसंत जिनके आशीर्वाद मात्र से लाखों-करोड़ों युवाओं ने नशा करना छोड़ा?
वे परम संत कोई और नहीं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं। उनके अनुयाई किसी भी प्रकार का कोई भी नशा नहीं करते और जिन लोगों में पहले से नशा करने की बुरी लत थी, संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा (निशुल्क) लेने के बाद, उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उनकी भी नशे की आदत छूमंतर हो गयी। नशा मुक्ति के लिए दुनियाभर की सरकारें तमाम प्रयास कर रही है किंतु सब व्यर्थ साबित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तान के एक परम संत के आशीर्वाद और सतज्ञान से लाखों-करोड़ों युवा नशा मुक्त हो रहे हैं और स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
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वर्ल्ड ड्रग दिवस (World Drug Day) Quotes in Hindi
- ड्रग्स छोड़ना दुनिया का सबसे आसान काम है। मुझे पता है क्योंकि मैंने ये हज़ारों बार किया है। ~ मार्क ट्वैन
- जो करे ड्रग्स का नशा, उसने की अपने अनमोल जीवन की दुर्दशा।
- दारू पिने से तो दरिद्रता आती हैं और ड्रग्स से बिमारी, इनसे दूर रहो मत दिखलाओ यारी।