Rahat Indori Death: दुनिया के मशहूर शायर राहत इंदौरी का निधन, 70 साल की उम्र में कहा दुनिया को अलविदा। दुनियाभर में शायर के नाम से मशहूर राहत इंदौरी अब हमारे बीच में नहीं रहे। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही इंदौरी साहब कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे, उसके बाद से ही उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी।
9 अगस्त को इंदौरी साहब को खांसी जुकाम और बुखार की शिकायत हुई, उन्हें निमोनिया से पीड़ित पाया गया। उसके बाद उन्हें फौरन इंदौर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंसेस में रेफर कर दिया गया। बताया यह जा रहा है कि मंगलवार शाम 5:00 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
राहत इंदौरी का जीवन परिचय
Rahat Indori Death: राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर मध्यप्रदेश में हुआ, उनका वास्तविक नाम राहत था। पैसे से वह एक कवि, गीतकार और शायर थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने 1985 में भोज विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश से उर्दू साहित्य में पीएचडी की, तथा वे उर्दू साहित्य में प्राध्यापक भी रहे। उनके पिता का नाम राफतुल्लाह कुरैशी था, और उनकी माता का नाम मकबूल उन निसा बेगम था। इनके पिताजी एक कपड़ा मिल में कर्मचारी थे, यह मुस्लिम धर्म से संबंधित थे।
Rahat Indori Death: इंदौरी साहब का लोकप्रिय शब्द
‘तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो’
बेटे सतलज ने इंदौरी साहब का आखिरी शेर मीडिया से किया साझा
नए सफ़र का जो ऐलान भी नहीं होता,
तो ज़िंदा रहने का अरमान भी नहीं होता
तमाम फूल वही लोग तोड़ लेते हैं,
जिनके कमरों में गुलदान भी नहीं होता
ख़ामोशी ओढ़ के सोई हैं मस्ज़िदें सारी,
किसी की मौत का ऐलान भी नहीं होता
वबा ने काश हमें भी बुला लिया होता
तो हम पर मौत का अहसान भी नहीं होता…
Rahat Indori Death: राहत इंदौरी के फिल्मी गीत
- “आज हमने दिल का हर किस्सा (फ़िल्म-सर)
- तुमसा कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है (फ़िल्म- खुद्दार)
- तुम मानो या न मानो, पर प्यार इंसां की जरूरत है (फ़िल्म- खुद्दार)
- रात क्या मांगे एक सितारा (फ़िल्म- खुद्दार)
- दिल को हजार बार रोका रोका रोका (फ़िल्म- मर्डर)
- एम बोले तो मास्टर मैं मास्टर (फ़िल्म- मुन्नाभाई एमबीबीएस)
- बुम्बरो बुम्बरो श्याम रंग बुम्बरो (फ़िल्म- मिशन कश्मीर)
- चोरी-चोरी जब नजरें मिलीं, चोरी चोरी फिर नींदें उड़ीं (फ़िल्म- करीब)
- देखो-देखो दिल तेरे लिए लाए (फ़िल्म- इश्क़)
- नींद चुराई मेरी ओ सनम तूने (फ़िल्म- इश्क़)
- कोई जाए तो ले आए मेरी लाख पाए (फ़िल्म- घातक)”
Rahat Indori Death: राहत इंदौरी की पत्नी सीमा राहत ने बताया कि वो शायरी के साथ-साथ भोजन भी बहुत अच्छा पकाते थे। बतौर सीमा राहत और इंदौरी साहब अक्सर दोनों एक साथ किचन में खाना बनाया करते थे। उन्हें गोश्त बनाने का बहुत शौक था। सीमा ने नम आंखों से उन्हें याद करते हुए कहा कि उनके साथ जिंदगी में कई सफर किए। सभा सफर यादगार रहा। पांच बार उमराह कर चुकी हूं। उन्होंने कहा कि शायर की बीवी होना फख्र की बात है।
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राहत इंदोरी साहब का अचानक चला जाना उर्दू शायरी के लिए बहुत बड़ा नुकसान : अशोक गहलोत
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिलअजीज शायर राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताते हुए इसे उर्दू शायरी के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान बताया है।
नितीश ने राहत इंदौरी के निधन पर जताया गहरा शोक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उर्दू के मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि इंदौरी एक मशहूर शायर के साथ-साथ एक बेहतरीन शख्सियत भी थी। अपनी शायरी और नज्म की बदौलत वह प्रशंसकों के दिलों पर राज करते थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिये भी कई गीत लिखे थे। उनके निधन से साहित्य और उर्दू शायरी के क्षेत्र को तगड़ा झटका लगा है।
इंदौरी साहब के निधन पर शिवराज सिंह चौहान की संवेदना
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए एक अपूरणीय घटना है।’’
पूर्ण परमात्मा की भक्ति के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ
सत्संग के माध्यम से हमें यह ज्ञान होता है कि यह मनुष्य जन्म केवल हमें पूर्ण परमात्मा की भक्ति के लिए मिला है। यदि एक बार मनुष्य जन्म हाथ से छूट गया तो हमें बहुत ही बताना पड़ेगा।
परमात्मा बताते हैं कि:
कबीर मानुष जन्म दुर्लभ है यह मिले ना बारंबार।
तरुवर से पत्ता टूट गिरे वो बहुर ना लगता डाल।।
हमें संसारी कामों को करते-करते परमात्मा को भी याद करना चाहिए
यह मनुष्य जन्म हमें 84 लाख प्रकार के प्राणियों में महाकष्ट झेलने के बाद प्राप्त होता है। और यह केवल हमें सत भक्ति करके इस गंदे लोग से छुटकारा पाने के लिए ही मिलता है। मनुष्य जन्म मिलने के बाद तत्वदर्शी संत का मिलना कठिन होता है और यदि तत्वदर्शी संत मिल जाए तो उस समय हमारा मनुष्य का जन्म नहीं रहता।
जिस मनुष्य जन्म के लिए देवी देवता भी तरसते हैं वह आज हमें बिलकुल आसानी से प्राप्त है लेकिन आज हम इस मनुष्य जन्म की कीमत नहीं समझ रहे। लेकिन मृत्यु के पश्चात जब धर्मराज के दरबार में खड़े किए जाओगे और उसके बाद नर्क और फिर 84 लाख में डाल दिए जाओगे तब हमें इस मनुष्य जन्म की कीमत समझ में आएगी।
यदि हमने मनुष्य जन्म मिलने के बाद पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति की होती तो आज हमें यह कष्ट नहीं झेलने पड़ते। इसलिए समय रहते हमें तत्वदर्शी संत की शरण ग्रहण कर लेना चाहिए जो हमें इस जन्म मरण रूपी भयंकर दुख से निजात दिला सके।